18 साल के कैरियर में 12 सर्जरी – आशीष नेहरा

आशीष नेहरा ने बुधवार को अपने क्रिकेट कैरियर का आखिरी अंतराष्ट्रीय मैच खेला दिल्ली के फ़िरोज़शाह कोटला मैदान में। इस मैदान में नेहरा ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट के जरिये अपना क्रिकेट कैरियर शुरू किया था और आज अपने करियर का आखिरी मैच खेला। 1999 में अपना अंतराष्ट्रीय कैरियर शुरू करने वाले नेहरा 18 साल तक क्रिकेट खेलने में सफल रहे. 38 साल की उम्र तक क्रिकेट खेलना कोई आसान बात नहीं. हालांकि नेहरा से ज्यादा उम्र के खिलाड़ी क्रिकेट खेल रहे हैं लेकिन 12 बार सर्जरी के बाद बार-बार टीम में वापसी करना नेहरा के क्रिकेट के प्रति समर्पण को दिखाता है. इन 18 सालों में सिर्फ 17 टेस्ट,120 वनडे और 27 टी 20 मैच खेल पाए. इंजरी के वजह से नेहरा को ज्यादातर समय क्रिकेट से दूर रहना पड़ा. आखिरी मैच में नेहरा के नाम एक नया रिकॉर्ड भी कायम हो गया. जेम्स एंडरसन के बाद नेहरा दूसरे ऐसे खिलाड़ी बन गए हैं जो अपने नाम पर बने “प्लेइंग एन्ड” से गेंदबाज़ी करते हुए नज़र आए. बुधवार को दिल्ली डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) ने एक दिन के लिए नेहरा के नाम पर एक प्लेइंग एन्ड बनाया.

घरेलू मैदान पर टेस्‍ट में लिया सिर्फ एक विकेट
टेस्ट मैच में आशीष नेहरा को भारत में खेलने का ज्यादा मौका नहीं मिला. 1999 से लेकर 2004 के बीच नेहरा ने 17 टेस्ट मैच खेले और इसमें से 16 मैच विदेशी मैदान पर खेले जबकि सिर्फ एक मैच वे घरेलू मैदान पर खेले. अगर घरेलू मैदान की बात की जाए तो 23 अक्टूबर 2002 को कोलकाता के ईडन गार्डंस मैदान पर नेहरा अपना पहला मैच खेला. घरेलू मैदान पर नेहरा का टेस्ट करियर का यह पहला और आखिरी टेस्ट मैच था. वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए इस मैच में नेहरा ने 23 ओवर गेंदबाज़ी करते हुए सिर्फ एक विकेट लिया यानी घरेलू मैदान पर नेहरा टेस्ट क्रिकेट में सिर्फ एक विकेट लेने में कामयाब हुए. टेस्ट क्रिकेट में नेहरा कुल मिलाकर 44 विकेट लेने में सफल रहे जिस में 43 विकेट विदेशी मैदान पर लिए.

वर्ल्डकप में भारत के तरफ से गेंदबाज़ में बेहतरीन प्रर्दशन
आशीष नेहरा वर्ल्डकप के किसी मैच में भारत के तरफ से गेंदबाजी में बेहतरीन प्रदर्शन करने के मामले में पहले स्थान पर हैं. 26 फरवरी 2003 को इंग्लैंड के खिलाफ शानदार गेंदबाज़ी करते हुए नेहरा ने 10 ओवर में 23 रन देकर 6 विकेट लिए थे.  यह नेहरा के वनडे करियर का बेहतरीन प्रदर्शन है. वनडे मैचों में भारत के तरफ से सबसे शानदार प्रदर्शन करने के मामले में स्टुअर्ट बिन्नी पहले स्थान पर हैं जबकि अनिल कुंबले दूसरे स्थान पर.  17 जनवरी 2014 को बांग्लादेश के खिलाफ बिन्नी ने सिर्फ 4.4 ओवर गेंदबाजी करते हुए सिर्फ चार रन देकर 6 विकेट लिए थे जबकि 27 नवंबर 1993 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अनिल कुंबले ने 6.1 ओवर गेंदबाज़ी करते हुए 12 रन देकर छह विकेट लिए थे.

वर्ष 1999 में आशीष नेहरा का भारतीय टीम में चयन हुआ. 24 फरवरी 1999 को नेहरा ने अपना पहला मैच मोहम्मद अज़हरुद्दीन के कप्तानी में श्रीलंका के खिलाफ कोलंबो के मैदान पर खेला. इस मैच में नेहरा 28 ओवर गेंदबाज़ी करते हुए सिर्फ एक विकेट लेने में कामयाब हुए थे. श्रीलंका के मर्वन अटापट्टू नेहरा का अंतराष्ट्रीय क्रिकेट का पहला शिकार बने थे. इस मैच के बाद नेहरा को दो साल तक क्रिकेट से दूर रहना पड़ा. फिर 2001 में सौरव गांगुली के कप्तानी में नेहरा का टीम में चयन हुआ. ज़िम्बाब्वे के खिलाफ इस सीरीज में नेहरा ने दो मैच खेलते हुए 11 विकेट लिए थे. नेहरा का टेस्ट करियर ज्यादा दिन तक नहीं चल पाया.

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