बरेली का स्वास्थ्य विभाग दे रहा तीसरी लहर को आमंत्रण, कागजों में कर रहा फोकस सैंपलिंग, जानिए हकीकत

बरेली : कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर जल्द ही आने की आशंका विशेषज्ञ जता चुके हैं। हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इससे बचने के लिए कोविड गाइडलाइन का पालन करने की नसीहत दी है। वहीं, शासन ने भी तीसरी लहर से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग से महाराष्ट्र, केरल समेत दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों की फोकस सैंपलिंग करने पर जोर दिया है।

बावजूद इसके जिले में कोविड गाइडलाइन का पालन करने और कराने वाले दोनों लापरवाही बरत रहे हैं। ये आदेश कागजों पर तो हैं, लेकिन हकीकत की जमीन पर आदेश के अगले दिन ही दोपहर में फोकस सैंपलिंग की छुट्टी हो जाती है। ऐसे में ये लापरवाही तीसरी लहर को आमंत्रण भी दे सकती है।

दोपहर डेढ़ बजे ही उठकर चली गई फतेहगंज पश्चिमी की टीम

दिल्ली से जिले की सरहद पर फतेहगंज पश्चिमी क्षेत्र है। यहां टोल प्लाजा के पास बाहर से आने वाले लोगों की फोकस सैंपलिंग करने के आदेश दिए गए थे। जागरण ने शासनादेश के बाद फतेहगंज पश्चिमी टोल प्लाजा पर जांच करने की पड़ताल की। यहां लैब टेक्नीशियन दोपहर 1.30 बजे ही सैंपलिंग खत्म कर जाने की तैयारी कर चुके थे। कुछ ही देर में टीम उठकर चली गई।

साढ़े तीन घंटे में कर दिए 164 टेस्ट

टीम सुबह करीब दस बजे से टोल प्लाजा के पास सैंपलिंग कर रही थी। यहां से दोपहर करीब डेढ़ बजे टीम चली गई। इस दौरान टीम ने साढ़े तीन घंटे में 164 सैंपल लिए। इनमें से 50 एंटीजन टेस्ट और 114 आरटीपीसीआर जांच हुई। हालांकि इसमें एक भी पाजिटिव केस नहीं मिला।

बस अ़ड्डे और जंक्शन पर भी बेहद कम सैंपलिंग

बरेली में पुराना बस अड्डा और सैटेलाइट बस अड्डे के अलावा बरेली जंक्शन, सिटी स्टेशन और इज्जतनगर रेलवे स्टेशन पर बाहर से यात्री आते हैं। हालांकि सभी जगह फोकस सैंपलिंग के नाम पर खानापूरी हो रही है। हालांकि यहां मौजूद लैब टेक्नीशियनों का कहना है कि अधिकांश मुसाफिर बिना टेस्ट कराए चले जाते हैं, जांच के लिए बेहद कम मुसाफिर मनमर्जी से रुकते हैं। इन्हें रोकने के लिए जंक्शन पर कोई पुलिसकर्मी या आरपीएफ स्टाफ नहीं रहता है। वहीं, बस अड्डे पर भी पुलिस नहीं रहती है।

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