बर्ड फ्लू के कारण पटना जू अनिश्‍चितकाल के लिए बंद, छह मोरों की मौत

पटना : बिहार में बर्ड फ्लू की छिटपुट घटनाओं के बीच यह बड़ा मामला समाने आया है। इसने राज्य के संजय गांधी जैविक उद्यान (पटना जू) में भी पांव पसार लिया है। जू में अचानक छह मोरों की मौत होने के बाद प्रशासन ने एहतियातन उसे अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया है।

अधिकारियों का कहना है कि सभी बर्ड की जांच की जाएगी. जांच पूरी होने के बाद जब क्लियरेंस मिल जाएगा तभी ज़ू को फिर से खोला जाएगा.मृत मोर की जांच मध्यप्रदेश के भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान ने की थी. जांच में मृत मोर में H5N1 वायरस पाया गया. अभी तक पटना जू में 6 मोरों की मौत हो चुकी है.पटना जू के प्रिंसिपल चीफ डीके शुक्ला ने बताया कि पटना जू को पहली बार वायरस के कारण अनिश्चित काल के लिए बन्द​ किया गया है. ऐसा लोगों की सुरक्षा को देखते हुए किया गया है. अभी जू में रहने वाले सभी पक्षियों की जांच की जाएगी. जांच पूरी होने के बाद जब क्लियरेंस मिल जाएगा तो ज़ू को फिर से खोल दिया जाएगा.इस घटना पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि वन पर्यावरण विभाग मामले को देख रहा है. मैं भी अपने स्तर पर पूरे मामले की जांच कर रहा हूं और जो भी जरूरत होगा मैं करूंगा.आपको गौरतलब कर दूं मंगलवार की सुबह मॉर्निंग वॉकर्स को जू में प्रवेश नहीं दिया गया। क्रिसमस के अवसर पर वहां पिकनिक के लिए जाने वालों को भी निराशा हाथ लगी है। आज वहां सांता क्लाज से भी बच्चे नहीं मिल पाएंगे।

कई जिलों में फैला है बर्ड फ्लू

विदित हो कि इसके पहले बिहार में कई जगह बर्ड फ्लू की सूचना मिली है। हाल ही में मुंगेर में वर्ड फ्लू के वायरस की पुष्टि के बाद प्रशासन ने एडवाइजरी भी जारी की है। मुंगेर जिले के असरगंज प्रखंड के गोरहो गांव में एक पखवारे से लगातार मर रहे पक्षियों के विसरे की जांच में बर्ड फ्लू के वायरस पाए गए। इसके बाद पटना से पशुपालन विभाग की उच्च स्तरीय टीम यहां पहुंची। अभियान चला कर पक्षियों को मारा गया। साथ ही लोगों को इससे बचने के बारे में बताया गया। इसके अलावे अररिया के एक गांव में भी बर्ड फ्लू होने की बात सामने आई है। भागलपुर में भी कई मवेशियों की मौत हो गई है। वहां पर भी किसी रोग फैलने की आशंका व्यक्त की जा रही है।

क्या है बर्ड फ्लू

बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लूएंजा) H5N1 वायरस से होता है। इस खतरनाक वायरस का संक्रमण पक्षियों के अलावा मनुष्‍य में भी हो सकता है। इससे मनुष्‍य की मौत तक हो सकती है।

बर्ड फ्लू के लक्षण

बुखार, सिर में दर्द रहना, हमेशा कफ रहना, नाक बहना, दस्त होना, हर समय उल्‍टी जैसा लगना, गले में सूजन, मांसपेशियों में दर्द, पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना, सांस में समस्या, आंख में कंजंक्टिवाइटिस आदि।

संक्रमण व बचाव

बर्ड फ्लू का वायरस संक्रमित मुर्गियों या अन्य पक्षियों के निकट रहने या उनके मांस-अंडे के सेवन से फैलता है। इससे बचने के लिए हमें मरे पक्षियों से दूर रहना चाहिए। अगर आस-पास किसी पक्षी की मौत हो जाती है तो इसकी सूचना प्रशासन को देना चाहिए। बर्ड फ्लू वाली जगहों में मांसाहारी खाना खाने से बचें। जहां से मांसाहारी भोजन खरीदें, वहां सफाई का पूरा ध्यान रखें। पूरी तरह पका भोजन लें। प्रभावित इलाकों में मास्क पहन कर निकलने की कोशिश करें।

सोनू मिश्रा ,पटना (बिहार)

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