ED: Jyoti Power के खिलाफ PMLA शिकायत!

🚨 ₹297 करोड़ के बैंक धोखाधड़ी मामले में ED का एक्शन: ज्योति पावर कॉर्पोरेशन और निदेशकों के खिलाफ PMLA शिकायत दर्ज

  • एक्शन: प्रवर्तन निदेशालय (ED), अहमदाबाद ने ज्योति पावर कॉर्पोरेशन प्राइवेट लिमिटेड (JPCPL) और इसके निदेशकों के खिलाफ PMLA के तहत अभियोजन शिकायत (PC) दायर की।

  • तारीख: PC 03/12/2025 को माननीय स्पेशल कोर्ट (PMLA), अहमदाबाद के समक्ष दायर की गई।

  • मूल मामला: CBI द्वारा मुंबई और भोपाल में दर्ज दो FIR (IPC और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत) के आधार पर ED ने जांच शुरू की थी।

  • अपराध की आय: कंपनी पर ₹297.07 करोड़ के ‘अपराध की आय’ (Proceeds of Crime) को लॉन्डर करने का आरोप।

  • रणनीति: जाली लेटर ऑफ क्रेडिट का उपयोग, फंडों की हेराफेरी, गैर-कंसोर्टियम खातों में धन प्राप्त करना और जाली असुरक्षित लेनदारों को दिखाना।

  • जब्ती: पहले ही ₹15 करोड़ की अचल संपत्तियां (आवासीय फ्लैट और प्लॉट) जब्त की जा चुकी हैं।


🏦 JPCPL बैंक धोखाधड़ी मामला: फंड डायवर्जन से ₹297 करोड़ का ‘POC’

प्रवर्तन निदेशालय (ED), अहमदाबाद ने ज्योति पावर कॉर्पोरेशन प्राइवेट लिमिटेड (JPCPL) और इसके प्रमुख व्यक्तियों के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है। ED ने 3 दिसंबर 2025 को अहमदाबाद की स्पेशल कोर्ट (PMLA) के समक्ष अभियोजन शिकायत दायर की है, जो एक बड़े बैंक धोखाधड़ी मामले से संबंधित है।

ED ने यह जांच CBI द्वारा मुंबई और भोपाल में दर्ज की गई दो अलग-अलग FIR के आधार पर शुरू की थी।

💸 फंड की हेराफेरी और शेल एंटिटीज का इस्तेमाल

ED की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं कि JPCPL और उससे जुड़े व्यक्तियों ने किस तरह ऋण खातों का दुरुपयोग किया। कंपनी ने आपराधिक गतिविधियों से प्राप्त ₹297.07 करोड़ की ‘अपराध की आय’ (POC) का धन शोधन (Money Laundering) किया।

जांच से यह स्थापित हुआ है कि कंपनी, उसके निदेशकों और संबंधित व्यक्तियों ने सिस्टर/सहयोगी संस्थाओं और संबंधित व्यक्तियों के विभिन्न खातों के माध्यम से फंड की बड़े पैमाने पर हेराफेरी/डाइवर्जन करके बैंक धोखाधड़ी की। यह राशि बाद में नकद में निकाली गई।

🏢 जाली दस्तावेज़ और संपत्तियों की खरीद

जांच में यह भी पता चला कि इन अवैध राशि का उपयोग पूर्व निदेशकों, प्रमोटरों और संबंधित संस्थाओं के नाम पर संपत्तियां खरीदने में किया गया था। JPCPL ने बैंकों को झूठे और जाली लेटर ऑफ क्रेडिट (LCs) भी जमा किए, गैर-कंसोर्टियम खातों में फंड प्राप्त किया, और जाली असुरक्षित लेनदार (Fake Unsecured Creditors) दिखाकर कंपनी के बही-खातों को गलत दिखाया।

इन कृत्यों से कंपनी ने आपराधिक विश्वासघात किया और अपने लिए भारी आर्थिक लाभ कमाते हुए बड़ी मात्रा में POC उत्पन्न किया।

🏛️ ₹15 करोड़ की संपत्ति पहले ही जब्त

इस मामले में पहले ही कड़ी कार्रवाई की जा चुकी है। ED ने पूर्व में ही ₹15 करोड़ मूल्य की अस्थायी कुर्की आदेश (Provisional Attachment Order) जारी कर दिया था, जिसके तहत कंपनी से संबंधित आवासीय फ्लैटों और प्लॉटों सहित विभिन्न अचल संपत्तियों को जब्त किया गया था। मामले में आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी है।


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