Supreme Court : जस्टिस जॉयमाल्या बागची बने सुप्रीम कोर्ट के जज,

जस्टिस बागची न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन के 25 मई 2031 को सेवानिवृत्त होने पर दो अक्तूबर 2031 को अपनी सेवानिवृत्ति तक भारत के प्रधान न्यायाधीश का पद संभालेंगे। जस्टिस बागची की जन्मतिथि तीन अक्तूबर 1966 है। 

भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना ने कलकत्ता हाईकोर्ट के जज जॉयमाल्या बागची को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई। प्रधान न्यायाधीश ने शीर्ष अदालत के परिसर में आयोजित एक समारोह में सुप्रीम कोर्ट के अन्य न्यायाधीशों की उपस्थिति में न्यायमूर्ति बागची को शपथ दिलाई।

न्यायमूर्ति बागची के शपथ ग्रहण करने के साथ ही शीर्ष अदालत में 33 न्यायाधीश हो गए हैं। शीर्ष कोर्ट के न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 34 है। जस्टिस बागची का शीर्ष अदालत में कार्यकाल छह वर्ष से अधिक का होगा। इस दौरान वह प्रधान न्यायाधीश के रूप में भी कार्यभार संभालेंगे।

पांच महीने तक संभालेंगे सीजेआई का पद जस्टिस बागची न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन के 25 मई 2031 को सेवानिवृत्त होने पर दो अक्तूबर 2031 को अपनी सेवानिवृत्ति तक भारत के प्रधान न्यायाधीश का पद संभालेंगे। जस्टिस बागची की जन्मतिथि तीन अक्तूबर 1966 है।

केंद्र ने 10 मार्च को मंजूरी दी थी केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के रूप में नियुक्ति के लिए न्यायमूर्ति बागची के नाम को 10 मार्च को मंजूरी दी थी। इससे पहले प्रधान न्यायाधीश खन्ना की अगुवाई वाले पांच सदस्यीय कॉलेजियम ने छह मार्च को उनके नाम की सिफारिश की थी। इस कॉलेजियम में जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस विक्रम नाथ भी शामिल थे।

कॉलेजियम ने क्या कहा था? कॉलेजियम ने कहा था कि 18 जुलाई 2013 को न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर के सेवानिवृत्त होने के बाद से कलकत्ता उच्च न्यायालय का कोई भी न्यायाधीश भारत का प्रधान न्यायाधीश नहीं बना है। जस्टिस बागची को 27 जून 2011 को कलकत्ता हाईकोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। उन्हें चार जनवरी 2021 को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में स्थानांतरित किया गया था।

कलकत्ता में 13 वर्षों से अधिक समय तक कार्य किया जस्टिस बागची को आठ नवंबर 2021 को कलकत्ता हाईकोर्ट वापस भेज दिया गया और तब से वह वहीं कार्यरत थे। उन्होंने हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में 13 वर्षों से अधिक समय तक कार्य किया है। जस्टिस जॉयमाल्या बागची हाईकोर्ट के न्यायाधीशों की संयुक्त अखिल भारतीय वरिष्ठता में 11वें स्थान पर हैं, जिसमें मुख्य न्यायाधीश भी शामिल हैं।

ब्यूरो रिपोर्ट , आल राइट्स मैगज़ीन

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