Mumbai Bollywood : 15 मार्च को रिलीज़ होगी यश बाबू एंटरटेनमैंट की फिल्म “वॉय मैरी”

यश बाबू एंटरटेनमैंट की फ़िल्म “वॉय मैरी” 15 मार्च को देशभर के सिनेमा घरों में रिलीज होगी। फ़िल्म के निर्माता/निर्देशक राजिन्द्र कुमार वर्मा यशबाबू, कहानी, पटकथा, डायलॉग अनिता कौशिक व आर कौशिक, कैमरामैन मंगत बढान, फिल्म के गीत विशू शर्मा ने लिखे हैं तथा संगीत पंकज शर्मा ने दिया है। फिल्म में पारुल कौशिक, डॉ. सुरेन्द्र शर्मा, संजना गुप्ता, संदीप सिंघल, अनिल वर्मा, रिया शर्मा व बेबी श्रेया ने मुख्य भूमिका निभाई है।
फिल्म वॉय मैरी बताती है कि आजकल हमारे समाज और सोसाइटी में लिव-इन रिलेशनशिप और वैवाहिक संबंध एक आम बात हो गई है। लोग एक दूसरे को पसंद करते हैं, एक साथ शामिल होते हैं, एन्जॉय करते हैं और उन्हें इस सब में कुछ गलत भी नहीं लगता।
लेकिन इस तरह के संबंधों का अंजाम क्या होगा, ये वो लोग संबंध शुरू करते हुए नहीं सोचते। बल्कि आजकल एक नई विचारधारा बन गई है कि साथ रहने के लिए शादी की जरूरत क्यों? ‘शादी क्यों’
एक शादीशुदा इंसान की जिंदगी में एक खूबसूरत और मॉडर्न औरत के आने के बाद बहुत कुछ बदल जाता है, कुछ चीजें उसके लिए बहुत सकारात्मक होती हैं लेकिन कुछ चीजें उसके परिवार के लिए नामंजूर और नकारात्मक होती हैं।
उस इंसान का हंसता-खेलता परिवार टूटने की कगार पर आ जाता है। लेकिन यहां ऐसा कुछ अलग भी होता है कि जो अपने आप में ही एक पति-पत्नी के रिश्ते के लिए मिसाल बन जाता है।
यह कहानी एक पति-पत्नी अनिरुद्ध और ज्योति की है, जो बहुत ही प्यार से एक दूसरे के साथ रहते हैं। उनकी एक बहुत प्यारी बेटी जिया भी है, जिसे वे दोनों ही बहुत प्यार करते हैं।
उनकी हंसती-खेलती जिंदगी में तब एक अजीब मोड़ आता है, जब अनिरुद्ध को एक बहुत खूबसूरत और मॉडर्न औरत श्रेया मिलती है, जो उसे अपनी तरफ आकर्षित कर लेती है। श्रेया अनिरुद्ध को अपने पति सुबोध के बारे में ऐसी कहानी बताती है कि वह उसके साथ शामिला होता ही चला जाता है। उसकी बात सुनकर अनिरुद्ध को लगता है कि श्रेया को वाकई उसका प्यार और सहारा चाहिए।
अनिरुद्ध भी भावनाओं में बहकर श्रेया के साथ हो जाता है। अब अनिरुद्ध को अपनी पत्नी ज्योति की हर चीज में बुराई दिखाई देने लगती है और उनकी हंसती-खेलती जिंदगी बुरी तरह से अस्त-व्यस्त हो जाती है।
कुछ दिनों बाद श्रेया अनिरुद्ध को शादी का प्रस्ताव देती है, जिसे सुनकर वह हैरान रह जाता है, क्योंकि उसके लिए स्नेह, देखभाल और प्यार तक तो ठीक था, लेकिन शादी? अपनी पत्नी और बेटी को छोडक़र वह श्रेया से शादी कैसे कर सकता था। लेकिन श्रेया अनिरुद्ध की इस समस्या का भी ऐसा समाधान बताती है कि जो उसने सपने में भी नहीं सोचा था। श्रेया की बात सुनकर अनिरुद्ध के होश उड़ जाते हैं।
कहानी में देखने वाली बात यह है कि क्या श्रेया अनिरुद्ध को अपनी बात के लिए मना लेगी?
क्या अनिरुद्ध श्रेया को अपनी मजबूरी समझा पाएगा? क्या अनिरुद्ध और ज्योति का रिश्ता खत्म हो जाएगा? और क्या होगा जब ज्योति को अनिरुद्ध और श्रेया के संबंध का सच पता चलेगा? इन्हीं सब सवालों का जवाब देती है हमारी ये फिल्म -वॉय मैरी।

गोपाल चंद्र अग्रवाल संपादक आल राइट्स मैगज़ीन मुंबई से अनिल बेदाग की रिपोर्ट

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