जंगल में फेंके थे बेटी और प्रेमी के शव
💔 10 साल बाद ऑनर किलिंग को सजा: नाबालिग प्रेमी युगल की हत्या में लड़की के पिता-चाचा को उम्रकैद
सबूत छिपाने में मां को भी 7 साल की जेल; ₹1 लाख का जुर्माना भी लगा
[स्थान]: एक 10 वर्ष पुराने ऑनर किलिंग (Honour Killing) के सनसनीखेज मामले में न्याय की जीत हुई है। नाबालिग प्रेमी युगल की बेरहमी से हत्या करने के मामले में शुक्रवार को अपर सत्र न्यायाधीश (तृतीय) अभय श्रीवास्तव ने फैसला सुनाया।
न्यायाधीश ने लड़की के पिता वीरपाल और चाचा राजेंद्र को हत्या का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सज़ा सुनाई है। इसके साथ ही, दोनों पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
📅 क्या था 10 साल पुराना मामला?
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मृतक युगल: 16 वर्षीय दीपक और जावित्री के बीच प्रेम संबंध थे।
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घटना की रात: पुलिस के अनुसार, यह घटना 24 मार्च 2015 की रात को हुई थी। दीपक अपने परिचित सोनू के घर दावत में गए थे। सोनू जावित्री के घर में किरायेदार था।
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शवों की बरामदगी: दीपक के वापस न लौटने पर परिवार ने तलाश शुरू की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। अप्रैल के पहले सप्ताह में दीपक और जावित्री के शव जंगल में बरामद हुए।
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FIR: दीपक के परिजनों ने जावित्री के पिता वीरपाल, चाचा राजेंद्र कुमार व अन्य के खिलाफ अपहरण और हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।
🔪 कबूलनामा: बेटी समेत प्रेमी को मार डाला
गिरफ्तारी के बाद पिता वीरपाल ने पुलिस के सामने अपना गुनाह कबूल किया:
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उसने चाचा राजेंद्र कुमार की मदद से पहले दीपक को पीट-पीटकर मार डाला।
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इसके बाद, उन्होंने अपनी बेटी जावित्री की भी गला घोंटकर हत्या कर दी।
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हत्या के बाद दोनों के शव जंगल में फेंक दिए गए।
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हत्या के एक सप्ताह बाद, आरोपियों ने पुलिस को गुमराह करने के लिए थाने जाकर झूठी शिकायत दर्ज कराई कि दीपक उनकी बेटी को बहला-फुसलाकर ले गया है।
🔗 मां भी साजिश में शामिल
विवेचना (Investigation) में यह खुलासा हुआ कि जब वीरपाल और राजेंद्र दीपक का अपहरण कर उसे प्रताड़ित कर रहे थे, और दोहरा हत्याकांड किया गया, तब जावित्री की माता कमला देवी भी मौके पर मौजूद थी।
कमला देवी पर दोनों शवों को ठिकाने लगाने में सबूत छिपाने और मदद करने का आरोप साबित हुआ। इसी आधार पर न्यायालय ने कमला देवी को सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है।
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