मंडलीय सरस मेला में कवि सम्मेलन , जो भूखे है वो यार दीवाली क्या जाने , पैसे हो जब चार दीवाली होती है

मंडलीय सरस मेला -2019 अर्बन हाट में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में संचालन करते हुए रोहित “राकेश” ने कहा “जो भूखे है वो यार दीवाली क्या जाने, पैसे हो जब चार दीवाली होती है।राजस्थान से आये नमोकार जैन ने कहा “जाति भाषा क्षेत्र सम्प्रदाय में बटे हो किन्तु

अखण्ड हिन्दुस्तान का विधान होना चाहिए।” हरियाणा से आये सतीश एकांत ने कहा “मेरे मन में हमेशा राष्ट्र का सम्मान पलता है

हर इक दिल में नहीं जज्बात का ये ख्वाब जलता है

हरारत में तनिक सी तपिस बेचैन करती है,

मेरे प्यारे वतन तो जब कोई हैवान छलता है।” हरदोई से आये करूणेश दीक्षित ने कहा बहुत वा होश ,होता हूं मैं जब वेहोश होता हूं ,तुम्हीं से बात करता हूं मैं जब खामोश होता हूं ,कभी जब याद में तेरी छलक आती हैं ये आंखे मैं खुद को दोष देता हूं मगर निर्दोष होता हूं । आगरा से आये गया प्रसाद मौर्य ने कहा “राम के ही देश मे ये, राम पे सवाल उठें,

टालिए न प्रश्न मात, हल करबाइये।

सदियों से ताक रहे, देख रहे हर ओर,

*राम जी का घर धूम,धाम से बनाइये। हल्द्वानी की तरन्नुम निशात ने कहा “यह है मेरा हिंदुस्तान, एक घर में मुल्ला पंडित साथ करते अज़ान”

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