हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में ‘वैश्विक निवेशक बैठक 2019’ में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन का मूल पाठ

हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में ‘वैश्विक निवेशक बैठक 2019’ में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन का मूल पाठ

हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय जी, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी प्रह्लाद पटेल जी,अनुराग ठाकुर जी, नीति आयोग के वाइस चेयरमैन डॉक्टर राजीव कुमार जी,UAE के भारत में एंबेसेडर डॉक्टर अहमद अल्बाना, उद्योग जगत के दिग्गज साथी, यहां उपस्थित अन्य महानुभाव और मेरे प्रिय साथियोंधर्मशाला में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट !!!

ये कल्पना नहीं, सच्चाई है, अभूतपूर्व है, अद्भुत है, बधाई हो आपको।ये हिमाचल प्रदेश का एक स्टेटमेंट है, पूरे देश को, पूरी दुनिया को, कि हम भी अब कमर कस चुके हैं।

आज हिमाचल कह रहा है- Yes, We Have Arrived !!!इसलिए सबसे पहले मैं हिमाचल प्रदेश सरकार, जयराम जी और उनकी टीम को मां ज्वाला जी के सानिध्य में इस आयोजन के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,आज हम सभी एक ऐसे स्थान पर एकत्र हुए हैं जहां कण-कण में शक्ति का वास है,

जहां आकर एक नई ऊर्जा मिलती है।देवियों ने, देवताओं ने, ऋषियों ने, तपस्वियों ने इस स्थान को दिव्यता भी दी है और प्राकृतिक संपन्नता का आशीर्वाद भी दिया है।इस वातावरण में आप सभी Wealth Creators का स्वागत करते हुए मुझे आनंद हो रहा है।

भाइयों और बहनों, पहले इस प्रकार केInvestors Summits देश के कुछ ही राज्यों में हुआ करते थे।यहां अनेक ऐसे साथी मौजूद हैं जिन्होंने पहले की स्थितियां देखी हैं।लेकिन अब स्थितियां बदल रही हैं और इसकी एक गवाह यहां हिमाचल में हो रही ये समिट भी है।अब राज्यों में बिजनेस को आकर्षित करने के लिए, निवेश को आकर्षित करने के लिए एक नई होड़ शुरू हुई है।

साथियों,कुछ दशक पहले हमारे देश में ये हालत थी कि कौन सा राज्य ज्यादा चैरिटी करेगा, कौन ज्यादा Incentive देगा,कोई टैक्‍स माफ करेगा, कोई बिजलीमाफ करेगा, कोई जमीन सस्‍ती बेचेगायही स्पर्धा चलती रहती थी।अनुभव यही कहता है कि इस तरह की स्पर्धा ने वो परिणाम नहीं दिए, जैसे अपेक्षित थे।तब निवेशक भी इस इंतजार में रहते थे कि अब कौन सा राज्य ज्यादा से ज्यादा रियायत देगा, Incentive देगा।इस कारण Investors भी किसी राज्य में निवेश का निर्णय टालते रहते थे।उन्हें भी लगता था कि भाई, 5 परसेंट छूट क्यों लें, हो सकता है आगे 10 परसेंट, या 15 परसेंट की छूट मिल जाए।

लेकिन साथियों,मुझे संतोष है कि पिछले कुछ वर्षों में, इस स्थिति में भी आमूल-चूल परिवर्तन आया है।अब राज्य सरकारें समझने लगी हैं कि रियायतों की स्पर्धा न राज्य का भला करती हैं और न ही उद्योगों का।

साथियों, निवेशक के लिए ये आवश्यक है कि उसे उपयुक्त इको-सिस्टम मिले, इंस्पेक्टर राज से मुक्ति मिले, हर मोड़ पर सरकार के परमिट राज का शिकार न होना पड़े।इन दिनों सरकारें इस इको-सिस्टम को बनाने की स्पर्धा में आगे आ रही हैं, व्यवस्था सरल कर रही हैं, कानूनों में बदलाव कर रही हैं, गैर-जरूरी नियमों को समाप्त कर रही हैं।राज्यों में ये कंपटीशन जितना बढ़ेगा, हमारे उद्योग भी ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर कंपीट करने के लिए सामर्थ्यवान बनेंगे,

दूसरे उद्योगों से मुकाबला करने की उनकी क्षमता बढ़ेगी।इसका लाभ राज्यों को होगा, राज्य के लोगों को होगा, देशवासियों को होगा और हिन्‍दुस्‍तान तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों, उद्योग जगत भी तो पारदर्शी और साफ-सुथरी व्यवस्था को पसंद करता है।बेवजह के नियम कायदे, सरकार का बहुत ज्यादा दखल कहीं न कहीं उद्योगों के बढ़ने की रफ्तार को रोकता है।मुझे खुशी है कि इसी सोच के साथ हिमाचल प्रदेश सरकार भी कई नए incentive ले रही है, महत्‍वपूर्ण निर्णय कर रही है, सही दिशा में सरकार भी काम कर रही है।यहां सिंगल विंडो क्लीयरेंस की व्यवस्था का निर्माण हो, Land Allotment को ट्रांसपेरेंट किया जाना हो या फिरसेक्टर स्पेसिफिक इंडस्ट्री पॉलिसी का गठन, इन कदमों ने यहां के Friendly Environment को Business Friendly भी बना दिया है।

साथियों, यहां इंडस्ट्री के बड़े-बड़े दिग्गज जुटे हुए हैं। आप सभी, उद्योग जगत के अन्य साथी इसे भी भली-भांति समझते हैं कि जब कंपनी की अलग-अलग यूनिट्स अच्छा रिजल्ट देती हैं तो कंपनी का भी रिजल्ट अपने-आप सुधर जाता है।इसलिए राज्यों में जब कुछ बेहतर होता है,

तो इसका सीधा प्रभाव देश के नतीजों पर पड़ता है।हिमाचल जैसे अनेक राज्यों में हो रहे बदलावों की वजह से ही आज भारत की पहचान, पहले से कहीं बेहतर Business Friendly Destination के तौर पर बनी है।

साथियों,आज भारत में विकास की गाड़ी नई सोच, नई अप्रोच के साथ 4 Wheels पर चल रही है।एक Wheel सोसायटी का, जो Aspiring है।एक Wheel सरकार का, जो नए भारत के लिए Encouraging है,एक Wheel Industry का, जो Daring है और एक Wheel ज्ञान का, जो Sharing है। इस प्रकार से इन 4 Wheel पर हम तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं।

आज सरकार जो भी फैसले ले रही है, वो भारत के हित के अनुसार,भारत के समाज कीआकांक्षाओं के अनुसार ले रही है।आज सरकार गरीब के घर, स्वास्थ्य, स्किलपर फोकस कर रही है, तो साथ-साथ Investment और Self-Employment पर भी बल दे रही है।

आज जितना महत्व Service Delivery पर है, उतना ही फोकस Business का माहौल सुधारने पर भी है।इसका भी नतीजा आपके सामने है।2014 से 2019 के बीच भारत ने Ease Of Doing Business Ranking में 79 Rank का सुधार किया है।इस बार भी हम दुनिया के टॉप 10 Performers में से एक हैं।हर साल हम एक नए पैरामीटर में तेज़ी से सुधार कर रहे हैं।पिछले साल हमने 10 में से 6 Indicators उसमें सुधार करने में सफलता पाई है।इस बार Insolvency के क्षेत्र में भारत ने बहुत बड़ी जंप लगाई है।इस कैटेगरी में हमने 50 से ज्यादा रैंक का सुधार किया है।

साथियों, ये रैंकिंग सुधरने का मतलब सिर्फ आंकड़ों का फेरबदल नहीं है।ये रैंकिंग सुधरने का मतलब है कि हमारी सरकार जमीन पर जाकर, जमीन की जरूरतों को समझते हुए फैसले ले रही है, नीतियां बना रही है। यहां जो लोग बैठे हैं, उन्हें पता है कि कैसे पहले एक-एक परमीशन के लिए महीनों का इंतजार करना पड़ता था, कितनी प्रक्रियाओं से गुजरना होता था।

साथियों,ये सिर्फ रैंकिंग में सुधार नहीं, बल्कि भारत में बिजनेस करने के तरीके में एक Revolution है और इस Revolution में साल दर साल हम नए आयाम जोड़ रहे हैं, नए सुधार कर रहे हैं।आज के ग्लोबल सीनेरियो में, भारत अगर आज मजबूती से खड़ा है,तो इसलिए, क्योंकि हमने अपनी अर्थव्यवस्था के फंडामेंटल्स को कमजोर नहीं पड़ने दिया है।

हमने Macro-economic में अपनी प्रतिबद्धता निरंतर बनाए रखी है और Fiscal Discipline का कड़ाई से पालन किया है।आज जब Global Economic Activity3 प्रतिशत तक नीचे आ गई है, भारत 5 प्रतिशत से ज्यादा की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है।हाल में जो रिपोर्ट्स आई हैं, वो ये उम्मीद जता रही हैं कि भारत आने वाले महीनों में और तेजी से आगे बढ़ेगा।

साथियों,हमारी नीयत नेक है और संवेदनशील भी।हमारे फैसलों में मजबूती है और इरादों में भी।कोई कल्पना नहीं कर सकता था कि GST कभी भारत में लागू होगा। हमने ये करके दिखाया।दीवालिया होने की स्थिति में देश की कंपनियों के पास कोई स्पष्ट Exit Route नहीं था।

आज Insolvency and Bankruptcy Code – IBC न सिर्फ एक सच्चाई है बल्कि लाखों करोड़ की फंसी हुई राशि की वापसी का कारण बन रहा है।Banking Reform भी बरसों से अटका हुआ था।इस दिशा में भी तेजी के साथ, बुलंद हौसले के साथ हमारी ही सरकार आगे बढ़ी।कल ही हमने देश के मध्यम वर्ग को ध्यान में रखते हुए लेकिन कल शाम को हमने कैबिनेट में मध्‍यम वर्ग के परिवारों को ध्‍यान में रखते हुए एक बहुत बड़ा फैसला लिया है।इस फैसले से साढ़े चार लाख से ज्यादा परिवारों के, अपने घर के सपनों को, उनके बरसों से अधूरे सपनों को पूरा करने में मदद मिलेगी।और इसी इरादे के साथ अब हमने देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने का लक्ष्य रखा है।

हमारी सरकार सरकारी प्रक्रियाओं की De-Bottle-necking पर बल दे रही है, Inter Department Co-Ordination को बढ़ा रही है, Time Limit में फैसले ले रही है।

हमारी कोशिश Tax Regime को Competitiveऔर Transparent बनाने की है।इस कड़ी में ही Corporate Tax से जुड़ा ऐतिहासिक फैसला लिया गया है।आज भारत दुनिया की सबसे कम Corporate Tax व्यवस्थाओं में से एक है।इस साल एक अक्तूबर के बाद जो भी नई घरेलू कंपनियां खुली हैं, उनके लिए कॉरपोरेट टैक्स घटाकर सिर्फ 15 प्रतिशत कर दिया गया है।

साथियों, पिछले महीने ही E-Assessment Scheme लागू की जा चुकी है।यानि टैक्स सिस्टम में अब Human Interface को कम से कम किया जा रहा है।इससे अधिक Transparency आएगी और Tax से जुड़े मामलों का भी तेज़ी से निपटारा होगा।

साथियों, 5 ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य सिर्फ सरकार का नहीं है। ये लक्ष्य देश के हर राज्य के सहयोग से ही प्राप्त होगा।हमारे यहां हर राज्य में अनेक संभावनाएं हैं, राज्य के हर जिले में अनेक संभावनाएं हैं, बहुत Potential है।इस Potential का जितना ज्यादा लाभ सरकारें, हमारा उद्योग जगत, हमारे लघु उद्योग, हमारा सर्विस सेक्टर उठाएगा, उतनी ही तेजी से हम आगे बढ़ेंगे।

भाइयों और बहनों, Potential को जब Policy का साथ मिलता है, तो Performance बढ़ जाती है।ये Performance ही Progress लाती है।यानि जिले की,राज्य की, देश की Progress inter-connected है।मैं आपको एक और उदाहरण देता हूं।इस उदाहरण में इंटरनेशनल रैंकिंग भी है, Potential भी है।और हिमाचल के लिए तो ये बहुत ही महत्वपूर्ण है। हिमाचल प्रदेश के लिए आज हमने जो tourism sector में ranking किया है उसका सीधा लाभ आज हिमाचल को मिलने की संभावना है।

साथियों,साल 2013 में भारत, World Economic Forum के Travel and Tourism Competitiveness Index में 65वें नंबर पर था।आज हम 34वें नंबर पर हैं।आखिर ये बदलाव कैसे आया?पाँच साल पहले भारत में सालाना करीब 70-75 लाख विदेशी टूरिस्ट आते थे।पिछले साल ये आंकड़ा 1 करोड़ विदेशी टूरिस्ट को पार कर चुका है।आखिर ये वृद्धि कैसे हुई?

साथियों, 2014 में भारत के लोगों को टूरिज्म सेक्टर से विदेशी मुद्रा में 1 लाख 20 हजार करोड़ रुपए की कमाई हुई थी।वहीं पिछले साल ये विदेशी मुद्रा बढ़कर करीब-करीब 2 लाख करोड़ रुपए पहुंच गई।ये परिवर्तन भी कैसे आया?

साथियों, हमने टूरिज्म सेक्टर के Potential को समझा, Travel And Tourism सेक्टर में Policy Intervention किए,दर्जनों नए देशों को e-Visa की सुविधा दी और इसी का नतीजा था कि Performance बदल गई, रैंकिंग बदल गई।

साथियों,आज भारत में टूरिज्म को एक Package की तरह Promote किया जा रहा है। Nature हो, Adventure हो, Spiritual हो, Medical हो, Eco हो, हर प्रकार के Tourism पर बल दिया जा रहा है।और हिमाचल इस मामले में संभावनाओं से भरपूर है।इतना अच्छा आयोजन आज यहां हो रहा है। इसलिए Conference Tourism की संभावनाएं तो हमें साक्षात दिख रही हैं।हम इस Potential को समझ लेंगे तो Progress बहुत दूर नहीं रह जाएगी।

साथियों, अभी यहां जो कॉफी टेबल बुक रिलीज हुई है या जो फिल्म दिखाई गई है,उसमें हिमाचल के Potential को विस्तार दिया गया है।मुझे याद है जब मैं सोलन जाता था,

तो कई बोर्ड लगे देखता था कि- मशरूम सिटी में आपका स्वागत है।इसी तरह लाहौल-स्पीति के आलू, कुल्लू की शॉल, कांगड़ा की पेंटिंग भी तो मशहूर है।लेकिन अकसर जो लोग बाहर से आते हैं, उन्हें ये कम ही पता होता है।प्रत्येक जिलों को पहचान देने वाली इन चीजों को कैसे प्रमोट किया जाए, इस बारे में भी नए तरीके सोचने की आवश्यकता है।इसलिए मैं ये भी कहूंगा कि हिमाचल का Potential अब भी Untapped है।

अब सोचिए, हिमाचल में IIT है, ट्रिपल IT है, NIT है, CIPET है, IIFT पर काम हो रहा है।ऐसे में यहां टेक्नोलॉजी के विस्तार का Potential है।यहां के सेब, नाशपाति, प्लम जैसे फलों से लेकर टमाटर, गुच्छी, मशरूम, शिमला मिर्च जैसी सब्जियों तक की डिमांड है।इसलिए यहां के फूडफूड प्रोसेसिंगफार्मिंग और फार्मा सेक्टर में जबरदस्त Potential है।

साथियों, यहां हमेशा से ऑर्गेनिक खेती होती रही है।देश की ऐसी शायद ही कोई Pharma कंपनी हो जो हिमाचल में दवाइयों की Manufacturing ना करती हो।इस सेक्टर के विस्तार के लिए भी यहां खूब संभावनाएं हैं।

हां, मैं मानता हूं कि इन अपार संभावनाओं के बीच, पहले हिमाचल में एक Gap महसूस होता था।ये Gap था Quality Infrastructure और सरकारी प्रक्रियाओं के सरलीकरण का।केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के साथ मिलकर इस Gap को भरने की पूरी कोशिश की है।जब से यहां जयराम जी की टीम को अवसर मिला है, तबसे ये प्रकिया और तेज़ हुई है।

आज हिमाचल में इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी से जुड़ी अनेक परियोजनाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है।हाइड्रोपावर के साथ-साथ Renewable Energy के दूसरे स्रोत हों या फिररोड, रेल या

एयर कनेक्टिविटी हर स्तर पर तेज़ी से काम हो रहा है।मुझे बताया गया है कि उड़ान योजना के तहत हिमाचल प्रदेश ने हेली-टैक्सी सेवा आरंभ की है। शिमला, धर्मशाला, कुल्लू, चंडीगढ़ इस सुविधा से जुड़ गए हैं।

इसके अलावा हजारों करोड़ रुपए के निवेश से नेशनल हाईवेज का भी विस्तार किया जा रहा है।रोहतांग सुरंग का काम पूरा होने का लाभ तो लाहौल-स्पिति और लद्दाख तक को मिलेगा।वहीं ‘नंगल डैम-तलवाड़ा’रेल लाइन, ‘चंडीगढ़-बद्दी’रेल लाइन, ‘ऊना-हमीरपुर’ रेल लाइनऔर ‘भानुपल्ली-बिलासपुर-बेरी’ रेल लाइनइस पूरे क्षेत्र की कनेक्टिविटी को नया आयाम देंगी।अगले कुछ वर्षों में देश के इंफ्रास्ट्रक्चर पर100 लाख करोड़ रुपए के निवेश का लाभ हिमाचल को भी मिलने वाला है।

साथियों, आज सही मायने में हिमाचल, भारत की ग्रोथ स्टोरी को नई रोशनी देने के लिए तैयार है और मेरे इस विश्वास के पीछे हिमाचल की मेरी अपनी समझ है।हिमाचल Business के लिए हर ज़रूरी शर्त को पूरा करता है।बिजनेस के लिए Peace चाहिए, वो हमेशा हिमाचल की ताकत रही है।Diversity को स्वीकार करने वाली सोसायटी चाहिए,वो हिमाचल में हमेशा से मौजूद रही है।यहां Geographical और Linguistic Diversity भी बहुत अधिक है। एक दूसरे की बोली कई बार समझ तक नहीं आती, लेकिन एक दूसरे से जुड़ाव अद्भुत है।

इसके साथ-साथ हिमाचल देश के उन राज्यों में है, जहां Literacy Rate High है।हिमाचल के कोने-कोने में आपको व्यापार, व्यवसाय में लगे लोग दिख जाएंगे।वो सरकार का इंतजार नहीं करते। जो भी संसाधन उनके पास होते हैं वो उन्हीं से शुरुआत कर देते हैं।यहां के लोगों के भीतर एक स्वाभाविक उद्यम भावना है, जिसका लाभ निवेशकों को होता है।

इतना ही नहीं, हिमाचल प्रदेश, देश के रक्षा क्षेत्र की भी बहुत बड़ी ताकत है। यहां का कोई परिवार ऐसा नहीं है जो सैन्य बल न जुड़ा हो। और दूसरी बात है आप हिमाचल के किसी गांव में जा कर बैठोगे क्‍योंकि मेरा यहां काफी अनुभव रहा है और गांव वालों से बातें करोगे तो एक प्रकार से आपको वहां लघु भारत मिलेगा।हमारे रिटायर्ड फौजियों के तौर पर हिमाचल प्रदेश के पास उनका अनुभव, बहुत बड़ा Skill-Set है।अनेक सेक्टर्स के लिए और विशेषकर डिफेंस इंडस्ट्रीज के लिए ये Man-power बहुत काम आ सकता है।

साथियों, हिमाचल की Community और यहां का Potential, आपकी Capital, और यहां की Policy में Clarity,बहुत बड़े परिवर्तन का माध्यम बनेगी। और जब आप यहां के युवाओं को अधिक से अधिक अवसर देंगे, उनके Talent का उपयोग करेंगे, तो ये लाभ कई गुना बढ़ जाएगा।

अंत में आप सभी का एक बार फिर इस समिट में हिस्सा लेने के लिए बहुत-बहुत आभार व्‍यक्‍त करता हूं और मैं यहां आज मेहमान नहीं हूं मैं भी एक प्रकार से हिमाचली हूं। और इ‍सलिए आप मेरे यहां आए हैं, आप सब मेरे मेहमान हैं और मैं आपको विश्‍वास दिलाता हूं कि आप हिमाचल की धरती पर अपना नसीब अजमाइए, हिमाचल आपको आर्शीवाद देता रहेगा आप फलेंगे-फूलेंगे, बहुत-बहुत प्रगति करेंगे, हिमाचल भी बढ़ेगा, हिन्‍दुस्‍तान भी बढ़ेगा और आप भी बढ़ेंगे। इसी एक विश्‍वास के साथ आप सब को मेरी तरफ से बहुत-बहुत शुभकामनाएं, बहुत-बहुत बधाई और सरकार को भी इस भव्‍य आयोजन के लिए अनेक-अनेक साधुवाद।

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