भारत का पहला कॉर्पोरेट अस्पताल ‘अपोलो’ बना वैश्विक प्रेरणा, 185 देशों का भरोसा, 19 हजार पिनकोड्स तक पहुंच

नवी मुंबई (अनिल बेदाग) : अपोलो हॉस्पिटल्स ने अपनी 42वीं वर्षगांठ पर देश और दुनिया में बनाए नए मील के पत्थरों का जश्न मनाया। 1983 में भारत का पहला कॉर्पोरेट अस्पताल शुरू करने वाले अपोलो ने अब तक 19 हजार पिनकोड्स तक सेवाएं पहुंचाईं, 185 देशों का भरोसा जीता और 200 मिलियन से ज्यादा लोगों की ज़िंदगियों पर सकारात्मक असर डाला है।
अपोलो की उपलब्धियों में 51 लाख से अधिक सर्जरी, 27 हजार से ज्यादा अंग प्रत्यारोपण और 11 लाख से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों का प्रशिक्षण शामिल है। इन योगदानों ने भारत के हेल्थकेयर सेक्टर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप के चेयरमैन डॉ. प्रताप सी. रेड्डी ने कहा, “1983 में अपोलो की स्थापना एक अस्पताल नहीं, बल्कि एक आंदोलन की शुरुआत थी। चार दशकों में यह आंदोलन 200 मिलियन जीवनों तक पहुंचा, 185 देशों का विश्वास अर्जित किया और स्वास्थ्यसेवा को नए आयाम दिए। हमारा संकल्प हमेशा यही रहा है कि विश्वस्तरीय देखभाल हर किसी के लिए सुलभ हो और आने वाले कल के लिए उपयुक्त बने।”
अपोलो की यात्रा ने भारत में स्वास्थ्य मानकों को मजबूत किया है। विदेशी चिकित्सा पर निर्भरता घटाने, मरीजों की आयु बढ़ाने और लंबा, स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करने की दिशा में अपोलो ने अहम भूमिका निभाई है।
अपोलो हॉस्पिटल्स की एक्जीक्यूटिव वाइस चेयरपर्सन डॉ. प्रीथा रेड्डी ने कहा, “किसी भी देश की असली ताकत उसके नागरिकों के स्वास्थ्य में है। हमारे डॉक्टर, नर्स और स्टाफ प्रगति के असली आर्किटेक्ट हैं। अपोलो में हमने केवल अस्पताल नहीं, बल्कि मानव पूंजी विकसित की है। जब हम लोगों में निवेश करते हैं, तब वास्तव में हम देश के भविष्य और उसकी गरिमा में निवेश करते हैं।”

गोपाल चंद्र अग्रवाल संपादक आल राइट्स मैगज़ीन

मुंबई से अनिल बेदाग की रिपोर्ट

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

%d bloggers like this: