Delhi : मनीष सिसोदिया ने 170 मोबाइल इस्तेमाल किए फिर तोड़ दिए गिरफ्तारी की 4 वजहें शराब नीति आने से पहले कॉपी शराब कारोबारियों से शेयर की

दिल्ली के डिप्टी CM मनीष सिसोदिया को शराब घोटाले में CBI ने गिरफ्तार किया है। CBI ने शुक्रवार को उनसे 8 घंटे पूछताछ की थी। सिसोदिया पर शराब घोटाले से जुड़े अहम सबूतों को नष्ट करने का आरोप है।

दिल्ली की पुरानी शराब नीति में 60% दुकानें सरकारी थीं

दिल्ली में पुरानी नीति के तहत L1 और L10 लाइसेंस रिटेल वेंडर को दिया जाता था। इसमें L1 दुकानें DDA के अप्रूव्ड मार्केट, लोकल शापिंग सेंटर, कन्वीनिएंट शॉपिंग सेंटर, डिस्ट्रिक्ट सेंटर और कम्युनिटी सेंटर में चला करती थीं।

2003 से ही L1 और L10 लाइसेंस चल रहे थे। L10 वाइन शॉप के लाइसेंस शॉपिंग मॉल के लिए थे। हर साल वेंडर लाइसेंस रिन्यू के लिए फीस भरता है। वहीं होलसेल के लिए फिक्स प्राइज था और बिलिंग अमाउंट पर वैट लगता था।

दिल्ली में 17 नवंबर 2021 को शराब के लिए नई आबकारी नीति लागू होने तक 849 शराब की दुकानें थीं। इनमें से 60% दुकानें सरकारी और 40% निजी थीं।

दिल्ली सरकार ने नई नीति के तहत 2021 में सरकारी दुकानें बंद कर दीं

दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 17 नवंबर को नई शराब नीति को मंजूरी दी। इसके तहत दिल्ली में शराब की सरकारी दुकानों को बंद कर दिया गया। नई नीति को लागू करने के लिए दिल्ली को 32 जोन में बांटा गया था।

हर जोन में 27 शराब की दुकानें थीं। इन दुकानों का मालिकाना हक जोन को जारी किए गए लाइसेंस के तहत दिया गया था। हर वार्ड में 2 से 3 वेंडर को शराब बेचने की अनुमति दी गई।

सरकार ने लाइसेंस धारकों के लिए नियमों को भी आसान बनाया। इसके तहत उन्हें शराब पर डिस्काउंट देने और MRP पर बेचने के बजाय खुद कीमत तय करने की छूट दी। वेंडर्स को डिस्काउंट देने का फायदा भी हुआ। इससे शराब की बिक्री में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली। हालांकि, विपक्ष के विरोध के बाद आबकारी विभाग ने कुछ समय के लिए छूट वापस ले ली।

दिल्ली सरकार नई शराब नीति क्यों लेकर आई

दिल्ली के डिप्टी CM ने उस वक्त नई शराब नीति लाने के पीछे कुछ प्रमुख वजहें बताई थीं। पहली- शराब माफियाओं पर नियंत्रण और दूसरा सरकार का राजस्व बढ़ाना। इसके अलावा कालाबाजारी को खत्म करना और शराब की दुकानों का समान वितरण करना था।

डिप्टी CM सिसोदिया ने बताया था कि दिल्ली में 272 वॉर्ड हैं, उनमें से 79 वॉर्ड में एक भी शराब की दुकान नहीं है। 45 ऐसे हैं, जहां 1 से 2 दुकानें हैं। 158 वॉर्ड यानी करीब 58% ऐसी जगहें हैं, जहां दुकानें नहीं हैं या कम हैं। दिल्ली में करीब 850 दुकानें हैं, जिनमें से 50% दुकानें 45 वॉर्ड में हैं।

नई नीति से अब हर वॉर्ड में दुकानें होंगी और शराब की कालाबाजारी रुकेगी।

ब्यूरो रिपोर्ट , आल राइट्स मैगज़ीन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

%d bloggers like this: