सीबीआई मामले में स्‍टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड के तत्‍कालीन उप प्रबन्‍धक एवं एक निजी फर्म के दो साझीदारों को सजा सुनाई गई

सीबीआई मामलों के विशेष न्‍यायाधीश, जबलपुर (मध्‍य प्रदेश) ने मैसर्स अनिल कुमार, सोनभद्र (उत्‍तर प्रदेश) के दो साझीदार

यथा श्री सौरभ अग्रवाल एवं श्री गौरव अग्रवाल को 20,000 रू. जुर्माने के साथ तीन वर्ष की कठोर कारावास एवं स्‍टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड, रॉ-मैटेरियल डिपोर्टमेन्‍ट (आर.एम.डी), भवनाथपुर लॉइम स्‍टोन माइन्‍स, जिला गढ़वा (झारखण्‍ड) के तत्‍कालीन उप प्रबन्‍धक (एफ & ए) श्री एन. के. बिस्‍वास को 10,000 रू. जुर्माने सहित दो वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई।

सीबीआई ने आरोपी व्‍यक्तियों के विरूद्ध मामला दर्ज किया जिसमें रॉ-मैटेरियल डिपोर्टमेन्‍ट, स्‍टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड, भवनाथपुर के द्वारा कथित तौर पर जारी किया गया जाली पूर्व अनुभव प्रमाण पत्र (Past Experience Certificate) के आधार पर मैसर्स अनिल कुमार को 6,82,77,134 रू. मूल्‍य के 19 एन.सी.एल. ठेकों को प्रदान करने के लिए षड़यंत्र में शामिल होने का आरोप  है। 19 ठेकों को जारी करने की अवधि 2003 से 2006 के मध्‍य रही।

जॉंच के पश्‍चात, भारतीय दण्‍ड संहिता की धारा 120-बी, 420, 468, एवं 471 तथा भ्रष्‍टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13(2) के साथ पठित धारा 13 (1)(डी) के तहत दिनांक 31.05.2012 को सीबीआई मामलों के विशेष न्‍यायाधीश की अदालत, जबलपुर (मध्‍य प्रदेश) में आरोपी व्‍यक्तियों के विरूद्ध आरोप पत्र दायर हुआ।

विचारण अदालत ने आरोपियों को कसूरवार पाया व उन्‍हें दोषी ठहराया।

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