फिर एक बार चौथे स्तम्भ को कमज़ोर करने के लिए की गई पत्रकार की हत्या।

फिर एक बार चौथे स्तम्भ को कमज़ोर करने के लिए की गई पत्रकार की हत्या
लोकतंत्र का गला घोंटना चाहती हैं सरकार
पूर्व में हुई थी कानपुर में पत्रकार शिवम मणि त्रिपाठी की खुलेआम गोलियों से भूनकर हत्या
मुरादाबाद।पत्रकारों में अभी पूर्व में हुई कानपुर में शिवम मणि पत्रकार की हत्या का ज़ख्म भरा भी नहीं था कि सरकार की पत्रकारों की सुरक्षा के प्रति लापरवाही ने पत्रकारों को एक जख्म और दे दिया गाजियाबाद में खुलेआम गोली मारकर दबंगों ने पत्रकार विक्रम की हत्या कर दी मामला गाजियाबाद का है जहां एक पत्रकार ने अपनी भांजी के साथ छेड़खानी करने वाले दबंगों के खिलाफ थाने में तहरीर दी तो दरोगा ने उन दबंगों को गिरफ्तार करने के बजाए खुला छोड़ दिया जिसका अंजाम यह हुआ कि दबंगों ने पत्रकार विक्रम को गोली मार दी जिसमें वह घायल हो गए तत्काल परिजनों द्वारा उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां ज़िन्दगी से लड़ते-लड़ते उन्होंने दम तोड़ दिया अब सवाल यह उठता है इस हत्याकांड ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा पत्रकारों के लिए किये जा रहे सुरक्षा के दावो की पोल खोल दी। अपराध ओर भ्रष्टाचार के चोले में लिपटी हुई है उत्तर प्रदेश की पुलिस पत्रकारों को समझती है गुंडा और गुंडों को समझती है अपना संरक्षक खादी और खाकी के गड़जोड से चल रहे है उत्तर प्रदेश में सरकार के काले कारनामे जो भी इनके खिलाफ कलम चलाएगा उस को मौत के घाट उतार दिया जाएगा अभी पूर्व में भी कानपुर में पत्रकार शिवम मणि त्रिपाठी की खुलेआम गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी उन्होंने भी खाकी और खादी के गठजोड़ से सरकारी जमीनों पर चल रहे भू माफियाओं द्वारा अवैध कब्जे के खिलाफ अपनी कलम चलाई थी सरकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को खत्म करने के लिए और संविधान को खत्म करने के लिए पत्रकारों को दबंगों द्वारा निशाना बनवा रही है।अब देखना है कि सरकार फिर पुराने ढर्रे पर काम करेगी या फिर पत्रकार के हत्यारे का हष्र खूंखार दहशतगर्द अपराधी विकास दुबे जैसा करेगी।
ए ज़ालिम तू मेरी कलम को क्या मिटाएगा तेरी हस्ती क्या तेरी औकात क्या
कली बेच देंगे चमन बेच देंगे यह फूलो भरा गुलिस्तां बेच देंगे
अगर सो गए तुम कलम के सिपाही
तो यह एहले सियासत वतन बेच देंगे।
राघवेन्द्र सिंह आल राईट न्यूज़ लखनऊ

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