टेस्ट मैच, 2017 में टेस्ट क्रिकेट ने तोड़ दिए सभी रिकॉर्ड
टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाज का संपूर्ण टेस्ट हो जाता है. लेकिन फिर भी टेस्ट क्रिकेट को देखने उतने दर्शक नहीं पहुंच पाते, जितने वनडे या टी-20 मैच को देखने पहुंचते हैं. एक दो देशों के अलावा जहां भी टेस्ट क्रिकेट होता है वहां स्टेडियम की अधिकतर सीट खाली रहती है. मौजूदा समय में इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, भारत और साउथ अफ्रीका जैसे देशों को छोड़ दिया जाए तो कहीं भी इतने दर्शक टेस्ट मैच को देखने नहीं आते. वहीं बात करें वनडे और टी-20 मैचों की तो इस दौरान स्टेडियम खचाखच भरा होता है, दर्शक खूब इंज्वॉय करते है. लेकिन दर्शकों को टेस्ट क्रिकेट ने इस साल काफी मजेदार पल दिए हैं. इस साल खेले गए टेस्ट मैचों में ज्यादातर मैचों के नतीजे निकले हैं,जिससे दर्शकों ने खूब इंज्वॉय किया. साल 2017 ने तो जैसे टेस्ट क्रिकेट को बदल कर रख दिया. इस साल अब तक 37 टेस्ट मैच खेले गए हैं, जिनमें से 33 मैचों के नतीजे निकले हैं. पहले अधिकतर टेस्ट मैच ड्रॉ हो जाते थे. जिसकी वजह से दर्शकों की रुचि टेस्ट मैचों में कम हो रही थी. लेकिन फिर से टेस्ट क्रिकेट को लेकर दर्शकों में काफी क्रेज बढ़ा है. यह कहना गलत नहीं होगा कि टेस्ट मैचों के नतीजे इसी तरह आते रहे तो ज्यादा दर्शक मैच देखने स्टेडियम में पहुंचेंगे.अब वो जमाना लद गया जब टेस्ट मैचों को उबाऊ कहा जाता था और पांच दिन का खेल होने के बाद भी नतीजे नहीं आते थे। इस साल के आंकड़े तो कम से कम यही बयां कर रहे हैं। टेस्ट मैचों के नतीजे के हिसाब से साल 2017 अब तक के सबसे असरदार साल में से एक रहा है। इस साल खेले गये 37 टेस्ट मैचों में से 33 यानी लगभग 89 फीसदी से ज्यादा मैचों के नतीजे निकले जिसमें अलग-अलग टीमों के बीच खेले गये लगातार 22 मैचों के नतीजे भी शामिल है।सिर्फ 2017 ही नहीं पिछले कुछ सालों में ज्यादातर टेस्ट मैचों के नतीजे निकले हैं। 2014 से अब तब खेले गये 168 टेस्ट मैचों में से 140 के नतीजे निकले हैं। यानी 83 प्रतिशत से ज्यादा टेस्ट मैचों के नतीजे निकले हैं। अब इसे टी-20 दौर का असर कहें या कुछ और इतना जरूर है कि ये नतीजे टेस्ट मैचों के भविष्य के लिये अच्छा है।