दगाबाज़ गए दंगेबाज़ के साथ;-CM

सुल्तानपुर (अत्रि कुमार पाठक )- कुशीनगर; भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य का बिना नाम लिए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि दगाबाज दंगेबाजों के साथ जा खड़े हुए हैं और अब भेदभाव के आरोप लगा रहे हैं। भाजपा की सुनामी में दंगाई और दगाबाज दोनों खत्म हो जाएंगे, क्योंकि चार चरण के चुनावों के रुझान में ही भाजपा स्पष्ट बहुमत में पहुंच गई है। इसी भय के चलते कितनों ने तो 10 मार्च के बाद का विदेश का टिकट करा लिया है। 2017 के पहले बिजली आपूर्ति में भी भेदभाव किया जाता था। फर्क साफ है, पहले बिजली आती ही नहीं थी, अब जाती ही नहीं है। योगी ने शनिवार को कुशीनगर के फाजिलनगर और गोरखपुर के पिपराइच और ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में जनसभा की।

फाजिलनगर में स्थित पावानगर महावीर इंटर कॉलेज में आयोजित सभा में उन्होंने कहा कि 2017 के पहले प्रदेश दंगाइयों और गुंडों के हवाले था, लेकिन बीते पांच वर्षों में पूरे प्रदेश में एक भी दंगा नहीं हुआ है। कोरोना महामारी के बीच भी प्रदेश सरकार ने जीविका और जीवन दोनों की रक्षा की। मजबूत निर्णय के लिए मजबूत सरकार जरूरी है। योगी ने कहा कि पांच सालों में पांच लाख युवाओं को पारदर्शी तरीके से नौकरी दी गई है, आने वाले पांच वर्षों में प्रदेश के हर परिवार से एक व्यक्ति को नौकरी या रोजगार से जोड़ने के साथ ही 60 साल से ऊपर की महिलाओं को परिवहन निगम में मुफ्त यात्रा की सुविधा दी जाएगी।

एक हाथ में विकास दूसरे में बुलडोजर
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि गोरखपुर समेत पूरे प्रदेश में भयमुक्त वातावरण कायम हुआ है। अगर गुंडे सत्ता में आएंगे तो फिर वही करेंगे जो वे पांच साल पहले करते थे। आज अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बन रहा है। अयोध्या में दिव्य दीपोत्सव, मथुरा, वृंदावन व बरसाना में भव्य रंगोत्सव और काशी में विहंगम देव दीपावली का आयोजन होता है। यूपी में दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म सिटी बना रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के एक हाथ में विकास है। दूसरे हाथ में अपराधियों की छाती पर चलने वाला बुलडोजर है। उन्होंने दावा किया कि छठवें व सातवें चरण का मतदान होते ही भाजपा 300 पार के लक्ष्य से भी आगे होगी।

याद कराया 2017 से पहले का उत्तर प्रदेश;
सीएम योगी ने पूर्व की सपा सरकार पर जम कर हमला बोला। कहा कि प्रदेश वही है और प्रशासन भी वही। पहले दंगे होते थे, कर्फ्यू लगता था। ईद-बकरीद पर बिजली मिलती लेकिन होली-दिवाली पर गुल रहती। पश्चिम में बेटियां स्कूल और महिलाएं बाजार में नहीं निकल पाती थीं। आज न तो दंगे हैं और न ही कर्फ्यू। दंगा करने वालों की फोटो चस्पा हो रही है। दंगाई व अपराधी गले में तख्ती लटका चलते हैं कि जान बख्श दो, ठेला लगा लेंगे। उन्होंने लोगों को पहले मतदान, फिर जलपान के मंत्र का स्मरण भी कराया।

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