सराफा कारोबारियों ने प्रदर्शन कर किया विराेध

बरेली : हॉलमार्किंग यूनिक आईडेंटिफिकेशन नंबर (एचयूआईडी) की अनिवार्यता के विरोध में सराफा कारोबारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। हालांकि दोपहर बाद कुछ व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान खोल लिए। हड़ताल के चलते जिले में 20 करोड़ से अधिक का सराफा कारोबार प्रभावित हुआ।

जिले में सभी सराफा प्रतिष्ठानों पर ताले लटके रखे। एचयूआईडी का प्रावधान वापस लेने की मांग को लेकर जुटे व्यापारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आलमगीरीगंज में प्रदर्शन के दौरान व्यापारियों ने कहा कि उन्हें हालमार्किंग की अनिवार्यता से तो कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन हालमार्क ज्वेलरी पर यूनिक आईडेंटिफिकेशन नंबर का प्रावधान स्वीकार नहीं है। एचयूआईडी कोड की मुहर के बाद अगर सोने में खोट होगी तो रिटेलर सराफा कारोबारियों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। एचयूआईडी लागू होने के बाद दो ग्राम से अधिक वजनी सोने के गहनों का पूरा विवरण रखना होगा। सोना कहां से आया, किस कारीगर ने बनाया, किस ग्राहक को बेचा गया, इसका पूरा रिकॉर्ड मेंटेन करना होगा। एचयूआईडी के प्रावधान के बाद तमाम और तरह की कागजी कार्यवाही भी करनी पड़ेगी। इन सब अड़चनों के चलते कारोबार करना मुश्किल होगा। व्यापारियों ने चेतावनी दी कि अगर सरकार एचयूआईडी की अनिवार्यता का फैसला वापस नहीं लेती है तो आने वाले दिनों में बेमियादी बंदी की जाएगी।

एचयूआईडी के विरोध में हड़ताल के चलते शहर के अधिकांश सराफा कारोबारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। हालांकि बड़े कारोबारियों ने हड़ताल को अपना समर्थन नहीं दिया। बंद को समर्थन देने के बावजूद दोपहर बाद साहूकारा, आलमगीरीगंज समेत अन्य बाजारों में भी कुछ छोटे व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान खोल लिए।

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