STF: ₹100 करोड़ होम लोन फ्रॉड भंडाफोड़
₹100 करोड़ का होम लोन फ्रॉड: फर्जी प्रोफाइल और कूटरचित दस्तावेज़ों से बैंकों को लगाया चूना; STF ने सरगना सहित 08 हाई-प्रोफाइल अभियुक्त दबोचे
नोएडा, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (UP STF) ने देश के सबसे बड़े संगठित वित्तीय धोखाधड़ी रैकेट में से एक का पर्दाफाश किया है। STF ने फर्जी प्रोफाइल और कूटरचित (जाली) दस्तावेज़ों का इस्तेमाल कर कई बैंकों से ₹100 करोड़ से अधिक का होम लोन लेकर गबन करने वाले गिरोह के सरगना सहित 08 हाई-प्रोफाइल अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में एमबीए, कंपनी सेक्रेटरी (CS) और लीगल मैनेजर जैसे पढ़े-लिखे पेशेवर शामिल हैं, जो अपनी विशेषज्ञता का उपयोग फ्रॉड को अंजाम देने के लिए कर रहे थे।
हाई-प्रोफाइल अभियुक्तों की गिरफ्तारी
एसटीएफ को लंबे समय से होम लोन और अन्य वित्तीय धोखाधड़ी के गिरोहों के सक्रिय होने की सूचना मिल रही थी। 4 दिसंबर 2025 को की गई इस कार्रवाई में गिरोह के मुख्य सरगना सहित 8 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार अभियुक्तों में शामिल हैं:
- रामकुमार (सरगना) – एमबीए पास, गाजियाबाद निवासी।
- नितिन जैन – दिल्ली निवासी।
- मो. वसी – कंपनी सेक्रेटरी (CS), एमबीए, एलएलबी, जो एक्सेंचर कंपनी में लीगल एवं रिस्क मैनेजर के पद पर कार्यरत था।
- शमशाद आलम
- इन्द्रकुमार कर्माकर
- अनुज यादव
- अमित कुमार (नोएडा निवासी) – इसे पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
- मोहम्मद दानिश
₹100 करोड़ की धोखाधड़ी का तरीका
गिरोह ने एक अत्यंत जटिल और संगठित तरीके से इस वित्तीय धोखाधड़ी को अंजाम दिया:
- फर्जी प्रोफाइल: अभियुक्त फर्जी नामों से फर्जी प्रोफाइल बनाते थे।
- शेल फर्मों का जाल: गिरोह के सदस्यों ने फर्जी व्यक्तियों के नाम पर 20 से अधिक ‘शेल फर्म’ (Shell Firms) बनाई थीं, जैसे श्रेयसी इंटरप्राइजेज, नटराजन इंटरप्राइजेज, आदि।
- फर्जी दस्तावेज़: वे कूटरचित दस्तावेज़ों (जैसे सेल डीड, आधार, पैन, आईटीआर) का उपयोग करते हुए बैंकों से होम लोन (गृह ऋण) लेते थे।
- मनी लॉन्ड्रिंग: धोखाधड़ी से प्राप्त धन को ये शेल फर्मों के जरिए ‘साइफनिंग’ (Syphoning) करके आपस में बाँट लेते थे। फर्जी प्रोफाइल और धन शोधन (Money Laundering) के जटिल तरीके अपनाने के कारण बैंक और पुलिस वास्तविक अपराधी तक नहीं पहुँच पाते थे।
बिल्डरों की मिलीभगत और 220 खाते फ्रीज
पूछताछ और दस्तावेज़ों की प्रारंभिक जाँच से पता चला है कि इस बड़े फ्रॉड में उत्तर प्रदेश (नोएडा, लखनऊ, बनारस), उत्तराखंड (हरिद्वार), चंडीगढ़, दिल्ली और गुरुग्राम के कई बिल्डरों की भी मिलीभगत है।
- जब्ती और कार्रवाई: एसटीएफ ने अभियुक्तों के पास से फर्जी पहचान पत्र, कूटरचित दस्तावेज़, मोबाइल फोन और 25 एटीएम कार्ड बरामद किए हैं।
- बैंक खाते फ्रीज: गिरोह के सदस्यों से मिली जानकारी के आधार पर लगभग 220 बैंक खातों को फ्रीज (Freeze) करा दिया गया है।
गिरफ्तार अभियुक्तों पर थाना सूरजपुर, गौतमबुद्धनगर में मु0अ0सं0 601/2024 धारा 420, 467, 468, 471, 120बी, 406 और 201 भादवि के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
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