अमर स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय की पुण्य-तिथि पर श्रद्धांजलि दी।
समस्तीपुर:- समस्तीपुर प्रखंड के सिंघिया खुर्द में आयोजित पुष्पांजलि-सह-श्रद्धांजलि अमर स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय की पुण्य-तिथि पर सम्बोधित करते हुए
राजद के प्रदेश प्रवक्ता -सह -विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने कहा की एक दौर था जब ब्रिटिश साम्राज्य में सूर्य कभी अस्त नहीं होता था। पूरी दुनिया में अंग्रेजों की तूती बोलती थी। सर्वशक्तिमान ब्रिटिश राज के खिलाफ 1857 में भारत में हुए बहुत बड़े सशस्त्र आंदोलन को बेहद निर्ममता के साथ कुचल दिया गया था। अंग्रेज भी यह मानते थे अब उन्हें भारत से कोई हिला भी नहीं सकता, साल 1928 में भारत में एक शख्स की ब्रिटिश पुलिस की लाठियों के मौत हुई, और इस मौत ने ब्रिटिश साम्राज्य की चूलों को हिला दिया। उन्होंने कहा की 30 अक्टूबर 1928 को पंजाब में महान स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय पर बरसीं ब्रिटिश लाठियां दुनिया के सबसे बड़े साम्राज्य के ताबूत में आखिरी कील साबित हुईं और आज ही के दिन यानी 17 नवंबर को हुई उनकी मौत के 20 साल के भीतर ही भारत को आजादी मिल गई। राजद प्रदेश प्रवक्ता ने कहा की ब्रिटिश राज के खिलाफ लालाजी की आवाज को पंजाब में पत्थर की लकीर माना जाता था। अवाम के मन में उनके प्रति इतना आदर और विश्वास था कि उन्हें पंजाब केसरी यानी पंजाब का शेर कहा जाता था। साल 1928 में ब्रिटिश राज ने भारत में वैधानिक सुधार लाने के लिए साइमन कमीशन बनाया। इस कमीशन में एक भी भारतीय सदस्य नहीं था। बॉम्बे में जब इस कमीशन ने भारत की धरती पर कदम रखा तो इसके विरोध में ‘साइमन गो बैक’ के नारे लगे पंजाब में इसके विरोध का झंडा लाला लाजपत राय ने उठाया। जब यह कमीशन लाहौर पहुंचा तो लाला जी के नेतृत्व में इस काले झंडे दिखाए गए। बौखलाई ब्रिटिश पुलिस ने शांतिपूर्ण भीड़ पर लाठीचार्ज कर दिया. लाला लाजपत राय गंभीर रूप से घायल हुए और इन लाठियों की चोट के चलते ही 17 नंवंबर 1928 को उनका देहांत हो गया। राजद के प्रदेश प्रवक्ता-सह-विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने कहा की अमर स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत रायजी का सम्पूर्ण जीवन प्रेरणादायक व अनुकरणीय है तथा स्मृति -शेष लाजपत रायजी सदैव याद किये जाते रहेँगे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला राजद सचिव राकेश यादव और संचालन जिला राजद प्रवक्ता राकेश कुमार ठाकुर ने किया। वहीँ कार्यक्रम को जिला पार्षद रंजन पासवान, सत्यनारायण पासवान, ललित राय, बेबी कुमारी, मोहम्मद मंजूर आलम, सुरेंद्र महतो, विपीन कुमार, राकेश कुशवाहा, महफूज आलम आदि ने भी सम्बोधित किया।