70 विद्यालयों के नोडल अधिकारियों की लाइफ रिस्क पर हुआ ट्रेनिंग का आयोजन
मानसिक विकारों की जागरूकता हेतु विद्यालयों में चुने जाएंगे मनदूत एवं मनपरी
बरेली, 22 अक्टूबर 2019 : राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत थीम “आत्महत्या को रोकने के लिए मिलकर काम करना | के संदर्भ में जिला चिकित्सालय के हार्ट वार्ड सभागार में 70 विद्यालयों (35 सरकारी/ गैर सरकारी) नोडल अधिकारियों की लाइफ रिस्क ट्रेनिंग में संवेदीकृत एवं उन्मुखीकृत किया गया। जिसकी अध्यक्षता नोडल अधिकारी डॉ. राजेश द्वारा की गयी ।
नोडल अधिकारी डॉ. राजेश द्वारा बताया गया “ जनपद के प्रत्येक विद्यालय (सरकारी/ गैर सरकारी) में एक शिक्षक को मानसिक स्वास्थ्य हेतु नोडल अधिकारी नामित किया गया है जिसमें मनोविज्ञान, जीव विज्ञान, समाजिक विज्ञान, योगा शिक्षकों आदि ने लाइफ रिस्क ट्रेनिंग में प्रतिभाग किया। उपस्थित प्रतिभागियों को ट्रेनिंग के अंतर्गत मानसिक स्वास्थ्य के विकारों को किस प्रकार चिन्हित किया जाए बताया गया | साथ ही यह भी बताया गया कि मानसिक रूप से सचेत कैसे रहे । मानसिक विकारों के संज्ञान में आने पर तुरंत चिकित्सीय सलाह लेने के प्रति लोगों को जागरूक करें।
डॉ. आशीष सिंह, मनोरोग विशेषज्ञ ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता हेतु कक्षा 6 से कक्षा 12 तक के बच्चों को आत्महत्या से बचाने के लिए नोडल अधिकारियों की ट्रेनिंग आयोजित की गई है। समस्त उपस्थित अध्यापक प्रशिक्षण के बाद अपने-अपने विद्यालयों में प्रशिक्षण का कार्य करेंगे जिसके अंतर्गत अपने विद्यालय कि प्रत्येक कक्षा से 2 बच्चों का चयन करेंगे इसमें एक लड़का और एक लड़की होगी। लड़के का नाम मनदूत होगा तथा लड़की का नाम मनपरी होगा। मन दूत एवं मन परी उन बच्चों को चिन्हित करेंगे जो कि किसी भी प्रकार की मानसिक दिक्कत से ग्रस्त हैं लेकिन यह संज्ञान में नहीं आ पाते इसी वजह से यह बच्चे छूट जाते हैं। मन दूत एवं मन परी ऐसे बच्चों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करेंगे।
खुश अदा, नैदानिक मनोवैज्ञानिक ने प्रशिक्षण के दौरान उपस्थित अध्यापकों को मानसिक विकारों से कैसे बचे बचा जा सकता है के लिए रिलैक्स विधि को करके बताया तथा सभी उपस्थित अध्यापकों ने रिलैक्स विधि को स्वयं करके अनुभव प्राप्त किया।