योगी आदित्यनाथ गाजियाबाद में SIR की समीक्षा

🗳️ गाजियाबाद में CM योगी की SIR समीक्षा बैठक: साहिबाबाद विधानसभा क्यों पिछड़ी? संगठन को मिला कड़ा संदेश

गाजियाबाद/लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने आगामी चुनावों की तैयारियों के बीच सोमवार को गाजियाबाद में एसआईआर (SIR – Special Intensive Revision) यानि विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया की समीक्षा बैठक की। नेहरू नगर के सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित इस बैठक में मेरठ मंडल के सभी क्षेत्रीय पदाधिकारी, सांसद, विधायक और विधान परिषद सदस्य मौजूद रहे। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब माना जा रहा है कि गाजियाबाद में मतदाता सूची पुनरीक्षण (Voter List Revision) की स्थिति संतोषजनक नहीं है।

मेरठ मंडल के नेताओं के साथ CM योगी की बैठक

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोपहर 1 बजे से 2 बजे तक चली इस बैठक में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की प्रगति का जायजा लिया। इस प्रक्रिया को भाजपा (BJP) संगठन बेहद गंभीरता से ले रहा है, क्योंकि यह सीधे तौर पर चुनावी तैयारियों और बूथ प्रबंधन से जुड़ी हुई है।

  • स्थान: सरस्वती शिशु मंदिर, नेहरू नगर, गाजियाबाद।

  • उपस्थिति: मेरठ मंडल के क्षेत्रीय पदाधिकारी, सांसद, विधायक और विधान परिषद सदस्य।

  • एजेंडा: मतदाता सूची को त्रुटिहीन बनाने की दिशा में हुई प्रगति की समीक्षा।

महानगर अध्यक्ष मयंक गोयल ने भी बैठक की पुष्टि करते हुए कहा कि इसमें मेरठ मंडल के सभी प्रमुख पदाधिकारी शामिल हुए।

गाजियाबाद में एसआईआर की स्थिति पर चिंता

सूत्रों के अनुसार, एसआईआर में गाजियाबाद जिले की स्थिति ज्यादा बेहतर नहीं मानी जा रही है। विशेष रूप से, जिले का साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र इस पुनरीक्षण प्रक्रिया में पिछड़ रहा है, जो मुख्यमंत्री और पार्टी संगठन के लिए चिंता का विषय है।

बैठक का उद्देश्य संगठन और प्रशासनिक मशीनरी के बीच समन्वय स्थापित करना और यह सुनिश्चित करना था कि मतदाता सूची में कोई भी विसंगति न रहे।

CM योगी का सख्त निर्देश: ‘यह संगठन की जिम्मेदारी’

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूर्व में भी अन्य जिलों की समीक्षा बैठक में एसआईआर पर सख्त निर्देश दे चुके हैं। गाजियाबाद की बैठक में भी उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों को कड़े निर्देश दिए:

“मतदाता सूची लोकतांत्रिक व्यवस्था की बुनियाद है। जनप्रतिनिधि व पार्टी पदाधिकारी बूथ स्तर पर पहुंचकर शत-प्रतिशत मतदाताओं के गणना प्रपत्र भरवाने का कार्य सुनिश्चित करें।”

  • अपात्रों के नाम हटाने पर जोर: उन्होंने स्पष्ट कहा कि अपात्र या मृतक व्यक्तियों के नाम मतदाता सूची में न बने रहें, ऐसे नामों को तत्काल हटाया जाए।

  • प्राथमिकताएं तय करने को कहा: विवाह समारोहों व सामाजिक आयोजनों के व्यस्त मौसम का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी पदाधिकारियों को अपनी प्राथमिकताओं को तय करना होगा।

  • परिणाम पर बल: उन्होंने जोर देकर कहा कि यह केवल एक प्रशासनिक कार्य नहीं, बल्कि संगठन की जिम्मेदारी है, जिसे प्रत्येक बूथ पर परिणामों के साथ सिद्ध करना होगा।

मुख्यमंत्री की यह समीक्षा बैठक सीधे तौर पर उत्तर प्रदेश में चुनावी माहौल को साधने और बूथ स्तर पर पार्टी की पकड़ मजबूत करने की कवायद का हिस्सा है।


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