बरेली: किसानों ने फूंकी गन्ने की होली

Bareilly: नवाबगंज तहसील में फूटा किसानों का गुस्सा, बकाया गन्ना भुगतान न होने पर जलाया गन्ना, प्रशासन के खिलाफ ‘ऐलान-ए-जंग’

बरेली/नवाबगंज: उत्तर प्रदेश के बरेली जनपद की नवाबगंज तहसील में मंगलवार को हालात उस समय तनावपूर्ण हो गए जब गन्ना भुगतान की मांग को लेकर किसानों का धैर्य जवाब दे गया। पिछले 8 दिनों से धरने पर बैठे किसानों ने प्रशासन की बेरुखी से नाराज होकर तहसील परिसर में ही गन्ने की होली जलाई। किसानों ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मेहनत की कमाई का एक-एक पैसा नहीं मिल जाता, यह आंदोलन थमेगा नहीं।

8वें दिन विस्फोटक हुआ आंदोलन: ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ पहुंचे किसान

‘पैनी नजर’ सामाजिक संस्था की अध्यक्ष एडवोकेट सुनीता गंगवार के नेतृत्व में चल रहा शांतिपूर्ण धरना मंगलवार को उग्र प्रदर्शन में बदल गया। तहसील क्षेत्र के दर्जनों गांवों से किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में गन्ना भरकर तहसील पहुंचे। पूरा परिसर “भुगतान दो–नहीं तो आंदोलन लो” के गगनभेदी नारों से गूंज उठा।

अधिकारी छोड़े दफ्तर, किसानों ने जलाई गन्ने की होली

किसानों का आक्रोश देखकर तहसील परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। किसानों ने सरकार, प्रशासन और गन्ना समिति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और विरोध स्वरूप अपनी फसल (गन्ना) को आग के हवाले कर दिया। स्थिति को भांपते हुए तहसील के कई अधिकारी कार्यालय छोड़कर निकलते नजर आए, जिससे किसानों का गुस्सा और ज्यादा भड़क गया।

“भुखमरी की कगार पर किसान” – एडवोकेट सुनीता गंगवार

धरने का नेतृत्व कर रहीं सुनीता गंगवार ने प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा:

“यह बेहद शर्मनाक है कि अन्नदाता अपनी ही फसल जलाने को मजबूर है। प्रशासन की संवेदनहीनता ने किसानों को भुखमरी के कगार पर खड़ा कर दिया है। यह सिर्फ एक धरना नहीं, बल्कि अब एक जनआंदोलन बनेगा।”

जनप्रतिनिधियों और प्रशासन को कड़ी चेतावनी

प्रदर्शनकारी किसानों ने क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों पर भी निशाना साधा। उनका कहना है कि चुनाव के समय वोट मांगने आने वाले नेता आज किसानों के संकट में गायब हैं। किसानों ने दो टूक चेतावनी दी है कि:

  1. बकाया गन्ना भुगतान तुरंत जारी किया जाए।

  2. जब तक पूरा पैसा खाते में नहीं आता, धरना जारी रहेगा।

  3. मांग पूरी न होने पर आंदोलन को और भी उग्र रूप दिया जाएगा।


रिपोर्ट: रोहिताश कुमार, बरेली


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