राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग उत्तर प्रदेश अध्यक्ष डॉ विशेष गुप्ता ने बरेली में की समिक्षा बैठक

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग उत्तर प्रदेश अध्यक्ष डॉ विशेष गुप्ता ने बाल संरक्षण से जुड़ी याजनाओं की समीक्षा बैठक की

बरेली : राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग उ0प्र0 माननीय अध्यक्ष डॉ विशेष गुप्ता की अध्यक्षता में सर्किट हाउस में बरेली मण्डल के जिला बरेली, बदांयू तथा पीलीभीत की कोविड-19 के दृष्टिगत नाबालिग बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के क्रियान्वयन की अद्यतन स्थिति एवं बाल संरक्षण से जुड़ी याजनाओं की समीक्षा बैठक की गयी।

बैठक में बरेली मण्डल के सम्बन्धित अधिकारी सुशील कुमार, पुलिस अधीक्षक (अपराध), नीता अहिरवार, उपनिदेशक महिला कल्याण, बरेली, डॉ आर एन गिरी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बरेली, डॉ आर बी सिंह जिला कार्यक्रम अधिकारी, बरेली, डॉ डी एन शर्मा सदस्य बाल कल्याण समिति बरेली, सुरेन्द्र सिंह निरीक्षक ए एच टी यू बरेली, सरोज एस जे पी यू बरेली, अनीस खान निदेशक चाइल्ड लाइन बरेली, सौरभ सिंह संरक्षण अधिकारी (गैर-संस्थानिक) जिला बाल संरक्षण इकाई बरेली, सुश्री संध्या जायसवाल, संरक्षण अधिकारी, (संस्थानिक) जिला बाल संरक्षण इकाई बरेली, संतोष गौतम विधि सह परिवीक्षा अधिकरी जिला बाल संरक्षण इकाई बरेली, सुश्री प्रिंशी सक्सेना केस वर्कर, वन स्टॉप सेंटर बरेली, संतोष कुमार जिला प्राबेशन अधिकारी, बदांयू, डॉ0 मनवीर सिंह, अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति, बदांयू, अमृत लाल, निरीक्षक, ए एच टी यू , बदांयू, मिनाक्षी पाठक, संरक्षण अधिकारी,(गैर-संस्थानिक) जिला बाल संरक्षण इकाई, पीलीभीत, इंद्र सिंह, निरीक्षक, ए एच टी यू , पीलीभीत, निर्वान सिंह, जिला समन्वयक, चाइल्ड लाइन, पीलीभीत, कोविड-19 के दृष्टिगत नाबालिग बच्चों हेतु मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के क्रियान्वयन की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुये अध्यक्ष द्वारा बताया गया कि दिनांक 02 जनू को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से संबंधित शासनादेश उ0प्र0 के समस्त जनपदों में जारी किये गये। शासनदेश उपरान्त जनपदों में कोविड-19 से जिन नाबालिग बच्चों ने अपने माता-पिता या माता या पिता में से एक को खो दिया है उन बच्चों की देखभाल, स्वास्थ्य तथा शिक्षा हेतु उन बच्चों का चिन्हांकन कर मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है।

योजना का अनुश्रवण उच्चतम न्यायालय एवं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा प्रतिदिन किया जा रहा है। तदोपरान्त अध्यक्ष द्वारा जनपदों से आये हुये जिला प्राबेशन अधिकारियों से उनके जनपदों में मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत चिन्हित किये गये बच्चों के विषय में जानकारी ली गयी।

जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि जनपद बरेली में वर्तमान तक 32 बच्चे चिन्हित हैं जिनमें से 08 बच्चें अनाथ की श्रेणी में है और 24 बच्चें एकल अभिभावक की श्रेणी में है। उक्त चिन्हित 32 बच्चों में से 13 बच्चों के आवेदनों को समस्त दस्तावेजों के साथ सत्यापनध्संस्तुति हेतु संबंधित उपजिलाधिकारियों को प्रेषित किया जा चुका है। जिला प्राबेशन अधिकारी, बदांयू द्वारा बताया गया कि जनपद बदांयू में 08 बच्चों का चिन्हांकन वर्तमान तक किया जा चुका है जिनमें से 06 बच्चे निराश्रित (अनाथ), 02 बच्चे एक अभिभावक की श्रेणी में हैं।

संरक्षण अधिकारी, पीलीभीत द्वारा बताया गया कि उक्त योजना के अंतर्गत जनपद में कुल 24 बच्चे चिन्हित हैं जिसमें 24 बच्चें एकल अभिभावक की श्रेणी के है।

अध्यक्ष द्वारा जिला प्रोबेशन अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि अपने अपने जनपदों में वृहद् रूप से उक्त योजना का प्रचार-प्रसार करते समस्त पात्र बच्चों का चिन्हांकन कर योजना से लाभान्वित किये जाने की कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।

अध्यक्ष ने बताया गया कि 0 से 10 वर्ष तक की आयु के वैध संरक्षण के खाते में 4000 रूपये प्रतिमाह की धनराशि दी जायेगी बशर्ते औपचारिक शिक्षा हेतु उसका पंजीयन किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में कराया गया हो। साथ ही कक्षा 6 से 12 तक की शिक्षा हेतु अटल आवासीय विद्यालयों तथा कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में प्रवेशित कराया जायेगा। जनपदों में उक्त योजना के चिन्हांकन हेतु बालक बालिकाओं का पृथक-पृथक डाटा लेने के लिए अध्यक्ष द्वारा निर्देशित किया गया।

अध्यक्ष द्वारा जानकारी दी गयी कि आज ही मा0 उच्च न्यायालय द्वारा निर्देश दिये गये हैं कि कोविड-19 से अनाथ हुये बच्चों को यदि कोई व्यक्ति केंद्रीय दत्तक ग्रहण अभिकरण में बिना पंजीकृत कराये गैर-कानूनी रूप से बच्चों को गोद लेते है वह व्यक्ति पूर्ण रूप से अपराध कर रहे हैं।

अध्यक्ष ने बाल कल्याण समिति एवं जिला बाल संरक्षण इकाईयों को निर्देशित किया गया कि उक्त योजना में चिन्हांकित बच्चों के हित एवं वर्तमान में बच्चों की मनोसामाजिक एवं उनकी आवश्यकताओं को समझते हुये चिन्हित बच्चों की सामाजिक जांच रिपोर्ट एव वैयक्तिक देख-रेख योजना तैयार करना सुनिश्चित करें साथ ही निर्देशित किया गया कि इस योजना में ग्रामीण स्तर पर पात्र बच्चों के चिन्हांकन हेतु जिलाधिकारी महोदय से अनुरोध करते हुये कि जनपद के ग्राम प्रधानों से उनकी ग्राम पंचायतों में उक्त योजना की पात्रता एवं शर्तों को पंचायत भवनों में प्रदर्शित करायें। अध्यक्ष द्वारा निर्देशित किया गया कि उक्त योजना के चिन्हांकन में जो बच्चें निराश्रितध्अनाथ की श्रेणी में हैं साथ ही जिनके पास कोविड-19 से मृत्यु का मृत्युप्रमाण पत्र नहीं है उन बच्चों को मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, प्रवर्तकता कार्यक्रम, मातृत्व शिशु योजना, बाल श्रमिक विद्या योजना व बच्चों हेतु सरकार द्वारा अन्य कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित किये जाने की कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। उक्त योजना के प्रचार प्रसार हेतु मा0 अध्यक्ष महोदय द्वारा निर्देशित किया गया कि ग्रामीण स्तर पर योजना के अंतर्गत पात्र लाभार्थियों के चिन्हांकन में आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की अहम भूमिका है इसलिये आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को उक्त योजना की जानकारी देते हुये ग्रामीण स्तर पर चिन्हांकन करने हेतु निर्देशित करना सुनिश्चिम करें। उक्त योजना के चिन्हांकन में पात्र बच्चों के पास यदि उनके माता-पिता की चल-अचल संपत्ति है तो उन बच्चों की चल-अचल संपत्ति से संबंधित समस्त निर्णय संबंधित जिले के जिलाधिकारी महोदय द्वारा लिये जायेगें। जनपदों में संचालित कारखानों में अधिकतर 0 से 18 वर्ष तक की आयु के बच्चे कार्य करते हैं कारखानों में निरीक्षण कर ऐसे बच्चों को चिन्हित करते हुये उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ते हुये उनको शिक्षित किये जाने की कार्यवाही की जाये साथ ही जनपद में मानव तस्करी से संबंधित प्राप्त प्रकरणों को गम्भीरता से लेते हुये प्रकरणों में तत्काल कार्यवाही की जाये। मानव तस्करी करना अपराध है जिसका प्रचार-प्रसार जनपद स्तर पर करना सुनिश्चित करें।

अध्यक्ष ने बताया गया कि कोविड-19 की तीसरी लहर की संभावना है तीसरी लहर मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित कर सकती है जिस कारण बच्चों की कोविड-19 से देखभाल हेतु जनपदा में पीकू बार्ड बनाये जा रहे हैं जिन बार्डों में बच्चों से संबंधित समस्त चिकित्सीय उपकरण उपलब्ध रहेंगे जिस पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बरेली द्वारा बताया कि जनपद में 300 वेड वाले कोविड अस्पताल में पीकू बार्ड की स्थापना की जा चुकी है जिसमें 70 बेड उपलब्ध हैं। जिस पर अध्यक्ष द्वारा प्रशंसा की गयी। संरक्षण अधिकारी पीलीभीत द्वारा बताया गया कि जनपद पीलीभीत में पीकू बार्ड की स्थापना की जा चुकी है जनपद में बाल श्रम, बाल विवाह से संबंधित प्राप्त प्रकरणों में तत्काल कार्यवाही की जाये एवं संबंधित इकाईयों, विभाग जैसे जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल कल्याण समिति, श्रम विभाग, चाइल्ड लाइन, पुलिस विभाग आपस में समन्वय स्थापित करते हुये संबंधित प्रकरणों में यथाशीघ्र कार्यवाही करें साथ ही चाइल्ड लाइन में प्राप्त प्रकरणों की सूचना संबंधित इकाईयों तथा विभाग को साझा करने के निर्देश दिये गये। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत विहित प्रावधानों की जागरूकता एवं समझ हेतु समस्त जिलों में संबंधित इकाईयों एवं विभागों के साथ कार्यशाला आयोजित करने के निर्देश दिये गये।

अंत मे डॉ विशेष गुप्ता ने जनपद पीलीभीत से संबंधित अधिकारियों के न आने पर नाराजगी व्यक्त की गयी जिस पर उपनिदेशक, महिला कल्याण, बरेली मण्डल को निर्देशित किया गया कि जिला प्राबेशन अधिकारी, पीलीभीत को कारण बताओ नोटिस उनका स्पष्टीकरण जिलाधिकारी पीलीभीत के माध्यम से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

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