लोकसभा अध्यक्ष ने बारबाडोस की नेशनल असेंबली का दौरा किया
भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल की यात्रा ने भारत और बारबाडोस के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नया आयाम दिया है
लोकसभा अध्यक्ष ने भारतीय समुदाय के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और बारबाडोस के बीच संबंध केवल कूटनीतिक या आर्थिक नहीं हैं, बल्कि यह दिल और चिंतन का जुड़ाव है
ब्रिजटाउन, बारबाडोस में आयोजित 68वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन के अवसर पर, लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला के नेतृत्व में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल (आईपीडी) ने बारबाडोस की नेशनल असेंबली का औपचारिक दौरा किया।
श्री बिरला और आईपीडी के सदस्यों का बारबाडोस की नेशनल असेंबली के स्पीकर श्री आर्थर होल्डर ने गर्मजोशी से स्वागत किया। इस यात्रा के दौरान, आईपीडी के सदस्यों और बारबाडोस के सांसदों ने आपसी सहयोग को मजबूत करने, लोकतांत्रिक मूल्यों के आदान-प्रदान और वैश्विक मंचों पर साझेदारी बढ़ाने के उद्देश्य से चर्चा की।
श्री ओम बिरला को बारबाडोस की पार्लियामेंट में ऐतिहासिक स्पीकर की कुर्सी देखने का भी अवसर मिला, जो 1966 में बारबाडोस की स्वतंत्रता के उपलक्ष्य में भारत सरकार द्वारा उपहार स्वरूप दी गई थी। यह कुर्सी भारत और बारबाडोस के बीच गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक है।
भारतीय सागौन की लकड़ी से निर्मित, इसे बारह भारतीय कारीगरों द्वारा लगभग एक वर्ष की अवधि में हाथ से सावधानीपूर्वक तराशा गया था। कुर्सी पर “भारत की जनता की ओर से बारबाडोस की जनता के लिए” लिखा है, जो दोनों देशों के बीच स्नेह, सहयोग और मैत्री की चिरस्थायी भावना को दर्शाता है।
इस अवसर पर, श्री बिरला ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और बारबाडोस की लोकतांत्रिक परंपराएं, संसदीय प्रणालियां और साझा मूल्य दोनों देशों को और भी अधिक निकट लाते हैं। उन्होंने इस ऐतिहासिक धरोहर को “भारत-बारबाडोस मैत्री का जीवंत उदाहरण” बताया।
दोनों पक्ष शिक्षा, संस्कृति, अक्षय ऊर्जा और संसदीय सहयोग के क्षेत्र में नए अवसरों की खोज पर सहमत हुए। दोनों पक्षों के सांसदों ने इस बात पर दृढ़ सहमति व्यक्त करते हुए बताया कि श्री बिरला के नेतृत्व में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल की यह यात्रा भारत और बारबाडोस के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
बारबाडोस की अपनी यात्रा के दौरान, लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने प्रवासी भारतीयों से बातचीत की। इस अवसर पर श्री बिरला ने कहा कि प्रवासी भारतीयों ने अपनी कड़ी मेहनत और ईमानदारी से दुनिया भर में ऐतिहासिक रूप से एक मजबूत प्रतिष्ठा बनाई है।
उन्होंने यह भी कहा कि बारबाडोस में भारतीय समुदाय दिवाली, होली, गणेश चतुर्थी और नवरात्रि जैसे त्योहार एक साथ मनाता है, जिससे सामुदायिक बंधन मजबूत होते हैं। श्री बिरला ने कहा कि रामायण और महाभारत की शिक्षाएं धर्म, सत्य और कर्तव्य पर जोर देती हैं और प्रवासी भारतीयों का मार्गदर्शन करती रहती हैं।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ऊर्जावान नेतृत्व में भारत की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए, श्री बिरला ने कहा कि आज भारत अंतरिक्ष अन्वेषण, डिजिटल भुगतान और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी अत्याधुनिक तकनीकों में विश्व में अग्रणी है। श्री बिरला ने कहा कि क्रिकेट दोनों देशों के बीच एक मजबूत सांस्कृतिक सेतु है।
उन्होंने यह भी कहा कि हाल के वर्षों में, दोनों देश सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में घनिष्ठ सहयोग के साक्षी हैं। श्री बिरला ने उपस्थित लोगों को अपने कार्यों के माध्यम से भारत की सकारात्मक छवि बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने नई पीढ़ी से अपने बच्चों को भारतीय भाषाएं और संस्कृति सिखाने का भी आह्वान किया, ताकि भारतीय संस्कृति पीढ़ियों तक जीवित रहे।
लोकसभा अध्यक्ष ने 68वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय बैठकें कीं
सम्मेलन के अवसर पर, श्री बिरला ने भाग लेने वाले विधायी सदनों के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं।
ऑस्ट्रेलियाई सीनेट की प्रेसीडेंट सुश्री सू लाइन्स के साथ बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बढ़ते सहयोग पर प्रकाश डाला, जो 2020 से एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी के रूप में विकसित हुआ है।
श्री बिरला ने जोर देकर कहा कि जी20 और राष्ट्रमंडल जैसे मंचों के माध्यम से और पोषित यह साझेदारी, रक्षा, व्यापार, अक्षय ऊर्जा और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहित प्रमुख क्षेत्रों में फैली हुई है, जो वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए साझा प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
श्री बिरला ने संसदीय नवाचार में भारत के नेतृत्व पर भी जोर दिया, विशेष रूप से ‘डिजिटल संसद’ और एआई-संचालित बहुभाषी उपकरणों यानी विधायी प्रक्रिया के भीतर पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही को बढ़ाने वाली पहलों के बारे में बताया।
श्री बिरला ने श्री सू लाइन्स को राष्ट्रमंडल के अध्यक्षों और पीठासीन अधिकारियों के 28वें सम्मेलन (सीएसपीओसी) में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया, जो जनवरी 2026 में नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा।
ब्यूरो चीफ, रिजुल अग्रवाल