महात्मा बुद्ध से बड़ा कोई व्यक्तित्व नहीं-महामहिम राज्यपाल

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बुद्ध जयंती के अवसर पर महामहिम राज्यपाल श्री सत्यपाल मलिक, केंद्रीय राज्यमंत्री, सामाजिक न्याय अधिकारिता, बिहार के कृषि मंत्री डॉ0 प्रेम कुमार ने गया के महाबोधि मंदिर में विधिवत महात्मा बुद्ध की पूजा अर्चना की। तदोपरांत महाबोधि वृक्ष के नीचे आयोजित समारोह में शिरकत की। महामहिम एवं अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर समारोह को शुरू किया गया।

इस अवसर पर एक  पुस्तक का भी किया गया। समारोह को संबोधित करते हुए महामहिम राज्यपाल ने कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूं कि मुझे महात्मा बुद्ध की धरती पर पधारने का मौका मिला, जहां महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।उन्होंने कहा कि ज्ञान प्राप्ति के उपरांत कई दिनों तक वे उहा पोह में रहे कि यह ज्ञान दूसरे को दिया जाए या नहीं। तदोपरांत वे यहां से निकल पड़े और सारनाथ में अपने चार पुराने साथियों को ज्ञान प्रदान किया। जिन्होंने दुनिया में ज्ञान की रोशनी फैलाई।

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उन्होंने कहा कि इस धर्म में इस बात को प्राथमिकता दी गई है किसी को भगवान का डर दिखाकर धर्म धारण करने को नहीं कहा जाता, सिर्फ आचरण की शुद्धता की बात की जाती है। उन्होंने कहा कि हम बुद्धिस्ट नहीं है लेकिन दुनिया की सबसे बड़ी खोज प्रजातंत्र है। महात्मा बुद्ध के समय में वैशाली में लिक्छिवी गणतंत्र था। अजातशत्रु जब लिक्छिवी राज्य पर आक्रमण करना चाहते थे। वे महात्मा बुद्ध से आशीर्वाद प्राप्त करने गए। महात्मा बुद्ध ने उनसे सात सवाल किए थे। जिनमें कुछ सवाल इस प्रकार थे कि क्या वहां के लोग पंचायती बुलाते हैं। पंचायतों में बुजुर्गों को बुलाते हैं। बुजुर्गों को सम्मान देते हैं। उत्तर मिला हां। इसके उपरांत महात्मा बुद्ध ने अजातशत्रु से कहा कि जिस राज्य में लोकतांत्रिक व्यवस्था हो, उस राज्य को लड़ाई से नहीं हराया जा सकता है। महात्मा बुद्ध के सिद्धांत बुद्धिज़्म की बड़ी ताकत है।

 

यहां एक ही धर्म ऐसा है जहां आप नहीं कहते हैं कि मैं यह चढ़ा दूंगा तो तुम वह दे देना। इस धर्म में निर्वाण मरने के उपरांत ऊपर जाकर नहीं बल्कि इसी लोक में ही प्राप्त होती है। इस धर्म में भगवान का डर नहीं, कोई लालच नहीं है। जब महात्मा बुद्ध मरणासन्न हो गए थे तो उनके प्रिय शिष्य आनंद चाहते थे कि महात्मा बुद्ध कुछ दिन और जीवित रहें। तब महात्मा बुद्ध ने आनंद से पूछा कि क्या मेरे अंदर जो ज्ञान है वह सब तुमने प्राप्त कर लिया, तो आनंद ने कहा कि हां। तब महात्मा बुद्ध ने कहा आप्त दीपो भवः अर्थात अपनी रोशनी खुद बनो। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में इतना बड़ा व्यक्तित्व कोई नहीं है। आपकी सबसे बड़ी ताकत है कि आप सही रास्ते पर हैं उन्होंने अंत में कहा ‘बुद्धम शरणम गच्छामि’ धर्मम शरणम गच्छामि, संघम शरणम गच्छामि।

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इसके पूर्व सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि महात्मा बुद्ध की विचारधारा मानवता की विचारधारा है। मानव को मानव से जोड़ने वाला विचारधारा है।मानव के अंदर छिपे अहंकार को निकालने वाला विचारधारा है। विश्व को शांति प्रदान करने वाला विचारधारा है। बुद्ध ने विज्ञान पर आधारित विचारधारा दुनिया को प्रदान की और यही कारण है कि आज विश्व के अनेक देश जिनमें श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड, जापान, चीन आदि देशों ने बौद्ध धर्म को अपनाया है। उन्होंने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के संबंध में कहा कि वह बौद्ध धर्म मतावलंबी थे और उन्होंने कहा था कि बिना शांति का विकास नहीं हो सकता है और बुद्ध ने शांति का ही संदेश दिया है। मानव के साथ मानव के जैसा व्यवहार हो यही बुद्ध की विचारधारा है और हम चाहते हैं किसी विचारधारा को दुनिया कायम करे।

इसके पूर्व बिहार के कृषि मंत्री डॉ0 प्रेम कुमार ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें अपार हर्ष है कि महात्मा बुद्ध की 2562 वीं जयंती पर शिरकत करने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि महाबोधि मंदिर में भारत के कोने-कोने से बौद्ध मतावलंबी आए हैं। बिहार सरकार की ओर से उन्होंने सभी का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इस समारोह में भाग लेकर उन्हें काफी प्रसन्नता हो रही है। महात्मा बुद्ध करुणा, मैत्री, अहिंसा, विश्व बंधुत्व का संदेश दिया है। दुख से मुक्ति हेतु अष्टांगिक सिद्धांत प्रतिपादित किया है। यह सभी के लिए अनुकरणीय है। इस धर्म का प्रचार सभी देशों में हो रहा है। बुद्ध के मार्ग पर चलकर ही हम सुंदर भारत, सुंदर दुनिया का निर्माण कर सकते हैं। उन्होंने कहा अतिथि देवो भवः।

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स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए जिलाधिकारी श्री अभिषेक सिंह ने बुद्ध जयंती के अवसर पर सभी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज भी महात्मा बुद्ध की शिक्षा प्रासंगिक है। उन्होंने प्यार, करुणा, अहिंसा, सहिष्णुता और मानवता का संदेश दिया, जो आज के परिवेश में और भी प्रासंगिक हो गया है। उन्होंने इस अवसर पर गयावासियों का हार्दिक स्वागत किया और कहा कि यहां से बुद्ध का संदेश निकलकर संपूर्ण विश्व में पहुंचेगा। उन्होंने कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सभी को हार्दिक धन्यवाद दिया और कहा कि भगवान बुद्ध की शिक्षा हमारे जीवन को और बेहतर कर सकेगी।

इस अवसर पर मगध प्रमंडल के आयुक्त श्री जितेंद्र श्रीवास्तव ने महामहिम राज्यपाल को स्मृति चिन्ह प्रदान कर उनका हार्दिक अभिनंदन किया। मगध प्रक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक श्री विनय कुमार ने बिहार के कृषि मंत्री डॉक्टर प्रेम कुमार को स्मृति चिन्ह प्रदान कर उनका हार्दिक अभिनंदन किया। जिलाधिकारी श्री अभिषेक सिंह ने सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय के केंद्रीय राज्यमंत्री श्री रामदास अठावले को स्मृति चिन्ह प्रदान कर उनका हार्दिक अभिनंदन किया। महाबोधि मंदिर के मुख्य पुजारी भंते चलिन्दा ने संघ नायक को स्मृति चिन्ह प्रदान कर उनका हार्दिक अभिनंदन किया।

इस अवसर पर वरीय पुलिस अधीक्षक श्रीमती गरिमा मलिक, अपार समाहर्त्ता श्री राजकुमार सिन्हा, बीटीएमसी के सचिव श्री एन दोरजे ,मुख्य पुजारी भंते चलिन्दा सहित तमाम स्थानीय नागरिक शामिल थे।

सौरभ कुमार
गया(बिहार)

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