खुशियाँ हैं सबसे बड़ी इम्युनिटी वूस्टर
निश्चित रूप से इस समय पूरा देश एक कठिन दौर से गुजर रहा है। प्रतिदिन लाखों नए संक्रमित मिलना और हजारों लोगों का असमय निधन हो जाना मन को अन्दर तक हिलाकर रख देता है। ऐसे में सबसे अधिक आवश्यक है मन को संयत और संतुलित बनाए रखना। अनावश्यक स्टेªस नहीं लें और अपने मन पर कोरोना के फोबिया को हावी न होने दें।
कोरोना की इस भयावह आपदा में हमारे शरीर की इम्युनिटी भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यदि हमारे शरीर की इम्युनिटी स्ट्रांग है तो कोरोना का वायरस हमारे शरीर को आसानी से अपनी चपेट में नहीं ले सकता। इसलिए चिकित्सक सबको अपनी इम्युनिटी स्ट्रांग करने की सलाह दे रहे हैं।
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए आजकल मार्केट में इम्युनिटी वूस्टर की एक बाढ़ सी आ गई है। कोई काढ़ा पीने की सलाह दे रहा है तो कोई टेबलेट्स की नियमित डोज लेने की। कोई खट्टे फल खाने की सलाह दे रहा है तो कोई प्राणायाम और आसन करने की। सबके अपने-अपने पैकेज हैं और अपने-अपने फंडे।
मनोवैज्ञानिकों के अनुसार खुशियां सबसे बड़ी और सबसे कारगर इम्युनिटी वूस्टर हैं। जब हमारा मन प्रसन्न होता है तो हमारे मस्तिष्क से सकारात्मक तरंगें प्रवाहित होती हैं जो हमारे शरीर को सकारात्मक ऊर्जा देती हैं। यह सकारात्मक ऊर्जा हमारे शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाती है। खुशियां निःशुल्क मिलती हैं और इनकी सबसे बड़ी खूबी है कि इनका कोई साइड इफेक्ट नहीं है।
प्रतिदिन कम से कम एक घंटा अपने घर के लाॅन में या गमलों में लगे पौधों के साथ बिताइए। उनकी निराई, गुड़ाई करिए, पानी लगाइए। पौधों में लगी सूखी पत्तियों एवं सूखे फूलों को हटा दीजिए पत्तियों को साफ पानी से धोइए, पौधों में लगे ताजा फूलों को देखकर आपके मन का सारा तनाव उड़नछू हो जायेगा और आपका मन नई ऊर्जा और नये उत्साह से भर जायेगा।
अच्छी पुस्तकेें पढ़िए, अच्छा साहित्य पढ़ने से मन में सकारात्मक विचार आते हैं और नकारात्मक चीजें हमारे मन से कोसों दूर रहती हैं। कुछ समय अपने परिवार के लोगों के साथ बिताइए। उनसे बातें करिए उनके कामों में हाथ बटाइए, बच्चों के साथ कोई इन्डोर गेम खेलिए। व्यस्त रहिए, मस्त रहिए और स्वस्थ रहिए। कोरोना के खिलाफ जंग में जीत का यही मूलमन्त्र है।
सुरेश बाबू मिश्रा
सेवा निवृत्त प्रधानाचार्य
ए-979, राजेन्द्र नगर, बरेली-243122 (उ॰प्र॰)
मोबाइल नं. 9411422735,
E-mail : sureshbabubareilly@gmail.com
बरेली से निर्भय सक्सेना की रिपोर्ट !