बरेली। इस बार दीपावली पर घर-घर सिर्फ दीयों की लौ ही नहीं, बल्कि दिव्यांगजनों के हुनर की चमक भी जगमगाएगी।

बरेली। इस बार दीपावली पर घर-घर सिर्फ दीयों की लौ ही नहीं, बल्कि दिव्यांगजनों के हुनर की चमक भी जगमगाएगी। नवल्टी चौराहे स्थित राजकीय संकेत विद्यालय में दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की ओर से लगे दीपावली मेले में दिव्यांग कलाकारों ने अपने हाथों से तैयार किए गए रंग-बिरंगे उत्पादों से सभी का मन मोह लिया।

दो दिवसीय मेले में मिट्टी के पारंपरिक दीये, रंगीन मोमबत्तियां, कृत्रिम आभूषण, हथकरघा वस्त्र, पूजा सामग्री, घरेलू सजावटी सामान और स्वादिष्ट अचार-मुरब्बों की खुशबू ने माहौल को खास बना दिया।

आगंतुकों ने दिव्यांग कलाकारों के हुनर की जमकर तारीफ की। यह सभी उत्पाद दिव्यांग प्रशिक्षण केंद्रों, स्वयं सहायता समूहों और समाजसेवी संस्थाओं के सहयोग से तैयार किए गए हैं।

दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की उपनिदेशक संगीता सिंह ने बताया कि यह मेला दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है।

वहीं जनसेवा टीम की अध्यक्ष पम्मी खां वारसी ने कहा कि दिव्यांग कलाकारों का हुनर समाज के लिए प्रेरणा है। उन्होंने कहा, “ये लोग अपने हुनर से न सिर्फ बाजार में पहचान बना रहे हैं, बल्कि दीपोत्सव की रौनक में भी नई चमक जोड़ रहे हैं।”

मेले में बरेली मंडल के कई विद्यालयों और पुनर्वास केंद्रों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। रंग-बिरंगे स्टॉलों, खुशियों और उमंग से भरे इस दीपावली मेले ने वाकई साबित कर दिया कि रोशनी सिर्फ दीयों से नहीं, हुनर और हौसले से भी फैलती है।

बरेली से रोहिताश कुमार की रिपोर्ट

 

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