Bareilly Breaking : बरेली जिला महिला अस्पताल में धमाकों के साथ एसएनसीयू में आग लगी

उत्तर प्रदेश के बरेली में एक बड़ा हादसा हो गया। बरेली महिला जिला अस्पताल के न्यूलीबॉर्न केयर यूनिट में धमाके के साथ आग लग गई। जब तक कोई कुछ समझ पाता, आग ने कमरे को चपेट में ले लिया। यहां भर्ती 11 मासूमों को किसी तरह निकाला गया है। हालांकि इसमें से एक बच्चे की मौत हो गई।

बरेली: जिला महिला अस्पताल की सिक न्यूलीबॉर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) में सुबह आग लग गई। वार्ड में 11 बच्चे भर्ती थे। रेफर करने के बाद बदायूं मेडिकल कॉलेज पहुंचने से पहले ही रास्ते में एक बच्चे की मौत हो गई।
बुधवार को डीएम रविंद्र कुमार अस्पताल पहुंचे। निरीक्षण के दौरान उन्होंने सीएमओ डॉक्टर विश्राम सिंह को निर्देश दिए कि विभाग की ओर से गठित टीम मामले की जांच नहीं करेगी।
पूरी जांच की जिम्मेदारी इलेक्ट्रिक सेफ्टी विभाग को दी जाएगी। साथ ही लापरवाह कर्मचारियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए है।
अस्पताल के एमसीएच विंग के प्रथम तल पर एसएनसीयू है और यहां वार्ड में 11 बच्चे भर्ती थे। वार्ड के बाहर खाली जगह है, जिसे परिजन वेटिंग एरिया के रूप में इस्तेमाल करते हैं। वहीं पर अचानक बिजली के तार से चिंगारी निकलने लगी।
इससे पहले कि स्टाफ को पता चलता, धमाके की आवाज हुई और आग लग गई। आग-धुआं देख वहां चीख-पुकार मच गई। शॉर्ट सर्किट से तुरंत ही पूरे अस्पताल की बिजली सप्लाई बंद हो गई। सीएमएस के निर्देश पर सात बच्चों को बदायूं मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया।
तीन बच्चों को लेकर परिजन निजी अस्पताल चले गए। एक बच्चे की तबियत ठीक थी, उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। बदायूं मेडिकल कॉलेज ले जाते समय रास्ते में एक बच्चे की मौत हो गई। अस्पताल पहुंचने पर उसे मृत घोषित किया गया।
डीएम ने देखी व्यवस्था

अस्पताल में डीएम ने निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने आग लगने के प्रकरण में जानकारी हासिल की। गठित टीम को जांच करने का निर्देश दिया। ओपीडी पहुंचे डीएम ने रजिस्टर चेक किया।

मरीजों से पूछा कि यहां इलाज के नाम पर पैसे तो नहीं लिए जाते इस पर मरीजों ने जवाब दिया कि यहां सुविधा ठीक मिल रही है, पैसे संबंधी कोई बात नहीं है। ओपीडी के निरीक्षण के बाद डीएम सीएमएस कार्यालय स्थित मेडिकल स्टोर पहुंचे तो यहां ताला लटका हुआ था। इस पर सीएमएस को आदेश दिया कि फौरन संबंधित फार्मासिस्ट को बुलाकर दवा का रेकॉर्ड चेक कराया जाए।

ब्यूरो रिपोर्ट , आल राइट्स मैगज़ीन

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