लखनऊ : दस सालों में दो लाख लोगों की मदद को पहुंचा रजत सिनर्जी फाउंडेशन का सीएसआर

दस सालों में दो लाख लोगों की मदद को पहुंचा रजत सिनर्जी फाउंडेशन का सीएसआर
                                                            वंचित तबके के लोगो पर आई मुस्कान ही हमारी पूंजी हैः श्रीमती भारती पाठक
*लखनऊ, 24अगस्त।  प्रधानमंत्री के चुनाव क्षेत्र वाराणसी की प्रमुख सिल्क निर्यातक कंपनी रजत सिनर्जी ग्रुप नें अपने कारपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) अभियान के तहत बीते दस सालों में दो लाख से ज्यादा तक मदद पहुंचाई है।
अभियान के अब तक के सफर की जानकारी देते हुए श्रीमती भारती पाठक जी ने बताया कि अपने सहयोगियों, कर्मचारियों को अपने परिवार का हिस्सा, अपनी जिम्मेदारी मानकर उनके सहयोग और उत्थान के लिए आज से एक दशक पूर्व 15 अगस्त 2010 को स्व. राजेन्द्र मोहन पाठक ‘‘रज्जू भईया’’ द्वारा रजत सिनर्जी फाउण्डेशन का आधार रखा गया और मुबारकपुर के बुनकर कामगारों के रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य के साथ फाउण्डेशन का काम शुरु हुआ था। इस पहल ने 1500 महिलाओं एवं 1000 पुरूर्षां को रोजगार से जोड़ा। आज अपने दस सालों के सफर में फाउण्डेशन द्वारा दो लाख से अधिक लोगों को लाभान्वित किया जा चुका है।
रजत सिनर्जी फाउंडेशन के 10 वें स्थापना दिवस के मौके पर चेयरपर्सन श्रीमती भारती पाठक ने बताया कि वर्ष 2010 में संस्थान ने सामाजिक परिवर्तन के लिए एक इफ्तार का आयोजन किया, जिसमें हिन्दू – मुस्लिम दोनों समुदाय के लागों ने आपसी भाईचारें के साथ विला सिनर्जी, महमूरगंज में इफ्तार इफ्तारी  किया। वर्ष 2012 में विला सिनर्जी, महमूरगंज में ही आनंदवन नामक कलाकारों के समूह की वर्कशाप एवं चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जहां विश्वविख्यात कलाकारों के साथ नवोदित कलाकारों को भी आमंत्रित कर उन्हें प्रोत्साहित किया गया।
 वर्ष 2014 में संस्था की संस्थापक स्व. राजेन्द्र मोहन पाठक एवं चेयरपर्सन श्रीमती भारती पाठक ने कई गरीब महिलाओं को सिलाई मशीन देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनने में सहायता प्रदान की। वर्ष 2015 में संस्था ने पूरे उत्तर प्रदेश में दस लाख वृक्ष लगाने का संकल्प लिया और यह मुहिम आज भी जारी है। वर्ष 2016 में संस्था ने बच्चों के फिजियोथेरिपी सेन्टर की दीवारों पर चित्रकला करवायी, जिससे वहां आने वाले बच्चों का मन बहल सकें और वह अपनी पीड़ा भूल सकें। वर्ष 2018 में संस्था ने “अन्नपूर्णा“ नामक एक पहल शुरू की, जिसके तहत हर नवरात्रि में प्रतिदिन 100 बच्चों को भोजन कराया जाता है। उक्त सभी सेवा एवं सहयोग कार्य हर साल आयोजित होते है।
रजत ने कहा कि इस वर्ष कोविड19 काल के दौरान भय का ऐसा माहौल बन गया है कि लोगों का मनोबल गिरने लगा है, जिसका असर लोगों की प्रतिरोधक क्षमता एवं आजीविका पर भी पड़ा है। ऐसे में रजत सिनर्जी फाउण्डेशन अपनी सामाजिक एवं सीएसआर (कारपोरेट सोसल रिस्पांसबिल्टी) के जिम्मेदारी का पालन करते हुए निरन्तर अपने सहयोगियों के घरों में सेनेटाइजेशन कराकर ये विश्वास दिला रहा है कि वो और उनका पूरा परिवार कोरोना वायरस से सुरक्षित है। ताकि वो सकारात्मक्ता के साथ अपना और देश के अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाने में भागीदारी कर सकें। हालात सामान्य होने तक सिनर्जी परिवार के सौ सहयोगियों के घरों का नियमित साप्ताहिक सेनेटाइजेशन का बीड़ा उठाया है।
राघवेन्द्र सिंह आल राईट न्यूज़ लखनऊ

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