31 साल बाद फिर लोगों को समय बताएगा घंटाघर

बरेली : 31 वर्षों बाद शहरवासी ऐतिहासिक घंटाघर के बजर की आवाज फिर सुन सकेंगे। नगर निगम ने स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत घंटाघर के सौंदर्यीकरण का काम शनिवार से शुरू करा दिया। कुतुबखाना घंटाघर पर लगी घड़ी भी दुरुस्त कराई जा रही है।

कुतुबखाना का घंटाघर शहर की पहचान है। 31 वर्षाें से देखरेख के अभाव में यह जर्जर हाल में है। घंटाघर पर लगी घड़ी भी कई सालों से बंद है। घंटाघर के सौंदर्यीकरण की लंबे समय से मांग उठाई जा रही थी। शासन स्तर तक कई लोगों ने इस मुद्दे को उठाया। घंटाघर के सौंदर्यीकरण की मांग के जोर पकड़ने पर नगर निगम ने इसकी बदहाली दूर करने की पहल की। स्मार्ट सिटी परियोजना के एरिया बेस डेवलपमेंट प्लान के तहत घंटाघर का वजूद बनाए रखने के लिए इसके सौंदर्यीकरण का प्रस्ताव तैयार किया गया। शनिवार से सौंदर्यीकरण का काम भी शुरू करा दिया गया। मेयर उमेश गौतम ने बताया काम पूरा होने के बाद घंटाघर अपने ऐतिहासिक गौरव को फिर से पा सकेगा। नई पीढ़ी भी इसके इतिहास से परिचित होगी।

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