स्वानंद किरकिरे का नाटक खोलेगा बॉलीवुड का असली चेहरा फिरोज़ जाहिद खान कर रहे हैं ‘बेला मेरी जान’ नाटक का निर्देशन

मुंबई (अनिल बेदाग): मुंबई यूनिवर्सिटी के कलीना कैंपस में जल्द ही रंगमंच का एक खास आयोजन होने जा रहा है। इस मंचन में दर्शक देखेंगे मशहूर लेखक और गीतकार स्वानंद किरकिरे का लिखा नाटक ‘बेला मेरी जान’, जिसका निर्देशन कर रहे हैं नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से जुड़े रंग निर्देशक फिरोज़ जाहिद खान।
आर्यन खान की चर्चित वेब सीरीज़ के बाद यह नाटक भी फिल्म इंडस्ट्री का एक नया और कड़वा सच सामने लाने जा रहा है। किरकिरे की यह प्रस्तुति उन संघर्षों और कीमतों को उजागर करेगी, जो कोई व्यक्ति बॉलीवुड में जगह बनाने के लिए चुकाता है।
निर्देशक फिरोज़ जाहिद खान का कहना है, “स्वानंद जी का लिखा यह नाटक बेहद शानदार है। इतने बड़े लेखक के काम को मंच पर उतारना मेरे लिए खुशी और गर्व की बात है।”
‘बेला मेरी जान’ एक संगीतमय डांस-ड्रामा है, जिसकी पृष्ठभूमि मुंबई की चकाचौंध से भरी गलियों में रची गई है। यह कहानी है राम वर्मा, एक चालाक जासूस की, जो एक युवती की लापता बहन उज्ज्वला को खोजने के मिशन पर निकलता है।
तलाश उसे बार, गलियों और फिल्मी चमक-धमक की दुनिया तक ले जाती है, जहां उज्ज्वला अब “बेला” नाम की नक़ाबपोश गायिका बन चुकी है। गैंगस्टरों, बार डांसर्स, फिल्मी सितारों और सपने देखने वालों के बीच बुनी गई यह कथा हास्य, रोमांच और भावनाओं के उतार-चढ़ाव से भरी हुई है।
फिरोज़ जाहिद खान कहते हैं, “यह नाटक फिल्म इंडस्ट्री की हकीकत दिखाता है। अक्सर लोग दूसरों को देखकर स्टार बनने का सपना पाल लेते हैं और गलत चंगुल में फंसकर भटक जाते हैं। यही हमने इस नाटक में दिखाने की कोशिश की है।”
यह नाटक 27, 28 और 29 सितंबर को शाम 7 बजे मुंबई यूनिवर्सिटी के कलीना कैंपस में मंचित होगा। टीम और कलाकारों की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। निर्देशक को विश्वास है कि दर्शक इस नाटक को खूब सराहेंगे।

गोपाल चंद्र अग्रवाल संपादक आल राइट्स मैगज़ीन

मुंबई से अनिल बेदाग की रिपोर्ट

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