ज़िक्र-ए-शोहदा कर्बला, महफ़िल-ए-मिलाद, कुरानख़्वानी व नियाज़ और नज़र अपने घरों में करें- सलमान मियां !

इस्लामिक नया साल का आग़ाज़ मोहर्रम-उल-हराम से शुरू हो गया है। मोहर्रम पर दरगाह आला हज़रत से जमात रज़ा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय उपाध्याय सलमान मियां ने अवाम-ए-अहले सुन्नत से अपील की है कि मुसलमान मोहर्रम शरीयत के दायरे में रहकर ही मनाए। उन्होने इबादत के साथ-साथ ऐसे समाजिक कार्य करने को कहा है, जिससे अल्लाह उसका रसूल खुश हो। सभी मुसलमान अपने घरों में महफ़िले कर कर्बला का वाकया बयान करें। जलसों ज़िक्र-ए-शोहदा कर्बला, महफ़िल-ए-मिलाद, कुरानख़्वानी व नियाज़ और नज़र सब अपने घरों में करें। सडकों पर बिल्कुल न करें। खुसूसी 9 वा 10 मोहर्रम को घरों में रहकर इबादत करें। रोड़ों पर बिल्कुल न घूमें और न ही कहीं भीड़-भाड़ होने दे। मोहर्रम की 9वीं, दसवीं या दसवीं 11वीं का रोज़ा रखें। मुसलमान मोहर्रम पर गैर शरई कामो से बचें। शरीयत में ढोल-ताशे बजाना हराम है। मोहर्रम में मुसलमान इन चीज़ो से बचें।

लंगर करें, पानी और शरबत की सबीर लगाए, गग़ब और ज़रुरतमंदो की दिल खोल कर मदद करें। इस वक़्त कोरोना महामारी के चलते जलसे, जुलूस नहीं हो पा रहें है। जिसके ज़रिया इमाम हुसैन के खूबियाँ से लोगों आगाह किया जा सकें, ऐसे में मस्जिदो के इमामों को चाहिए कि ईशा बाद या किसी और समय में माइक पर थोड़ी देर हज़रत इमाम हुसैन की सीरत पर रौशनी डालें। जिससे लोग अपने-अपने घरों पर सुन सकें। जमात रज़ा के प्रवक्ता समरान खान ने बताया जमात रज़ा-ए-मुस्तफ़ा की ओर से भी देश-विदेश में 1 मोहर्रम से 12 मोहर्रम तक रोज़ रात को 9:30 बजे से ऑनलाइन प्रसारण इस लिंक पर https://youtu.be/hf8r40Z1heA

http://mixlr.com/jamat-raza-e-mustafa-mumbai

https://www.facebook.com/jrmmumoffice ज़िक्र-ए-शोहादा-ए-कर्बला का सुन सकतें है और इस लिंक को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है ।

 

 

बरेली से मोहम्मद शीराज़ ख़ान की रिपोर्ट !

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