तीन दिन चले आला हजरत के 107वें उर्स को पुलिस-प्रशासन की मुस्तैदी ने सकुशल सम्पन्न करा दिया,
बरेली। तीन दिन चले आला हजरत के 107वें उर्स को पुलिस-प्रशासन की मुस्तैदी ने सकुशल सम्पन्न करा दिया, लेकिन शाम ढलते-ढलते शहर का माहौल बिगाड़ने की कोशिश कुछ खुराफातियों ने कर डाली। मामला प्रेमनगर थाना क्षेत्र के शाहबाद मोहल्ले का है, जहां खाटू श्याम के कीर्तन के दौरान अचानक बवाल होते बच गया। कहासुनी इतनी बढ़ी कि पंडाल फाड़ दिया गया और मारपीट में कई लोग घायल हो गए। सूचना मिलते ही पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची और हालात काबू में किए। अधिकारियों ने साफ कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
पड़ोसियों में विवाद, कीर्तन बना अखाड़ा
बुधवार की शाम शाहबाद निवासी रमेश के घर पर खाटू श्याम का भजन-कीर्तन चल रहा था। भक्तगण भक्ति रस में डूबे थे कि तभी पड़ोसी फैजान और हसन ने आपत्ति जता दी। पहले तीखी नोकझोंक हुई और देखते-देखते मामला धक्का-मुक्की और मारपीट में बदल गया। आरोप है कि गुस्साए युवकों ने कीर्तन का पंडाल भी फाड़ डाला। अचानक मचे बवाल से आसपास इलाके में भगदड़ जैसी स्थिति बन गई खबर पुरे शहर मे आग कि तरह फ़ैल गई।
कई लोग घायल हुए मारपीट में शामिल कुछ लोगों को हल्की चोटें आईं। चीख-पुकार सुनकर स्थानीय लोग इकट्ठा हो गए और पुलिस को सूचना दी।
सूचना मिलते ही डायल 112, प्रेमनगर थाने की पुलिस और सीओ सिटी आशुतोष शिवम फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। देखते ही देखते पूरा मोहल्ला छावनी में बदल गया। पुलिस ने हंगामा करने वालों की पहचान शुरू कर दी और रातभर इलाके में पिकेट तैनात रही।
सीओ सिटी ने सख्त लहजे में कहा – “दोनों पक्षों में विवाद हुआ है। धक्का-मुक्की और झड़प की जानकारी मिली है। पिकेट तैनात कर दी गई है। किसी भी सूरत में कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। जैसे ही पीड़ित पक्ष की तहरीर मिलेगी, मुकदमा दर्ज कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
उर्स के बाद माहौल बिगाड़ने की कोशिश
गौरतलब है कि बरेली में आला हजरत का 107वां उर्स अभी ही सम्पन्न हुआ है, जिसमें लाखों जायरीन शामिल हुए थे। पूरे शहर में प्रशासन ने शांति और सुरक्षा की मिसाल कायम की थी। लेकिन उसके तुरंत बाद शाहबाद की घटना ने हालात को ताजा चुनौती दी। स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ खुराफाती तत्व जानबूझकर धार्मिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
पुलिस-प्रशासन की सख्ती से थमा बवाल
पुलिस की तैनाती के बाद मोहल्ले में शांति बनी हुई है। लोग कीर्तन स्थल पर दोबारा जुटकर भक्ति कर रहे हैं। वहीं प्रशासन का कहना है कि शहर का माहौल खराब करने वाले किसी भी तत्व को बख्शा नहीं जाएगा।
साफ है कि शाहबाद की यह घटना केवल एक विवाद नहीं बल्कि सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश थी। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से हालात बिगड़ने से बच गए, लेकिन यह भी साबित हो गया कि कुछ लोग शहर की गंगा-जमुनी तहज़ीब को चोट पहुंचाने की फिराक में हैं।
बरेली से रोहिताश कुमार की रिपोर्ट