बरेली : जिलाधिकारी श्री शिवाकान्त द्विवेदी की अध्यक्षता में जिला गंगा समिति के अंतर्गत डब्लू डब्लू एफ इंडिया द्वारा विकास भवन सभागार में प्रथम चरण का प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ सम्पन्न

जिलाधिकारी ने कहा की जनपद में जैविक खाद के प्रयोग से उगाई गयी सब्जियों को बाजार और कॉलोनियों में बेचने की वयवस्था की जाएगी, जिससे किसानों को अच्छे दाम मिल सके

बरेली, 31 मई। जिलाधिकारी श्री शिवाकान्त द्विवेदी की अध्यक्षता में आज नोडल अधिकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम जलशक्ति मंत्रालय की गंगा नदी अधिसूचना-2016 के अनुसार जिले में चिन्हित नदी किनारे के ग्रामों के ग्राम प्रधान नोडल अधिकारी हैं, जिनके लिए जिला प्रशासन के सहयोग से जिला गंगा समिति के अंतर्गत डब्लू डब्लू एफ इंडिया द्वारा विकास भवन सभागार में प्रथम चरण का प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

जिलाधिकारी ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रमों का उद्देश्य नोडल अधिकारियों को नदी और उसके संरक्षण के लिए प्रेरित करना तथा इस सम्बन्ध में उनकी भूमिका और कर्तव्यों के बारे में अवगत कराना है।

उन्होंने कहा कि रामगंगा नदी किनारे की 49 ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधान तथा पंचायत सचिवों को जागरूक करने और उनकी क्षमता निर्माण के लिए 02 प्रशिक्षण कार्यक्रम आज कराये गए और 02 अगले महीने कराये जायेंगे।

उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण नदी संरक्षण एवं जिला गंगा समिति में नोडल अधिकारियों की भूमिका और जिम्मेदारियां, कछुआ संरक्षण में जन सहभागिता तथा सतत कृषि नामक विषय पर कराये गये जिसमें प्रतिभागीयों ने नदियों में कछुआ के संरक्षण एवं उन्नत कृषि की विभिन्न पद्धतियों के बारे में सीखा, जिनको अपनाने से सिंचाई में पानी और रासायनिक उर्वरकों की खपत को कम किया जा सकता है।

इसके अलावा स्थानीय रूप से उपलब्ध सामग्री से जैव कीटनाशक को बनाने की विधि भी सिखाई गयी। उन्होंने कहा कि अगले चरण का प्रशिक्षण जून माह में कराने की योजना है, जिसका विषय नदी स्वास्थ्य मूल्यांकन जहां प्रतिभागियों को जल गुणवत्ता परीक्षण के साथ-साथ नदी स्वास्थ्य के अन्य पहलुओं में प्रशिक्षित किया जायेगा तथा नमभूमि (वेटलैंड) स्वास्थ्य मूल्यांकन, जिसमें प्रतिभागियों को वैज्ञानिक तरीके से वेटलैंड्स के संरक्षण का प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा।

जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधानों और किसानों को विस्तार से अमृत पानी और जीवा अमृत बनाने की विधि बताई और इसके लाभ भी गिनाये। उन्होंने कहा की जनपद में जैविक खाद के प्रयोग से उगाई गयी सब्जियों को बाजार और कॉलोनियों में बेचने की व्यवस्था की जाएगी, जिससे किसानों को अच्छे दाम मिल सके।

कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य विकास अधिकारी द्वारा सभी का स्वागत करके तथा डब्लू डब्लू एफ़ इंडिया के समन्वयक डा. मो. आलम ने प्रशिक्षण की प्रष्टभूपृष्ठ बता कर की। डब्लू डब्लू एफ इंडिया की योगिता सिंह ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से रामगंगा नदी में कछुओं की स्थिति की जानकारी दी तथा कछुआ संरक्षण कार्यक्रम में सहयोग का अनुरोध किया।

कृषि में विभिन्न पद्धतियों जैसे गन्ने में ट्रेंचेर विधि आदि का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि इनको अपनाने से पानी की खपत कम होती है, जिससे जल संरक्षण होता है। उन्होंने जैविक खाद और जैविक कीटनाशक अमृत पानी के प्रयोग को बढ़ावा देने की बात कही।

मुख्य विकास अधिकारी ने सभी प्रतिभागियों से कहा कि डब्लू डब्लू एफ इंडिया द्वारा दिए जा रहे प्रशिक्षण को ध्यान से सुने और नदी संरक्षण में सहयोग करें। प्रभागीय वनाधिकारी ने रामगंगा नदी में कछुए के संरक्षण के लिए पालेज के किसानों की भूमिका के बारे में बताया और कहा कि किस तरह कछुओं का शिकार करके इनकी जनसँख्या को नुक्सान पहुँचाया जाता है इसको रोकने के लिए उन्होंने सभी से अपील की और कहा कि यदि किसी क्षेत्र में कछुओं के शिकार की घटनायें होती है वे तो वन विभाग को सूचित करें।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी श्री जग प्रवेश, प्रभागीय वनाधिकारी श्री समीर, जिला पंचायती राज अधिकारी श्री धर्मेंद्र कुमार सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, बरेली

गोपाल चंद्र अग्रवाल संपादक आल राइट्स मैगज़ीन

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