शासन के सख्त आदेशों के बाद भी ई-ऑफिस संचालन में लापरवाही बरतने वाले 23 अफसरों पर आखिरकार शिकंजा कस गया।

बरेली। शासन के सख्त आदेशों के बाद भी ई-ऑफिस संचालन में लापरवाही बरतने वाले 23 अफसरों पर आखिरकार शिकंजा कस गया। लगातार चेतावनी और समयसीमा के बावजूद तीन-तीन महीने तक ई-ऑफिस में लॉगिन तक न करने वाले इन अफसरों का अगस्त माह का वेतन रोक दिया गया है।

मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल ने अप्रैल 2025 के बाद से मंडल के सभी सरकारी कामकाज, पत्रावलियों के निस्तारण और पत्राचार को ई-ऑफिस के माध्यम से अनिवार्य किया था। लेकिन हालिया समीक्षा में सामने आया कि 23 अफसरों ने न केवल सिस्टम पर काम करना बंद कर रखा था, बल्कि नोटिस मिलने के बाद भी 12 अगस्त 2025 तक कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया।

“अब बर्दाश्त नहीं होगी ढिलाई”
मामले को गंभीर मानते हुए मंडलायुक्त ने अगस्त का वेतन रोके जाने के निर्देश दिए और साफ कहा कि ई-ऑफिस व्यवस्था को ठप करने वालों पर आगे और भी कड़ी कार्रवाई होगी। यह प्रणाली पारदर्शिता और समयबद्धता के लिए अनिवार्य है, इसलिए आदेश की अवहेलना पर किसी भी स्तर पर ढिलाई स्वीकार नहीं की जाएगी।
ये हैं वे अफसर जिनकी सैलरी अटकी
कार्रवाई की चपेट में आए अधिकारियों में उप निदेशक सिंचाई एवं जल संसाधन (शारदा कमांड), उप निदेशक (माध्यमिक शिक्षा), क्षेत्रीय सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद, संयुक्त आयुक्त (उद्योग), सीनियर हाइड्रोलॉजिस्ट भू-गर्भ जल विभाग, मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र, अधीक्षण अभियंता जल निगम (नगरीय) बरेली वृत्त, सहायक निदेशक सेवायोजन, मंडलीय कमांडेंट (होमगार्ड), अधीक्षण अभियंता भू-गर्भ जल विभाग, अधिशासी अभियंता लघु सिंचाई, क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक, उप निदेशक (विद्युत/यांत्रिक) मंडी परिषद, अधीक्षण अभियंता सिंचाई बाढ़ कार्य, अधीक्षण अभियंता सिंचाई पंचम मंडल, संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन), क्षेत्रीय खेल अधिकारी, उप निदेशक (पर्यटन), संयुक्त आयुक्त एवं संयुक्त रजिस्ट्रार सहकारिता, मंडलीय लेखा परीक्षण यूनिट, संयुक्त निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सहायक नियंत्रक विधिक माप विज्ञान और उप निदेशक (निर्माण) मंडी परिषद शामिल हैं।

बरेली से रोहिताश कुमार की रिपोर्ट

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