पावर कारपोरेशन प्रबंधन की उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों के विरोध में एवं लंबित ज्वलन्त समस्याओं के समाधान हेतु बिजली इंजीनियरों का प्रदेशव्यापी आन्दोलन जारी

बरेली (हर्ष सहानी) : बिजली अभियन्ताओं की ज्वलन्त समस्याओं के समाधान न होने एवं पावर कारपोरेशन प्रबन्धन द्वारा की जा रही उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों के विरोध में बिजली अभियंताओं के ध्यानाकर्षण आन्दोलन के क्रम में आज भी दिनभर दायें बाजू पर काली पट्टी बांधकर विरोध जताया और शाम 5 बजे बरेली सहित सभी जनपद मुख्यालयों, परियोजनाओं सहित राजधानी लखनऊ में शक्तिभवन पर विरोध सभायें की। आज पूरे प्रदेश में गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, बस्ती, मिर्जापुर, आजमगढ़, जौनपुर, गाजीपुर, बरेली, अयोध्या, मुरादाबाद, मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, बुलन्दशहर, देवीपाटन, आगरा, मथुरा, झांसी, बांदा, अलीगढ़, हाथरस, चित्रकूट, देवरिया, हमीरपुर समेत सभी जनपद मुख्यालयों व अनपरा, ओबरा, पारीछा, हरदुआगंज, पनकी, खारा समेत सभी परियोजनाओं पर समस्त अभियन्ताओं ने काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया। कल बुद्धवार से सायं 04 बजे से एक घण्टे का कार्य बहिष्कार कर विरोध सभायें की जाएगी।

विद्युत अभियन्ता संघ के बरेली जनपद के शाखा सचिव ने कहा कि वर्ष 2000 में राज्य विद्युत परिषद के विघटन के समय कारपोरेशन का घाटा 77 करोड़ था जो विगत 20 वर्षों में ऊर्जा निगमों के कुप्रबन्धन से घाटा बढ़कर वर्तमान में 95 हजार करोड़ से अधिक हो गया है। जिससे यह स्पष्ट है कि विघटन एक विफल प्रयोग रहा है अतः सभी ऊर्जा निगमों का एकीकरण कर यू0पी0एस0ई0बी0लि0 का गठन किया जाए।

अभियन्ता संघ के क्षेत्रीय सचिव रणजीत चौधरी ने बताया कि सभी बिजली अभियन्ता बेहतर उपभोक्ता सेवा प्रदान करने एवं राजस्व वसूली बढ़ाने, लाइन लॉस कम करके आत्मनिर्भर ऊर्जा निगम बनाने तथा मा0 मुख्यमंत्री के ‘हरदम बिजली सबको बिजली’ देने के संकल्प को मूर्त रूप देने में 24×7 जी-जान से जुटे हुए हैं जिसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं एवं विगत माह जून-जुलाई में 25 हजार मे0वा0 से अधिक बिजली का पारेषण/वितरण किया जा सका है। बिजली अभियन्ताओं का समय-समय पर उत्साहवर्धन मा0 मुख्यमंत्री एवं मा0 ऊर्जा मंत्री जी द्वारा किया जाता रहा है परतु खेद का विषय है कि कारपोरेशन प्रबन्धन द्वारा अभियन्ताओं को पदोन्नति से वंचित किये जाने के क्रम में पदोन्नति नियमों में रातों-रात प्रतिगामी परिवर्तन कर दिये गये हैं जिन्हें आजतक सार्वजनिक नहीं किया गया है। साथ ही विगत 01 वर्ष से अधिक समय से लम्बित समस्याओं के प्रति प्रबन्धन द्वारा उपेक्षात्मक रवैय्या अपनाते हुए समस्याओं का कोई ठोस निराकरण नहीं किया गया है। इन सबसे सभी बिजली अभियन्ता चिन्तित एवं आक्रोशित है तथा उनके मनोबल पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है जिससे उनकी कार्यक्षमता पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
आन्दोलन के अगले चरण में कल 6 अक्टूबर से 8 अक्टूबर को सायं 04 बजे से 05 बजे तक 01 घण्टे का कार्य बहिष्कार कर विरोध सभाये की जायेंगी जो की मुख्य अभियंता कार्यलय बरेली क्षेत्र में आयोजित होंगी।

अभियन्ताओं की प्रमुख मांगे

सभी ऊर्जा निगमों का एकीकरण कर यूपीएसईबी लि0 का पुनर्गठन किया जाये , पदोन्नति के नियमों में किये गये प्रतिगामी परिवर्तन वापस लिये जायें , सभी संसूचित अस्पतालों में कैशलेस मेडिकल की सुविधा दी जाये , उत्पादन निगम में 2008 ई0एण्डएम0 बैच व 2011 सिविल बैच की अतिशीघ्र पदोन्नतियां की जाए , दिनांक 06 अक्टूबर 2020 को कैबिनेट उप समिति के साथ हुए समझौते के तहत वाराणसी व अन्य स्थानों पर आन्दोलन के कारण दर्ज एफ0आई0आर0 वापस ली जाये , वर्ष 2000 के बाद नियुक्त सभी अभियन्ताओं के लिए पुरानी पेंशन प्रणाली लागू की जाए , निदेशक के पदों पर आयु सीमा 60 वर्ष की जाए, पावर कारपोरेशन प्रबन्धन द्वारा की गयी समस्त उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां वापस ली जाए ग्रेटर नोएडा के निजीकरण व आगरा के फ्रेंचाइजीकरण रद्द किये जायें।

सहायक अभियंताओं का नियुक्ति ग्रेड पे 6600 किया जाए तथा तृतीय ए सी पी पर ग्रेड 11000 का वेतनमान देने सहित अन्य वेतन विसंगतियां दूर की जाए, 11. इंजीनियर प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए। 12. उत्पादन निगम में लम्बित उत्पादन प्रोत्साहन भत्ते का शीघ्र भुगतान किया जाये।

अभियन्ता संघ ने अभियंताओं की लंबित ज्वलंत समस्याओं के निराकरण के लिए मा०ऊर्जा मंत्री जी और मा० मुख्यमंत्री जी से प्रभावी हस्तक्षेप करने की अपील की।

विरोध सभा में अभियंता साथी मुकेश कुमार,संदीप कुमार,अभिषेक कुमार,अनुज गुप्ता,पारस रस्तोगी,नील,अमित गंगवार,विपुल,पंकज भारती,उमेश सोनकर,तारिक जलील,अशोक कुमार चौरसिया,विकास सिंघल ,कर्म सिंह एवम अन्य अभियंता साथी मौजूद रहे।

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