रसायन चिकित्सा के दौरान और बाद का खान पान

rasayan-chikitshlayaरसायन चिकित्सा ( कीमोथेरेपी या कीमो) एक प्रकार का उपचार है जिसमे कैंसर का इलाज करने हेतु एक या एक से अधिक औषधि प्रयोगों का समावे शहोता है। कीमो का उद्देश्य केंसर कोशिकाओं के विकास को धीमा करना या रोकना होता है। केंसर के इलाज के दौरान अच्छा पोषाहार बहुत महत्वपूर्ण होता है। कैंसर के दौरान अच्छा खान पान इलाज को और प्रभावशाली बना सकता है और इलाज अच्छे परिणामों की ओर अग्रसर हो सकता है। खुद को कुपोषण से बचाए रखने के लिए कम से कम दिन में तीन बार आहार लें और प्रत्येक आहार में प्रोटीन युक्त भोजन अवश्य शामिल करें। जैसे कि मुर्गा, टर्की, मछली, अंडे, दही, पनीर, फलियां/दाल, बादाम, बीज, टोफू एवं दूध। इसके साथ ही जलायोजित रहने के लिए आपको काफी अधिक मात्रा में द्रव्य अथवा तरल पदार्थों की आवश्यकता होगी।

शरीर, अंगों को स्वस्थ रखने, मांसपेशियों की मरम्मत करने तथा दैनिक कार्यक्रमों को करने के लिए कैलोरी को ईंधन के रूप में इस्तेमाल करता है। कैंसर के दौरान शरीर को अच्छी खासी मात्रा में कैलोरी एवं प्रोटीन की आवश्यकता होती है। अतिरिक्त मात्रा में कैलोरी एवं प्रोटीन तंतुओं की मरम्मत तथा उन्हें रोगमुक्त करने और कीमोथेरेपी या विकिरण चिकित्सा या इलाज के पश्चात होने वाले संक्रमण से बचाता है। इस कारणवश काफी मरीजों को पहले सेअधिक मात्रा में आहार लेना होता है।

यदि भूख भली भांति लग रही है और वजन संतुलित है तो संतुलित मात्रा में आहार, जिसमे अनेक प्रकार के स्वास्थ्यवर्धक पदार्थ हो, लेना अच्छा विचार है जैसे कि:-

प्रोटीनयुक्त आहार-  फलियां, दाल, सोया, टर्की, मछली, सीफूड और अंडे।

फल और सब्जियां

कम वसायुक्त दुग्ध उत्पाद एवं अन्य विकल्प (सोया, बादाम, चावल इत्यादि)- दूध, पनीर, दही और केफिर। दुग्ध पदार्थ प्राय: प्रोटीन के अच्छे स्त्रोत होते है।

साबुत अनाज एवं स्टार्चयुक्त सब्जियां : जइ, जौ, क्विनोआ, भूरे चावल, मक्के का लावा, मक्का, आलू, मटर, कद्दु, 100 फीसद साबुत अनाज से बने ब्रेड, पास्ता, धान्य एवं बिस्किट्स।

पोषणयुक्त वसा- जैतून का तेल, केनोला तेल, बादाम या मूंगफली इत्यादि से निर्मित मक्खन, अवोकेडो फल, और बीज।

इलाज के दौरान आप महसूस कर सकते है कि आपके भली भांति भूख नही लग रही या फिर इलाज के किसी दुष्प्रभाव के कारण ठीक प्रकार से खा पाना मुश्किल हो रहा है। जब आप उन परंपरागत आहारों से अपना सही वजन नही बनाए रख पा रहे है जोकि स्वास्थ्यवर्धक माने गए हैं। बेहतर यह है किआप उन आहारों का चुनाव करें जो आपको अच्छे लगते हों। तथापि यह जरूर सुनिश्चित कर लें कि उस आहार में पर्याप्त मात्रा में तरल, प्रोटीन तथा कैलोरी हो जिससे कुपोषण को रोका जा सके।

इलाज के दौरान अथवा बाद में इस तरह के भोजन से बचें :-

गरम, मसालेदार भोजन (जैसे कि:तेज मिर्च, करी, काजुन मसलों का मिश्रण) वसायुक्त, चिपचिपा एवं तला भोजन।

अधिक मीठा या शक्करयुक्त।

ज्यादा भारी भोजन

तेज गंधयुक्त भोजन (भोजन जोकि गर्म करते वक्त तेज महकते हों)

जल्दी-जल्दी खाना या पीना।

खाने के साथ-साथ पानी पीना।

खाने के बाद तुरंत लेट जाना।

कीमोथेरेपी के बाद कोशिश करें कि हल्का आहार लें। ज्यादातर कांच के बर्तनों का प्रयोग करें और प्लास्टिक के बर्तनों का प्रयोग न करें जिससे शूक्ष्मतरंगों से खुद को बचाया जा सके।

एक असरदार कीमोथेरेपी चिकित्सा के लिए सही और संतुलित आहार ही एकमात्र उपाय है।

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