बरेली दंगा: नदीम के घर मिला भड़काऊ पत्र
बरेली दंगा साजिश का बड़ा खुलासा: मौलाना तौकीर के करीबी नदीम के घर से मिला वही ‘भड़काऊ पत्र’, जिसने शहर को झोंका था आग में
ब्यूरो रिपोर्ट: रोहिताश कुमार | बरेली
बरेली: बरेली को दंगे की आग में झोंकने वाली सोची-समझी साजिश की परतें अब खुलने लगी हैं। जिस विवादित और भड़काऊ लेटर ने शहर की फिजा में जहर घोला था, उसे पुलिस ने आईएमसी (IMC) नेता नदीम के घर से बरामद कर लिया है। नदीम, मौलाना तौकीर रजा का बेहद करीबी माना जाता है। इस लेटर की बरामदगी को पुलिस प्रशासन एक बड़ी कामयाबी मान रहा है, क्योंकि यही वह ‘लिखित हथियार’ था जिसने हजारों की भीड़ को उकसाया था।
छावनी में तब्दील हुआ जिला अस्पताल, 4 घंटे की रिमांड पर नदीम
पुलिस ने आरोपी नदीम को अदालत से 4 घंटे की रिमांड पर लिया। रिमांड के दौरान जब पुलिस उसे मेडिकल परीक्षण के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंची, तो सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। पूरा इलाका छावनी में तब्दील कर दिया गया, कई थानों की फोर्स और पीएसी तैनात रही और अस्पताल जाने वाले रास्तों को पूरी तरह सील कर दिया गया।
फर्जी हस्ताक्षर और सोशल मीडिया का ‘खूनी’ खेल
एसपी सिटी मानुष पारीक के मुताबिक, बरामद लेटर वही है जिसे सोशल मीडिया पर वायरल कर लोगों को एक जगह जुटने के लिए भड़काया गया था। इस मामले में लियाकत नामक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके फर्जी हस्ताक्षर और नाम का उपयोग कर यह पत्र तैयार किया गया। पुलिस ने अब इस लेटर को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है ताकि यह साफ हो सके कि इसे किसने लिखा और किन-किन माध्यमों से फैलाया गया।
[Image Suggestion: Heavy police force deployment in Bareilly and the disputed letter copy]
26 सितंबर का वो काला दिन: पुलिस पर हुआ था जानलेवा हमला
याद दिला दें कि 26 सितंबर को इस्लामिया ग्राउंड में भीड़ जुटाने का आह्वान किया गया था। इसके बाद जिला पंचायत रोड पर प्रदर्शन हिंसक हो गया।
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बर्बरता: उपद्रवियों ने पुलिस पर अंधाधुंध पथराव किया।
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लूट: पुलिसकर्मियों से हथियार, वायरलेस सेट और एंटी-राइट गन तक छीन ली गई।
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कार्रवाई: पुलिस ने अब तक 12 मुकदमे दर्ज किए हैं और 100 से अधिक आरोपियों को जेल भेजा जा चुका है।
“रसूख नहीं, अब कानून बोलेगा”
प्रशासन ने साफ कर दिया है कि बरेली की शांति भंग करने वालों की अब खैर नहीं। मौलाना तौकीर रजा और नदीम के खिलाफ पहले ही गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज है। जांच एजेंसियां अब उन चेहरों को बेनकाब करने में जुटी हैं जो पर्दे के पीछे से इस दंगा-साजिश की डोर थामे हुए थे।
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