PIB : ऑटोमोबाइल और ऑटो कल-पुर्जों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) निवेश, रोजगार और विकास को बढ़ावा दे रही है

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15 सितम्‍बर, 2021 को 25,938 करोड़ रूपये के बजटीय परिव्यय के साथ ऑटोमोबाइल और ऑटो कल-पुर्जों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) को स्‍वीकृति दी थी। पीएलआई-ऑटो योजना का उद्देश्य विनिर्माण के लिए उद्योग की लागत संबंधी अक्षमताओं को दूर करना और भारत में उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी (एएटी) उत्पादों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना है।

प्रोत्साहन संरचना का उद्देश्य उद्योग को एएटी उत्पादों के स्वदेशी विनिर्माण के लिए नए निवेश करने और अतिरिक्त रोजगार सृजित करने के लिए प्रोत्साहित करना है। ऑटो क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना को स्वीकृत दिशा-निर्देशों के अनुसार क्रियान्वित किया जा रहा है।

पीएलआई ऑटो योजना उद्योग की गतिशील जरूरतों के प्रति उत्तरदायी रही है। एमएचआई ने हितधारकों के विस्तृत परामर्श के बाद 09 नवम्‍बर, 2021 को 19 एएटी वाहनों और 103 एएटी घटकों की श्रेणियों को अधिसूचित किया था, जिन्हें इस योजना के अंतर्गत शामिल किया जाएगा।

इसके अलावा, मेक इन इंडिया अभियान और उन्नत ऑटोमोटिव उत्पादों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए, योजना आवेदकों को प्रोत्साहनों के पात्र होने के लिए 50 प्रतिशत का डीवीए प्राप्त करना होगा। इस मानदंड का उद्देश्य आयात को कम करना और घरेलू के साथ-साथ वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण करना है। पीएलआई-ऑटो स्कीम दिशानिर्देश और एसओपी भी व्यापक हितधारक परामर्श के साथ तैयार किए गए हैं।

घरेलू मूल्य संवर्धन की गणना की प्रक्रिया को मानकीकृत करने के लिए, परीक्षण एजेंसियां ​​सामूहिक रूप से एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) लेकर आई हैं, जो प्रक्रिया का पालन करने को निर्दिष्ट करती है। यह एसओपी सभी हितधारकों को अधिक स्तर का आश्वासन प्रदान करता है। अब तक, 6 ओईएम को 66 स्वीकृत वेरिएंट के लिए डीवीए प्रमाणपत्र मिला है और 7 घटक निर्माताओं को 22 स्वीकृत वेरिएंट के लिए डीवीए प्रमाणपत्र मिला है

निवेशरोजगारबिक्री और बढ़ते संवितरण के संदर्भ में मजबूत प्रभाव:

निवेश: दिसंबर 2024 तक, इस योजना के अंतर्गत कंपनियों ने नई उत्पादन सुविधाओं की स्थापना और प्रौद्योगिकी उन्नयन सहित पूंजी निवेश में 25,000 करोड़ रूपये से अधिक की प्रतिबद्धता जताई है। उदाहरण के लिए, टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा ने ईवी उत्पादन क्षमता में बड़े पैमाने पर निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है।

रोजगार: इस योजना ने विनिर्माण, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन और अनुसंधान एवं विकास में हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित किए हैं। उल्लेखनीय रूप से, नए ईवी उत्पादन संयंत्रों ने विनिर्माण केंद्रों में स्थानीय रोजगार को बढ़ावा दिया है।

बिक्री: इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) और महत्वपूर्ण घटकों जैसे क्षेत्रों में बिक्री वृद्धि में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उदाहरण के लिए, ईवी क्षेत्र में नए मॉडल पेश किए जाने से बिक्री में वृद्धि हुई है।

संवितरण: वित्त वर्ष 2023-24 इस योजना का पहला प्रदर्शन वर्ष था, जिसके लिए संवितरण वित्त वर्ष 2024-25 में हुआ। अब तक इस योजना के तहत कुल 322 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन वितरित किया जा चुका है।

मानदंड दिसंबर 2024 तक वास्तविक रिपोर्ट (संचयी)
निवेश (करोड़ रुपये) 25,219
वृद्धिशील बिक्री (आधार वर्ष वित्त वर्ष 2019-20) (करोड़ रुपये) 15,230
रोजगार (संख्‍या) 38,186
प्रोत्साहन संवितरण (करोड़ रुपये) 322

पीएलआई-ऑटो योजना भारत के ऑटोमोटिव विनिर्माण पारिस्थितिकी व्‍यवस्‍था को बढ़ाने, आयात पर निर्भरता कम करने और घरेलू उद्योग को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एकीकृत करने में परिवर्तनकारी भूमिका निभा रही है।

ब्यूरो चीफ, रिजुल अग्रवाल

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