वित्‍तीय वर्ष 2018-19 में, नवम्‍बर 2018 तक प्रत्‍यक्ष कर संगह दर्शाता है कि सकल संग्रह 6.75 लाख करोड़ रूपये रहा है।

प्रत्‍यक्ष कर संग्रह के नवम्‍बर 2018 तक के अनंतिम आकड़े यह दर्शाते हैं कि सकल संग्रह 6.75 लाख करोड़ रूपये रहा है। यह पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 15.7 प्रतिशत अधिक है। अप्रैल 2018 से नवम्‍बर 2018 तक तक की अवधि के दौरान 1.23 लाख करोड़ रूपये की धन वापसी जारी की गई है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में जारी की गई धन वापसी की तुलना में 20.8 प्रतिशत अधिक है।

शुद्ध संग्रह (धन वापसी के समायोजन के बाद) अप्रैल-नवम्‍बर 2018 के दौरान 14.7 प्रतिशत बढ़कर 5.51 लाख करोड़ रूपये रहा है। शुद्ध प्रत्‍यक्ष कर संग्रह वित्‍तीय वर्ष 2018-19 के लिए प्रत्‍यक्ष करों के कुल बजट अनुमानों (11.50 लाख करोड़ रूपये) का 48 प्रतिशत रहा है। जहां तक कार्पोरेट आयकर (सीआईटी) और व्‍यक्तिगत आयकर (पीआईटी) की वृद्धि दर का संबंध है, सीआईटी के लिए सकल संग्रह की वृद्धि दर 17.7 प्रतिशत और पीआईटी (एसटीटी समेत) की 18.3 प्रतिशत रही है। धन वापसी के समायोजन के बाद सीआईटी संग्रह में शुद्ध वृद्धि 18.4 प्रतिशत और पीआईटी संग्रह में 16 प्रतिशत रही है। यह उल्‍लेखनीय है कि वित्‍तीय वर्ष 2017-18 की इसी अवधि के दौरान कर संग्रह में आय घोषणा योजना (आईटीएस) के तहत हुए असाधारण संग्रह 10,833 करोड़ रूपये (आईडीएस की तीसरी और अंतिम किश्‍त) की राशि भी शामिल है। यह वर्तमान वर्ष के संग्रह का एक हिस्‍सा नहीं है।

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