छह साल से चुनाव से दूरी बनाए रखने वाली बरेली की दो राजनीतिक पार्टियों पर अब संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

बरेली। छह साल से चुनाव से दूरी बनाए रखने वाली बरेली की दो राजनीतिक पार्टियों पर अब संकट के बादल मंडरा रहे हैं। भारत निर्वाचन आयोग ने मौलाना तौकीर रजा खां की पार्टी इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) और संघर्ष समाज पार्टी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। आयोग ने पूछा है कि आखिर क्यों इन्हें पंजीकृत राजनीतिक दलों की सूची से बाहर न कर दिया जाए।

डीएम अविनाश सिंह ने बताया कि नोटिस में साफ तौर पर कहा गया है कि वर्ष 2019 से 2025 तक इन दोनों दलों ने न तो विधानसभा और न ही लोकसभा का कोई चुनाव लड़ा। नियमों के मुताबिक इतनी लंबी निष्क्रियता के बाद इनकी मान्यता पर खतरा तय है।

आयोग ने दोनों दलों को अंतिम अवसर दिया है। अध्यक्ष या महासचिव को शपथपत्र और जरूरी दस्तावेजों के साथ अपना पक्ष 21 अगस्त 2025 तक लखनऊ स्थित मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में जमा करना होगा। मामले की सुनवाई की तारीख भी तय कर दी गई है। 2 और 3 सितम्बर 2025 को लखनऊ में मुख्य निर्वाचन अधिकारी के सामने दोनों दलों को अपनी बात रखने का मौका मिलेगा।

चुनाव आयोग ने साफ चेतावनी दी है कि अगर समय सीमा तक कोई जवाब नहीं आया तो यह माना जाएगा कि दलों के पास कहने को कुछ नहीं है। ऐसे में दोनों को पंजीकृत दलों की सूची से बाहर करने की सिफारिश भारत निर्वाचन आयोग को भेज दी जाएगी।

बरेली से रोहिताश कुमार की रिपोर्ट

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