UP News : सीतापुर दिनांक 23 अगस्त 2024 (सू0वि0) काष्ठ आधारित उद्योगों द्वारा कृषि वानिकी प्रोत्साहन हेतु पौध वितरण एवं बाय बैंक गारंटी कार्यक्रम
सीतापुर दिनांक 23 अगस्त 2024 (सू0वि0) काष्ठ आधारित उद्योगों द्वारा कृषि वानिकी प्रोत्साहन हेतु पौध वितरण एवं बाय बैंक गारंटी कार्यक्रम के अन्तर्गत सीतापुर वन प्रभाग की सीतापुर रेंज में माननीय राज्यमंत्री (स्वतन्त्र प्रभार), वन पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उ0प्र0 शासन डॉ0 अरूण कुमार सक्सेना जी द्वारा औद्योगिक ईकाईयों एवं कृषकों के मध्य समन्वय संगोष्ठी एन0के0 रिसॉर्ट, सीतापुर मंे शुक्रवार को आयोजित की गयी, जिसमें माननीय राज्यमंत्री कारागार सुरेश राही, संजय श्रीवास्तव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्य जीव, उ0प्र0, लखनऊ, सुनील चौधरी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, अनुश्रवण एवं कार्ययोजना, उ0प्र0, लखनऊ, श्रीमती रेनु सिंह, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक/मुख्य वन संरक्षक, लखनऊ मण्डल, उ0प्र0, लखनऊ, ललित कुमार वर्मा, सदस्य सचिव, राज्य स्तरीय समिति, काष्ठ आधारित उद्योग, उ0प्र0, लखनऊ एवं अन्य उपस्थित अधिकारीगण संगोष्ठी में उपस्थित हुए व कृषकों एवं उद्यमियों के समक्ष अपने विचार रखें।
कार्यक्रम के दौरान किसानों को पौध वितरित की गयी मा0 मंत्री डा0 अरूण कुमार सक्सेना एवं मा0 मंत्री सुरेश राही ने रिपोर्ट परिसर में पौध रोपण कर सभी को अधिक से अधिक पौधे रोपित करने का संदेश भी दिया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये मा0 मंत्री डा0 अरूण कुमार सक्सेना ने कहा कि पेड़ हमारे पर्यावरण हेतु अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं जहां पर पेड़ होंगे वहां कटान कम होगा, पानी रूकेगा और भूमिगत जल के स्तर में सुधार होगा पेड़ों की पत्तियां भूमि में गिरकर उर्वरा शक्ति बढ़ाती है तथा किसानों के आर्थिक लाभ भी होता है।
उन्होंने कहा कि बिना खाने के हम 13 दिनों तक जीवित रह सकते हैं, बिना पानी के भी 03 दिनों तक जीवित रहा जा सकता है, जब कि बिना आक्सीजन के हम तीन मिनट भी जीवित नहीं रह सकेंगे और यह आक्सीजन हमें पेड़ पौधों से निःशुल्क प्राप्त होती है उन्होंने सभी को पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओं का संदेश देते हुये उपस्थित किसानों को अधिक से अधिक पौध रोपित करने हेतु प्रेरित किया।
उन्होंने कहा कि 36.50 करोड़ पौधारोपण उ0प्र० में करके एक कीर्तिमान स्थापित किया गया है एवं पर्यावरण संरक्षण और वन्य जीवन के संरक्षण के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर और सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने में सहायक सिद्ध होंगे।
जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करने के लिए नीतियां और कार्यक्रम न केवल हमारे प्रदेश, बल्कि पूरे देश के लिए आदर्श हैं यह आयोजन हमारे लिए एक गर्व का क्षण है, क्योंकि पर्यावरण संरक्षण के लिए नई ऊर्जा और दिशा प्राप्त होगी सीतापुर वन प्रभाग के अंतर्गत वर्तमान में कुल 128 विनियर प्लाइवुड, 218 आरामशीनें एवं 04 स्टैंड एलोन चिपर इकाईया संचालित हैं।
सीतापुर जनपद की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर आधारित है। सीतापुर जिले में कृषि वानिकी (एग्रो फॉरेस्ट्री) एक स्थायी भूमि उपयोग की परम्परा रही है इस परम्परा से मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने, जैव विविधता को बढ़ावा देनेे एवं मुख्यतः किसानों की आजीविका में सुधार करने में मदद्गार रही है।
कृषि वानिकी किसानों की आय दोगुनी करने एवं फसल नष्ट हो जाने की स्थिति में एक बीमा/सुरक्षा की तरह भी कार्य करता है। सीतापुर में उपस्थित काष्ठ आधारित उद्योगों की एग्रो फॉरेस्ट्री एवं किसानो की आय में वृद्धि हेतु महत्वपूर्ण भूमिका रही है यह इकाईयां न केवल काष्ठ के उचित मूल्य को सुनिश्चित करती हैं, बल्कि किसानों को प्रोत्साहित भी करती हैं कि वे अपनी भूमि पर वृक्षारोपण करें।
यूकेलिप्टस, पॉपुलर, सैमल आदि के वृक्षों का उत्पादन इन काष्ठ आधारित इकाइयों के माध्यम से अधिक मात्रा मे किया जा रहा है। इससे न केवल किसानों को अच्छी आय प्राप्त हो रही है, बल्कि इन इकाइयों में ग्रामीण और शहरी आबादी के लिए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न हो रहे हैं, जिससे उन्हे दूसरे जनपदों में जाकर रोजगार की तलाश नहीं करनी पड़ती है।
कार्यक्रम के दौरान कृषि वानिकी को बढ़ावा देने हेतु काष्ठ आधारित उद्योगों के प्रतिनिधियों द्वारा किसान भाईयों को निःशुल्क यूकेलिप्टस की पौध वितरित की गई। साथ ही साथ यह वादा भी किया है कि जब पेड़ परिपक्व होगा तो पेड़ की लकड़ी उचित मूल्य पर खरीदेंगे। समस्त उद्यमियों को मिलाकर 50000 से अधिक पौध वितरित की जा रही है।
उत्तर प्रदेश सरकार का वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य में सीतापुर वन प्रभाग के काष्ठ आधारित उद्योग का बड़ा महत्वपूर्ण योगदान है जिसमे सीतापुर जनपद में अभी तक 4235.65 करोड़ का निवेश किया जा रहा है जिसमे सेंचुरी प्लाईवुडस इंडिया लिमिटेड द्वारा 1500 करोड़ का निवेश सिधौली में किया जा रहा है जिसके लिए भूमि का अधिग्रहण भी कर लिया गया है एवं ग्रीनलैम साउथ लिमिटेड द्वारा भी बिसवां में 1500 करोड़ का निवेश किया जा रहा है।
ऐसे ही अन्य उद्यमियो द्वारा काष्ठ आधारित उद्योग में निवेश किया जा रहा है जिससे प्रदेश की अर्थ व्यवस्था सुदृढ़ होगी एवं रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे कृषि वानिकी के सम्बन्ध में कृषकों को अवगत कराया गया कि कृषि वानिकी से भूमि का कटाव की रोकथाम की जा सकती है और भू एवं जलीय संरक्षण करमृदा की उर्वरा शक्ति में वृद्धि की जा सकती है। कृषि वानिकी मे जोखिम कम है।
सूखा पड़ने पर भी बहुउद्देशीय फलों से कुछ न कुछ उपज प्राप्त हो सकती है, बेकार पड़ी बंजर, ऊसर, ऊसर, बीहड़ इत्यादि अनुपयोगी भूमि पर घास, बहुउद्देशीय वृक्ष लगाकर इन्हें उपयोग में लाया जा सकता है और उनका सुधार किया जा सकता है। कृषि वानिकी प्रणाली के अन्तर्गत वृक्षों पर आधारित अनेक औद्योगिक इकाईयां मानव को रोजगार प्रदान करने के साथ-साथ उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति भी करती है।
कृषि वानिकी पद्धति के अन्तर्गत उगाये जाने वाले पौधों से ईधन के साथ-साथ बहुयोगी इमारती लकड़ी भी प्राप्त होती है। जिसका प्रयोग फर्नीचर आदि में किया जाता है।
एग्रो फारेस्ट्री बढ़ावा देने पर वुड बेस्ड इण्डस्ट्री और लगेगी जिससे लकड़ी बेचने और खरीदने वालों अच्छा लाभ होगा। कार्यक्रम के दौरान उद्यमी राजकिशोर एवं पवन बंसल तथा किसान कमलेन्द्र बापजेयी, शिवनारायण, शोभित शुक्ला आदि ने भी अपने विचार रखे।
इसके पूर्व मा0 मंत्री डा0 अरूण कुमार सक्सेना ने लोक निर्माण विभाग गेस्ट हाउस में मा0 जनप्रतिनिधिगणों के साथ बैठक कर मा0 जनप्रतिनिधिगणों से प्राप्त व्यापक जनहित के विषयों पर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश संबंधित विभागीय अधिकारियों को दिये। उन्होंने सिविल लाइन स्थित भगवान चित्रगुप्त मंदिर में दर्शन भी किये।
इस दौरान मा0 कारागार राज्यमंत्री सुरेश राही, प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी नवीन खण्डेलवाल, राष्ट्रीय सचिव अखिल भारतीय, कायस्थ महासभा संजीव सक्सेना, अमित सक्सेना, ललित श्रीवास्तव, डा0 अभिषेक श्रीवास्तव, अजय भार्गव शैलेन्द्र मोहन आदि उपस्थित रहे।
गोपाल चंद्र अग्रवाल संपादक आल राइट्स न्यूज़