राजेंद्रनगर में होटलों और अस्पतालों पर चला बीडीए का बुलडोजर

बरेली : आलीशान इमारतों के नीचे निकली सरकारी जमीन, कई घरों के आगे किए अवैध कब्जे भी हटाए बरेली। राजेंद्रनगर में मॉडल रोड के निर्माण में बाधा बने दो नामचीन होटलों और पांच अस्पतालों के नाले और सड़क पर किए गए अवैध निर्माण पर शनिवार को बीडीए ने बुलडोजर चला दिया। कई घरों के बाहर किए गए अवैध कब्जे भी ध्वस्त कर दिए गए। लोगों ने बीडीए की कार्रवाई का जमकर विरोध किया, कई बार नोकझोंक और गरमागरमी हुई लेकिन बीडीए की टीम अभियान पूरा करके ही थमी।

बीडीए की ओर से झूलेलाल द्वार से स्वयंवर बरातघर तक सड़क को मॉडल रोड के तौर पर विकसित करने की योजना है। इसके लिए इस सड़क को चौड़ा किया जाना है लेकिन दोनों ओर कई नामचीन होटलों और अस्पतालों के अतिक्रमण की वजह से यह काम रुका हुआ था। इन होटलों और अस्पतालों के आगे नाले पर कब्जा कर स्लैब बना लिए गए थे और सड़क पर भी सीढ़ियाें का निर्माण कर लिया गया था। बीडीए उपाध्यक्ष जोगिंदर सिंह ने 25 जून को मौके पर निरीक्षण करने के बाद अस्पतालों और होटलों से अतिक्रमण हटाने को कहा था। इसके बाद बीडीए की ओर से नोटिस भी जारी किए गए लेकिन इसके बावजूद अवैध कब्जे नहीं हटाए गए।

शनिवार को बीडीए की टीम अधीक्षण अभियंता राजीव दीक्षित की अगुवाई में प्रवर्तन दल के साथ अतिक्रमण हटाने राजेंद्रनगर पहुंची और फीता डालकर अतिक्रमण चिह्नित कर एक तरफ से नाले के ऊपर स्लैब डालकर किए गए अवैध निर्माण गिराने शुरू कर दिए। इस दौरान अभियान का जमकर विरोध हुआ। बीडीए की टीम से बहस और नोकझोंक के बीच कई बार लोगों ने बुलडोजर के आगे खड़े होकर उसे रोकने की कोशिश की मगर प्रवर्तन दल ने लाठियां फटकार उन्हें एक तरफ हटा दिया।

बुलडोजर चलाकर होटल गाला गैलेक्सी, अल्फा

डाइग्नोस्टिक, फोकस हेल्थकेयर, स्माइल डेंटल केयर, डिवाइन हॉस्पिटल, क्यूटीस हॉस्पिटल और होटल गीत के आगे सड़क और नाले पर किए गए अवैध निर्माण ध्वस्त कर दिए गए। सड़क के दूसरी तरफ कई मकानों के बाहर सड़क पर गार्डन और सीढ़ियों का निर्माण कर लिया गया था, उसे भी ध्वस्त कर दिया गया।

बीडीए की सड़क चौड़ी करने की योजना देखते हुए लोग पहले से ही अतिक्रमण टूटने को लेकर सशंकित थे। शनिवार दोपहर बीडीए की टीम ने अतिक्रमण हटाने पहुंची तो लोगों ने अपने अतिक्रमण खुद ही हटाने शुरू कर दिए।
कॉमर्शियल इमारतों के बीडीए से मंजूर नक्शे दिखाए तो

उड़ा अफसरों के चेहरों का रंग

राजेंद्रनगर आवासीय कॉलोनी है लेकिन अब इसे शहर का प्रमुख कारोबारी इलाके के तौर पर जाना जाता है। करीब 20 साल पहले आवास-विकास परिषद और बीडीए के अफसरों की साठगांठ से इस इलाके में मकानों को तोड़कर शोरूम में बदलना शुरू हुआ और धीरे-धीरे मेनरोड का पूरा हिस्सा कारोबारी इलाके में तब्दील कर दिया गया। अतिक्रमण हटाने के दौरान इस रोड पर कारोबार चला रहे कई लोगों ने अपनी इमारतों के बीडीए से मंजूर नक्शे दिखाए तो अफसरों के चेहरों का रंग उड़ गया।

राजेंद्रनगर आवासीय इलाका होने के बावजूद यहां तमाम आलीशान शोरूम, अस्पताल और होटल बने हुए हैं। शनिवार को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान बीडीए वीसी जोगिंदर सिंह भी मौजूद थे। जिस वक्त होटलों और अस्पतालों के निर्माण पर बुलडोजर चल रहा था, उसी दौरान कई लोगों ने बीडीए उपाध्यक्ष से कोर्ट का स्टे भी होने की बात कही। इस पर बीडीए उपाध्यक्ष ने सवाल किया आवासीय इलाका होने के बावजूद यहां अस्पताल कैसे बना लिए गए। लोगों ने इसके जवाब में उनके सामने बीडीए से मंजूर नक्शे पेश कर दिए। इस पर उपाध्यक्ष हैरान रह गए। साथ में मौजूद अफसरों के चेहरों का रंग भी उड़ गया।

अस्पतालों और दूसरी व्यावसायिक इमारतों का नक्शा कैसे पास हुआ, इसको लेकर उन्होंने बीडीए अफसरों को भी मौके पर ही डांट लगाई। इसके बाद जांच करने का भी आदेश दिया कि राजेंद्रनगर में कितनी व्यावसायिक इमारतों के कब-कब नक्शे मंजूर किए गए हैं। बीडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि अवैध ढंग से बने नक्शों को रद्द कर इमारतों को गिराया जाएगा। बता दें कि हाल ही में राजेंद्रनगर में मेन रोड के भू-उपयोग को आवासीय से बदलकर व्यावसायिक करने का प्रस्ताव महायोजना- 2031 में शामिल करने की बात कही गई थी।

मुसीबत में पड़े अतिक्रमणकारी आने-जाने का रास्ता ही खत्म

बीडीए की टीम ने राजेंद्रनगर में अतिक्रमण हटाया तो बरसों पहले सड़क किनारे गायब हुआ नाला भी बाहर आ गया। इस नाले पर होटल गाला गैलेक्सी की आलीशान सीढ़ियां बनी हुई थीं। इन सीढ़ियों को बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया गया जिसके बाद इस होटल में आवागमन की भी समस्या पैदा हो गई। इसी तरह दूसरे शोरूम, होटल और अस्पतालों का भी अतिक्रमण हटाए जाने के बाद रास्ता बंद हो गया। कई लोगों ने सड़क पर पानी भरने की समस्या के कारण घरों को ऊंचाई पर बनवाकर आगे सड़क पर सीढ़ियां बना रखी थीं, उन्हें भी तोड़ दिया गया। लिहाजा आवागमन की समस्या उनके सामने भी पैदा हो गई। बीडीए की टीम ने सड़क पर चिह्नीकरण किया तो पाया कि अतिक्रमणकारियों ने नाले समेत आगे सात-आठ फुट तक सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा था।

सड़क से हटाए जाएंगे पोल और ट्रांसफार्मर

सड़क के दोनों ओर बिजली विभाग ने अपने खंभे अब तक नहीं हटाए हैं। सड़क किनारे ट्रांसफार्मर भी लगाया गया है। सड़क चौड़ी करने के लिए खंभों को शिफ्ट किया जाना है। इसके लिए बिजली विभाग को पत्र भी लिखा गया है। अतिक्रमण हटाने के दौरान बीडीए उपाध्यक्ष ने ट्रांसफार्मर और बिजली लाइन शिफ्ट कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए।

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