उलेमा ने सरकार को गोरक्षा के नाम पर होने वाली हिंसा रोकने के लिए दिया सुझाव
पिछले दिनों देश के अलग-अलग हिस्सों में गोरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा को रोकने के लिए सहारनपुर के जमात उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने सरकार को एक सुझाव दिया है । न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए , मौलाना अरशद मदनी ने कहा- ‘गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कर देना चाहिए, इससे गायों के साथ इंसानों के जीवन की भी रक्षा हो सकेगी ।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपील कर चुके हैं कि गोरक्षा के नाम पर हिंसा करने वाले लोगों के खिलाफ राज्य सरकारें कठोर कदम उठाए। इसके बाद भी गोरक्षा के नाम पर हिंसा की घटनाएं थम नहीं रही है।
यही नही, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने भी कहा था कि ‘गौरक्षा का मुद्दा धर्म से परे है , ‘अनेक मुसलमानों ने बजरंग दल के लोगों की ही तरह गौरक्षा के लिए अपनी जानें कुर्बान की हैं’। साथ ही उन्होंने कहा कि गौरक्षकों को हिंसक घटनाओं के साथ जोड़ना ठीक नहीं है। भागवत ने इसके आगे ही कहा कि गौरक्षकों और गौपालकों को चिन्तित या विचलित होने की आवश्यकता नहीं है। चिंतित आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को होना चाहिए, गौरक्षकों को नहीं । उन्होंने इसके साथ ही ये ऐलान किया कि गौरक्षा व गौसंवर्धन का वैध व पवित्र परोपकारी कार्य चलेगा और बढ़ेगा और यही इन परिस्थितियों का उत्तर भी होगा।
अब MP सरकार लापरवाही बरतने वाले गोपालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए तैयार होती नजर आ रही है । सरकार का मानना है कि अधिकांश गायों का दूध दुहने के बाद गोपालक उन्हें आवारा छोड़ देते हैं। जिससे गोमाता सड़कों पर आ जाती हैं और सड़क हादसों का शिकार बनती हैं। कानून की भनक मिलते ही कांग्रेस ने सरकार को निशाने पर ले लिया है और इसे चुनावी आहट में भगवा रथ पर सवार बीजेपी का हिन्दू एजेंडा बताया ।