बरेली उर्स-ए-रजवी के मौके पर बुधवार को सुबह से जायरीन का तांता लगा रहा। दोपहर 2 बजकर 38 मिनट पर कुल की रस्म अदा की गई।

बरेली उर्स-ए-रजवी के मौके पर बुधवार को सुबह से जायरीन का तांता लगा रहा। दोपहर 2 बजकर 38 मिनट पर कुल की रस्म अदा की गई। उर्स के मौके पर सारा शहर रजा के रंग में रंगा नजर आया। लाखों की तादाद में जायरीन दरगाह आला हजरत और इस्लामिया मैदान पर पहुंचते रहे। कुल की रस्म के बाद मुल्क में अमन के साथ, फिलिस्तीन के मुसलमानों के लिए दुआ की गई। कुल की रस्म के साथ उर्स का समापन हो गया।

दरगाह आला हजरत के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि फज्र की नमाज के बाद कुरानख्वानी का आयोजन हुआ। फिर सुबह आठ बजे इस्लामिया मैदान में महफिल का आगाज हुआ। इस्लामिया मैदान में दुनिया भर के उलेमा की तकरीर। जिन्हें सुनने के लिए लोगों का हुजूम मौजूद रहा। आलम ये था कि इस्लामिया मैदान में पैर तक रखने की जगह नहीं थी। यही स्थिति सौदागरान स्थित दरगाह की रही। दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खां (सुब्हानी मियां) व सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा कादरी (अहसन मियां) की सदारत व सैयद आसिफ मियां की देखरेख में तमाम आयोजन हुए। कुल के बाद बड़ी तादात में लोग मुरीद भी हुए।
उलमा बोले, इस्लाम खतरे में नहीं
उर्स ए रजवी के मंच से उलमा ने अपनी तकरीर में कहा कि बरेली के हर सड़क पर आला हजरत के दीवानों का जन सैलाब है। अमेरिका के राष्ट्रपति, भारत के प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी देख रहे होंगे। आला हजरत से लोगों की मोहब्बत यह दिखाती है कि इस्लाम ना कल खतरे में था ना आज खतरे में है ना कल खतरे में रहेगा।

मथुरापुर मदरसा में हुआ कुल
इसके अलावा मथुरापुर स्थित मदरसा में काजी-ए-हिंदुस्तान मुफ्ती असजद रजा खां की सदारत में कार्यक्रम का आयोजन हुआ। यहां भी देश-विदेश से आने वाले जायरीन का हुजूम उमड़ा। दिन भर उलमा की तकरीर का सिलसिला चलता रहा और ठीक 2 बजकर 38 मिनट पर कुल की रस्म अदा की गई और मुल्क के लिए दुआ हुआ। इसके साथ ही तीन दिवसीय उर्स का समापन हो गया।

जिला प्रशासन का किया गया धन्यवाद
पिछले तीन दिन से पुलिस और प्रशासन की टीमों समेत अफसर पसीना बहा रहे थे। कुल के समापन पर उर्स के मंच से जिला प्रशासन के इंतजाम की तारीफ की गई। मंच से कहा गया कि उर्स को सकुशल संपन्न कराने में जिला प्रशासन और पुलिस का भरपूर सहयोग और मेहनत रही। जिसके लिए उनका दिल से धन्यवाद किया गया।

बरेली से रोहिताश कुमार की रिपोर्ट

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