बरेली: एक बच्ची क्यों दी? कमेटी करेगी जांच

👶 अस्पताल में ‘बच्चा चोरी’ का गंभीर आरोप: अल्ट्रासाउंड में थे जुड़वां, प्रसव के बाद मिला एक शिशु

बरेली महिला अस्पताल में सनसनी; परिजनों ने दूसरे बच्चे को गायब करने का लगाया आरोप, 5 सदस्यीय टीम जांच के घेरे में

बरेली: जिला महिला अस्पताल में एक प्रसूता के परिजनों ने अस्पताल स्टाफ पर जुड़वा बच्चों में से एक बच्चे को गायब करने का संगीन आरोप लगाया है, जिससे अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने तुरंत एक उच्च-स्तरीय जांच टीम गठित की है।

परिजनों का दावा है कि उनकी पत्नी की दो अलग-अलग अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में जुड़वा शिशु होने की पुष्टि हुई थी, लेकिन 8 दिसंबर को प्रसव के बाद उन्हें केवल एक बेटी सौंपी गई।

❓ दो रिपोर्ट, एक बच्चा: पूरा मामला

फरीदपुर के जिगरेना निवासी सुरेश बाबू ने 8 दिसंबर को अपनी गर्भवती पत्नी राजेश्वरी देवी को जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया था।

  • अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट 1: राजेश्वरी के 26 सप्ताह की गर्भवती होने पर निजी लैब में कराए गए पहले अल्ट्रासाउंड में जुड़वा शिशु होने की जानकारी दी गई थी।

  • अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट 2: इसके बाद 14 नवंबर को जिला महिला अस्पताल में कराए गए दूसरे अल्ट्रासाउंड में भी जुड़वा बच्चे होने की स्पष्ट पुष्टि हुई थी।

  • प्रसव के बाद: जब स्टाफ ने सुरेश बाबू को केवल एक बेटी सौंपी, तो वह चौंक गए और उन्हें संदेह हुआ कि उनके दूसरे शिशु को गायब कर दिया गया है।

🚪 लेबर रूम से सास को निकालने पर गहराया शक

परिजनों का शक तब और गहरा गया जब प्रसव पीड़ा के दौरान राजेश्वरी देवी की सास लेबर रूम में मौजूद थीं, लेकिन स्टाफ ने उन्हें अल्प समय के लिए बाहर जाने को कहा। जब वह वापस आईं, तो उन्हें सिर्फ एक बेटी के जन्म की जानकारी दी गई। सवाल यह है कि जब प्रसव के दौरान घर की महिला मदद के लिए अंदर रह सकती है, तो उन्हें बाहर क्यों निकाला गया?

🔎 5 सदस्यीय टीम जांच के दायरे में

सीएमएस डा. त्रिभुवन प्रसाद ने बताया कि मामले की जांच के लिए वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. पुष्पलता समी के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई है।

जांच अधिकारी डा. पुष्पलता समी ने प्रसव से जुड़े पांच प्रमुख लोगों को जांच के दायरे में लिया है और जल्द ही उनके लिखित बयान लिए जाएंगे:

  1. प्रसव कराने वाली दोनों चिकित्सक (डा. सीमा सिंह)

  2. रेडियोलाजिस्ट (डा. चंद्रपाल सिंह)

  3. स्टाफ नर्स (रंजीता पाल)

  4. वार्ड ब्वाय

  5. दूसरी रेडियोलाजिस्ट (डा. इला)

जांच अधिकारी डा. पुष्पलता समी ने कहा, “प्रसव के समय तैनात चिकित्सक, रेडियोलाजिस्ट, स्टाफ नर्स और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के लिखित बयान लिए जाएंगे। सभी बिंदुओं को ध्यान में रखकर जांच की जा रही है।”

जांच कमेटी अब यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि जब अल्ट्रासाउंड में जुड़वा शिशु दिखाई दे रहे थे, तो प्रसव के बाद एक ही बेटी क्यों दी गई।


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