Bareilly news : सहारनपुर की घटना में दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की

बरेली सहारनपुर में पुलिस कस्टडी में पुलिस उत्पीड़न के शिकार लोगों के अदालत द्वारा बरी किये जाने के उपरांत, दोषी पुलिसकर्मीयों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग करते हुए जिला कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के जिला अध्यक्ष जुनैद हुसैन के नेतृत्व में जिलाधिकारी कार्यालय पर महामहिम राज्यपाल को संबोधित एक ज्ञापन दिया।

बताया 15 जून 2022 को सहारनपुर शहर कोतवाली में 8 मुस्लिम युवकों के बर्बर पुलिस पिटाई का वीडियो वाइरल हुआ था। जिसकी चौतरफा निंदा हुई थी। यहाँ तक कि कांग्रेस पार्टी के प्रतिनिधि मण्डल ने 17 जून को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन से भी मुलाक़ात कर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की थी। वहीं सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मदन बी लुकुर और उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह समेत कई ज़िम्मेदार लोगों ने इसे पुलिस की छवि बिगाड़ने वाली घटना बताया था। बावजूद इसके सहारनपुर के एसएसपी आकाश तोमर और एसपी राजेश कुमार इस तथ्य को झुठलाते रहे कि यह वीडियो सहारनपुर का है। लेकिन बाद में जब यह साबित हो गया कि वीडियो सहारनपुर का ही है तो पीड़ितों को झूठे मामलों में जेल भेज दिया गया। 22 दिनों बाद 4 जुलाई को सभी लोगों को अदालत ने रिहा कर दिया क्योंकि पुलिस उनके खिलाफ किसी अपराध का सुबूत नहीं दे पायी। पूरा प्रकरण राज्य पुलिस के घोर आपराधिक और गैरकानूनी कार्य शैली का उदाहरण है। पुलिस के इक़बाल के पुनर्बहाली के लिए हम निम्न मांगें करते हैं सहारनपुर कोतवाली में पिटाई की घटना में शामिल सभी पुलिसकर्मियों को चिन्हित कर उचित धाराओं में जेल भेजा जाए। ऐसे आपराधिक कृत्य को छुपाने अथवा नकारने का प्रयास कर दोषी पुलिसकर्मियों का बचाव करने व अपनी विभागीय ज़िम्मेदारी का निर्वहन न करने वाले एसएसपी आकाश तोमर और एसपी राजेश कुमार को तत्काल निलंबित किया जाए। पूरे मामले की न्यायिक जाँच कराई जाए। पुलिस उत्पीड़न के शिकार सभी 8 निर्दोषों को 20 – 20 लाख रूपये बतौर मुआवजा दिया जाए। इस मौके पर डॉ ज़किर खान, आसिफ अली ,शेखर सिंह आदि मौजूद रहे।

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