मायापुरी में व्यापारियों पर बर्बरता भाजपा के इशारे पर – मनीष सिसोदिया

मायापुरी में व्यापारियों पर बर्बरता भाजपा के इशारे पर – मनीष सिसोदिया

रविवार को एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि कल जो मायापुरी में व्यापारियों के साथ बर्बरता पूर्ण व्यवहार हुआ, जिस प्रकार से केंद्र शासित अर्ध सैनिक बलों ने उन पर लाठियां बरसाई, ईट पत्थर बरसाए, वह बड़ी ही शर्मनाक घटना है, और आम आदमी पार्टी उसकी कड़े शब्दों में निंदा करती है।

कल जिस प्रकार से मायापुरी के व्यापारियों के साथ मारपीट की गई, और जो साक्ष्य सामने आए, उससे यह साफ जाहिर होता है कि यह बर्बर कार्यवाही भाजपा के द्वारा करवाई गई है। क्योंकि इससे पहले भी जब कभी भी दिल्ली के व्यापारियों पर मुसीबत आई, तो केंद्र सरकार ने उनकी मुसीबत का हल निकालने के बजाय उन को और दुगनी मुसीबतें देने का काम किया है। वह चाहे सीलिंग का मुद्दा हो, नोट बंदी का मुद्दा हो या फिर व्यापारियों के जन-जीवन से जुड़ा हुआ अन्य कोई और मुद्दा हो।

कल जिस प्रकार से केंद्र सरकार के अर्धसैनिक बलों ने व्यापारियों पर लाठियां चलाईं, उसको देखकर जलियांवाला बाग का मंजर याद आ गया। जिन लोगों पर भाजपा ने इतनी बर्बरता पूर्वक लाठियां चलवाई, ईट पत्थर बरसवाय, वह कोई आतंकवादी नहीं है, दिल्ली के लोग हैं, दिल्ली के व्यापारी हैं।

उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भाजपा को घेरते हुए कहा, कि पहले तो भाजपा ने दिल्ली के व्यापारियों पर लाठियां चलवाई और जब जनता ने इस बर्बरता पूर्ण मंज़र का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर लाइव कर दिया, तो कोई राजनीतिक नुकसान ना हो जाए, इस सोच के साथ भाजपा ने दिल्ली सरकार के ऊपर आरोप लगाना शुरू कर दिया।

उन्होंने कहा कि केंद्र के शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह स्वीकार किया है, कि इन मार्किटों का स्थानांतरण किया जाना था। एनजीटी ने इन मार्किटों के स्थानांतरण का आदेश जारी किया था, तो स्थानांतरण के लिए जमीन देने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है। क्यों नही डीडीए ने स्थानांतरण के लिए जमीन दी? भाजपा के नेता केंद्र सरकार की इस घिनौनी करतूत को छिपाने के लिए दिल्ली की जनता के बीच झूठ फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।

कड़े शब्दों में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से प्रश्न पूछते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा, कि जब 2015 में एनजीटी इन मार्किटों के स्थानांतरण का आदेश जारी कर रहा था, उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी जी, और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी जी कहां बैठकर मलाई चाट रहे थे। क्यों नहीं उन्होंने व्यापारियों के लिए आवाज उठाई? क्यों नहीं उन्होंने व्यापारियों के खिलाफ जारी किए जा रहे इस आदेश का विरोध किया? जब व्यापारियों की मदद करने का समय था, तो सारे भाजपा के नेता गायब थे, और आज जब दिल्ली का व्यापारी इनकी असलियत को समझ चुका है, तो घड़ियाली आंसू बहा कर सहानुभूति बटोरने की कोशिश कर रहे हैं।

दिल्ली की पुलिस केंद्र सरकार के अधीन है, सारे अर्धसैनिक बल केंद्र सरकार के अधीन है, ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार केंद्र सरकार के पास है, डीएम की पोस्टिंग, एसडीएम की पोस्टिंग केंद्र सरकार करती है, दिल्ली के नगर निगम में डीसी की नियुक्ति केंद्र सरकार के अधीन है, एनजीटी केंद्र सरकार के अधीन है, और इतने सबके बावजूद भी कितनी बेशर्मी के साथ भाजपा कह रही है, कि मायापुरी में कल के हादसे के लिए दिल्ली सरकार जिम्मेदार है।

डीडीए द्वारा पास किए गए एक आदेश का हवाला देते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि डीडीए ने अपने आदेश में साफ साफ कहा है, कि मास्टर प्लान के तहत मायापुरी की इन मार्किटों को स्थानांतरित करने के लिए कोई प्लान तैयार नहीं किया गया है। मोदी जी बताएं कि जब इन मार्किटों को स्थानांतरित करने के लिए कोई प्लान तैयार ही नहीं किया गया, तो किस आधार पर केंद्र सरकार शासित एनजीटी ने इन मार्किटों के स्थानांतरण का आदेश दिया। मोदी जी दिल्ली की जनता को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हैं। एक तरफ तो व्यापारियों के स्थानांतरण के लिए एनजीटी आदेश पास कर देता है, और दूसरी तरफ मोदी जी की डीडीए इन मार्किटों के स्थानांतरण के लिए जमीन देने से इंकार कर देती है, और फिर विरोध करने पर व्यापारियों पर लाठियां चलवाई जाती हैं।

उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज भाजपा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी पर आरोप मढ़ रही है, कि यह सब उनकी वजह से हुआ है। हम केंद्र सरकार से कहना चाहते हैं कि दिल्ली में अधिकारियों की नियुक्ति की जिम्मेदारी, दिल्ली पुलिस और जमीन का अधिकार दिल्ली सरकार को दे दें। एक महीने के अंदर ऐसी व्यवस्था बनाएंगे, कि कोई भी कोर्ट दिल्ली के व्यापारियों को उजाड़ने के लिए आदेश पास नहीं कर पाएगा।

प्रेस वार्ता में मौजूद दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री इमरान हुसैन ने बताया, कि कल मायापुरी में व्यापारियों के साथ जो बर्बरता पूर्ण कार्यवाही केंद्र सरकार द्वारा की गई, एमसीडी के अधिकारियों के साथ साथ डीपीसीसी के अधिकारी भी उसमें शामिल थे। उन्होंने बताया कि मैं पर्यावरण मंत्री हूँ, लेकिन मुझे बिना बताए, बिना मेरी अनुमति लिए यह सब अधिकारी इस अमानवीय कार्यवाही में शामिल हुए। इमरान हुसैन ने कहा की केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली सरकार के अधिकारियों को प्रत्यक्ष रूप से आदेश दिए गए, कि बिना मंत्रियों को संज्ञान में लिए यह सारी कार्यवाही की जाए।

अधिकारियों ने ऐसा क्यों किया, किसके कहने पर किया, और अधिकारियों ने मुझे कोई जानकारी क्यों नहीं दी, इस संबंध में मैं उप राज्यपाल महोदय को एक पत्र लिख रहा हूं। पत्र के माध्यम से मैं उप राज्यपाल महोदय से निवेदन कर रहा हूं, कि डीपीसीसी के जो भी अधिकारी इस कार्यवाही में शामिल थे, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए, उन सभी अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड किया जाए।

मनीष सिसोदिया ने मीडिया के माध्यम से उप राज्यपाल महोदय से निवेदन किया है, कि मायापुरी में हुई कल की बर्बरता पूर्ण कार्यवाही की न्यायिक जांच होनी चाहिए। जिस प्रकार से व्यापारियों के साथ मारपीट की गई, 13 लोगों को चोटे आई है, टांके लगे हैं, इसके लिए जो जिम्मेदार लोग हैं उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।

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