SC : सुप्रीम कोर्ट के ईडी से तीखे सवाल, 100 करोड़ की रकम 3 साल में 1100 की कैसे हो गई

नई दिल्ली: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने ईडी के वकील से पूछा कि आपने बताया कि दिल्ली शराब घोटाले से 100 करोड़ धन मिला था, लेकिन यह 2-3 साल में 1100 करोड़ रुपये कैसे बन गया? यह तो बहुत तेजी से बढ़ने वाली राशि हो गई।

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने ईडी के वकील से कई सवाल पूछे ईडी की ओर से बोलते हुए एसवी राजू ने बताया कि जब हमने जांच शुरू की थी, तब यह सीधे तौर पर केजरीवाल के खिलाफ नहीं थी।

हमें जांच के दौरान उनकी भूमिका के बारे में पता चला था। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से केजरीवाल की गिरफ्तारी, उसमें लेटलतीफी औऱ कार्रवाई पर भी सवाल उठाया।

ईडी को सुप्रीम कोर्ट की फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के वकील से केजरीवाल के वकील की बात का हवाला देते हुए पूछा कि ये कह रहे हैं कि आपने जांच क्यों नहीं शुरू की? जब आप कहते हैं कि घूसखोरी हो रही है, तो आपको उस सवाल का जवाब देना होगा।

अगर आपने इस पर ध्यान नहीं दिया है तो ये आपकी गलती है इसपर एएसजी राजू ने कहा कि मैं जांच करके देख रहा हूं कि कौन लोग शामिल हैं ये अभी शुरुआती जांच है और अगर मैं सीधे केजरीवाल के खिलाफ सबूत मांगूं तो ये गलत लगेगा।

सिसोदिया को गिरफ्तार करने से पहले और बाद की फाइलें हमें दिखाइए.

सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से सुनवाई के दौरान कहा कि हम मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार करने से पहले और बाद की फाइलें हम देखना चाहते हैं इसपर ईडी के वकील एसवी राजू ने कहा कि कृपया 11 नवंबर, 2022 के अगले बयान को देखें।

इसपर कोर्ट ने पूछा कि क्या आप मामले की फाइलें मजिस्ट्रेट के सामने पेश करते हैं? क्या आप सभी फाइलें लेते हैं? उसी तरह से मामले को पेश करते हैं जैसे केजरीवाल को गिरफ्तार करने से पहले किया गया था?

कोर्ट ने आगे कहा कि हमारे सामने मुद्दा बहुत सीमित है और यह धारा 19 का अनुपालन है और हमें यह देखने की आवश्यकता है कि जांच की प्रकृति और दर्ज किए जाने वाले कारण क्या हैं और हमें यह देखने की आवश्यकता है कि एक चरण से दूसरे चरण तक जांच का क्या हुआ। एक जांच एजेंसी के लिए इसके लिए दो साल लेना अच्छा नहीं है। हमें यह देखने की आवश्यकता है कि धारा 19 का अनुपालन किया गया है या नहीं।

100 करोड़ की रकम 1100 करोड़ कैसे हो गई

सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से सीधे सवाल पूछते हुए कहा कि पहले आपने बताया कि रिश्वत की रकम 100 करोड़ थी , तो फिर यह 2-3 साल में बढ़कर 1100 करोड़ कैसे हो गई? यह पूरे अपराध की आय कैसे हुई? एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने जवाब देते हुए कहा कि हमारे पास सीसीटीवी रिकॉर्ड है कि केजरीवाल ने 100 करोड़ मांगे थे। हम आपको दिखा भी सकते हैं।

एएसजी ने आगे कहा कि जब जांच शुरू हुई तो उसका ध्यान अरविंद केजरीवाल पर नहीं था। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, उनका नाम सामने आया और उनकी भूमिका स्पष्ट होती गई मगुन्त और शरथ रेड्डी से केजरीवाल के बारे में कोई सवाल नहीं पूछे गए थे।

शरथ रेड्डी को कब गिरफ्तार किया गया था

सुप्रीम कोर्ट ने शरथ रेड्डी के बारे में भी सुप्रीम कोर्ट से सवाल पूछा। कोर्ट ने ईडी के वकील एसवी राजू से पूछा कि शरथ रेड्डी को कब गिरफ्तार किया गया था? राजू ने कहा कि 10 नवंबर, 2022 को किया था, धारा 164 का बयान मजिस्ट्रेट के सामने है और कोई अधिकारी मौजूद नहीं था। इसके बाद कोर्ट ने आगे पूछा कि इस केस में दिल्ली सरकार की ओर से किस व्यक्ति को पहले गिरफ्तार किया गया था? ईडी के वकील ने बताया 9 नवंबर 2022 को।

अंतरिम जमानत पर हो सकता है विचार
शीर्ष अदालत ने तीन मई को कहा था कि वह मौजूदा लोकसभा चुनाव के मद्देनजर केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने पर विचार कर सकती है। केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वह तिहाड़ जेल में बंद हैं।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से कहा था कि गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई में समय लगने की संभावना है और इसलिए, अदालत उन्हें अंतरिम जमानत देने पर जांच एजेंसी का पक्ष सुनने पर विचार कर रही है।
दिल्ली में लोकसभा चुनाव के लिये मतदान 25 मई को होना है। पीठ ने राजू से कहा था, ऐसा लगता है कि हम आज सुनवाई पूरी नहीं कर सकते। हम मंगलवार सुबह इसे देखेंगे। अगर इसमें समय लगता है, तो हम चुनाव की वजह से अंतरिम जमानत के सवाल पर विचार करेंगे।’

ईडी के वकील ने कहा था- हम जमानत का विरोध करेंगे

एस वी राजू ने कहा था कि वह केजरीवाल को अंतरिम जमानत दिए जाने का विरोध करेंगे। उन्होंने मामले में पिछले महीने आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह को जमानत मिलने के बाद उनके द्वारा दिए गए बयानों की ओर इशारा किया।

पीठ ने कहा कि वह एजेंसी को पीठ की मंशा से अवगत करा रही है, ताकि सात मई को जब अंतरिम जमानत का मुद्दा आए, तो वह चौंक नहीं जाए।

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