बरेली पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बांग्लादेशी मूल की तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया है,

बरेली। बरेली पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बांग्लादेशी मूल की तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया है, जो फर्जी भारतीय पहचान पत्रों के जरिए वर्षों से भारत में रह रही थीं और अलग-अलग नाम, माता-पिता और जन्मतिथि दिखाकर कई भारतीय पासपोर्ट भी बनवा चुकी थीं। गिरफ्तार महिलाओं में मुनारा बी, सायरा बानो और तसलीमा शामिल हैं। इनके पास से फर्जी पासपोर्ट, आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी, बोर्डिंग पास और विदेशी होटलों के विजिटिंग कार्ड बरामद हुए हैं।

थाना प्रेमनगर पुलिस के मुताबिक, 21 अगस्त को मुकदमा संख्या 322/2025 धारा 419, 420, 467, 468, 471 भादवि समेत पासपोर्ट अधिनियम 1967, विदेशी अधिनियम 1946 और आधार अधिनियम 2016 के तहत दर्ज किया गया था। मुखबिर की सूचना पर 22 अगस्त को बानखाना और सतीपुर चौराहे से तीनों आरोपित महिलाओं को धर दबोचा गया।

गिरफ्तार महिलाएं 1. मुनारा बी (65 वर्ष) – मूल निवासी जिला जेस्सोर, खुलना (बांग्लादेश), वर्तमान में मौलानगर, बरेली।

2. सायरा बानो (48 वर्ष) – मूल निवासी जिला जेस्सोर, खुलना (बांग्लादेश), वर्तमान पता हाफिजगंज, बरेली।

3. तसलीमा (45 वर्ष) – मूल निवासी जिला जेस्सोर, खुलना (बांग्लादेश), वर्तमान पता हाफिजगंज, बरेली।

पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे मुनारा बी ने स्वीकार किया कि उसने सायरा बानो के नाम से फर्जी पासपोर्ट बनवाकर पिछले 12 सालों में बांग्लादेश और दुबई समेत कई देशों की यात्राएं की हैं। वह घरों में झाड़ू-पोंछा और बर्तन साफ करने का काम करती है।

सायरा बानो और तसलीमा ने भी स्वीकार किया कि उन्होंने मुनारा बी की मदद से फर्जी पासपोर्ट तैयार कराए और बांग्लादेशी पहचान छुपाकर लंबे समय से भारत में रह रही हैं।

सभी आरोपित महिलाएं अशिक्षित हैं और मजदूरी या घरेलू कामकाज करके जीवनयापन कर रही थीं।

बरामदगी मुनारा बी के नाम का असली पासपोर्ट और पैन कार्ड

सायरा बानो के नाम से विदेश यात्रा का बोर्डिंग पास

कई विदेशी होटलों के विजिटिंग कार्ड

अलग-अलग नाम और जन्मतिथि से बने पासपोर्ट, आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी की प्रतियां

नकद 150 रुपये पुलिस टीम कार्रवाई में थाना प्रेमनगर प्रभारी निरीक्षक आशुतोष रघुवंशी, उपनिरीक्षक राजीव कुमार शर्मा, महिला उपनिरीक्षक आरती चौधरी, कांस्टेबल विष्णु और महिला कांस्टेबल स्वेता शामिल रहे।

पुलिस का कहना है कि आरोपित महिलाओं की संदिग्ध विदेश यात्राओं और नेटवर्क की जांच की जा रही है। जल्द ही इनके गिरोह से जुड़े अन्य लोगों का भी खुलासा हो सकता है।

यह कार्रवाई न केवल पासपोर्ट और पहचान पत्रों में चल रही फर्जीवाड़े की पोल खोलती है बल्कि सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी सतर्कता का बड़ा संदेश है।

बरेली से रोहिताश कुमार की रिपोर्ट

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