बरेली अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन के केबल चोरी

😡 शर्मनाक! स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा सवाल: बरेली के सरकारी अस्पताल में लाखों की CT स्कैन मशीन को ‘मार’ गए चोर, 6 AC केबल उड़ाए; जाँचें बंद

मुख्य कीवर्ड्स: बरेली स्वास्थ्य विभाग, 300 बेड अस्पताल, सीटी स्कैन ठप, एसी केबल चोरी, मरीज़ों की दुर्दशा, सरकारी अस्पताल सुरक्षा।

[बरेली, खास रिपोर्ट]

सुरक्षा के लाख दावों के बावजूद, बरेली के स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सामने आई है। शहर के 300 बेड अस्पताल में लाखों रुपये की हाई-टेक सीटी स्कैन मशीन को चोरों ने निशाना बनाया है। हद तो यह है कि चोरों ने मशीन रूम में लगे सभी छह एयर कंडीशनर (AC) के केबल ही चुरा लिए।

केबल चोरी होते ही कूलिंग (ठंडा करने) की प्रक्रिया रुक गई, जिससे महंगी मशीन बार-बार ओवरहीट होने लगी और बड़ा फॉल्ट होने की आशंका को देखते हुए इसे बंद करना पड़ा। इस गंभीर अव्यवस्था के कारण अस्पताल में सीटी स्कैन की जाँचें पूरी तरह ठप हो गईं, और मरीज़ों को जाँच के लिए प्राइवेट सेंटरों में मोटी फीस भरने को मजबूर होना पड़ रहा है।

😠 सुरक्षा में बड़ी सेंध, चौकीदार के बावजूद चोरी

अस्पताल में आए दिन चोरी की घटनाओं के बावजूद सुरक्षा व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है।

  • चौकीदार की तैनाती होने के बावजूद इतनी बड़ी चोरी की घटना होना अस्पताल प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

  • स्टाफ की कमी या लापरवाही के कारण रात में अस्पताल परिसर में अराजक तत्व और शराबी सक्रिय हो जाते हैं, जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया है।

🚫 दिल्ली से बुलाए टेक्नीशियन, फिर भी नहीं खुली जाँच

चोरी की सूचना मिलने के बाद अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई।

  • मशीन को बचाने के लिए तुरंत जाँचें बंद कर दी गईं और सभी मरीज़ों को वापस कर दिया गया।

  • दिल्ली से टेक्नीशियन गणेश यादव को तुरंत बुलाया गया, लेकिन देर शाम तक एसी की मरम्मत और केबल को बदला नहीं जा सका था।

  • सीटी स्कैन विभाग के कर्मचारियों ने सीएमएस और सीएमओ को लिखित सूचना दे दी है, और संभावना जताई है कि शुक्रवार को भी जाँचें बंद रहेंगी

💬 कानूनी कार्रवाई की तैयारी

सीएमएस डॉ. इंतजार अली ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा है कि यह एक गंभीर मामला है।

“सभी छह एसी के केबल चोरी हुए हैं, जिससे जाँचें नहीं हो पा रही हैं। हम इसे तुरंत ठीक करा रहे हैं। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।” – डॉ. इंतजार अली, सीएमएस

 


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